क्या इजरायल को भी किसी बात का डर है? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि अमेरिका जाने के लिए जब प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को लेकर उनका विशेष विमान उड़ा तो उसने अलग रास्ता पकड़ लिया. यह वो आम रूट नहीं था जिससे तेल अवीव से अमेरिका जाया जाता रहा है. नेतन्याहू के प्लेन ने मध्य यूरोप में घुसने की जगह दक्षिणी यूरोप के किनारे-किनारे समंदर के रास्ते दूरी तय की. समंदर के ऊपर का मतलब ऐसा क्षेत्र जहां से आबादी या कहें किसी तरह के एक्शन की संभावना कम रहती है.
सोशल मीडिया पर वो रूट भी शेयर किया जा रहा है जिससे होकर नेतन्याहू अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में शामिल होने के लिए गए हैं. मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि यह रूट इसलिए चुना गया जिससे यूरोप के किसी देश में इमर्जेंसी लैंडिंग वाली कोई स्थिति पैदा न हो सके. इसकी वजह यह है कि नेतन्याहू के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत ने अरेस्ट वारंट जारी कर रखा है. इसका पालन करने के लिए नेतन्याहू के प्लेन को घेरा जा सकता था.

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