Last Updated:May 15, 2025, 14:57 IST
Mango Mela: धारवाड़ के आम मेले में किसान प्रमोद गांवकर द्वारा उगाए गए मीया जैकी आम ने सबका ध्यान खींचा. इस खास किस्म का एक आम 10,000 रुपये में बिका, जिससे किसान की मेहनत को बड़ी कामयाबी मिली.

धारवाड़ आम मेला
हर साल अप्रैल और मई का महीना आते ही फलों के राजा कहे जाने वाले आम की बहार आ जाती है. पूरा बाज़ार आम की खुशबू से महकने लगता है. बच्चे हों या बड़े, आम का स्वाद हर किसी को पसंद आता है. जैसे ही आम का पहला टुकड़ा मुंह में जाता है, ज़ुबान पर मिठास और दिल में खुशी फैल जाती है. इस बार भी कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला धारवाड़ में आयोजित आम मेले में, जहां देश-विदेश से खरीदार पहुंचे खास किस्मों के आम खरीदने.
10 हज़ार रुपये में बिका एक आम
कर्नाटक के धारवाड़ जिले में बागवानी विभाग द्वारा आयोजित आम मेले में ‘मीया जैकी’ किस्म का आम सबसे बड़ी चर्चा का विषय बना. इसकी खासियत यह रही कि इस आम को एक ग्राहक ने पूरे 10,000 रुपये में खरीदा. इस आम को उगाने वाले किसान प्रमोद गांवकर ने बताया कि इस बार उनके एक पेड़ पर 25 मीया जैकी आम लगे, जिनकी गुणवत्ता और स्वाद देखने लायक है. उन्होंने इसे 100 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचना शुरू किया था, लेकिन जैसे-जैसे लोगों को इसके बारे में पता चला, इसकी कीमत आसमान छूने लगी.
‘मीया जैकी’ और ‘मियाज़ाकी’ आमों की मांग में जबरदस्त उछाल
इस बार मेले में मियाज़ाकी और अपोसा किस्मों के आम की भी जमकर मांग रही. मियाज़ाकी किस्म का आम जापानी नस्ल से जुड़ा है, जिसे ‘रूबी मैंगो’ भी कहा जाता है. इसकी खास बात यह है कि यह न केवल स्वाद में बेहतरीन होता है, बल्कि दिखने में भी बेहद आकर्षक होता है. धारवाड़ के किसान प्रमोद गांवकर ने बताया कि उन्होंने इन आमों को उगाने में काफी मेहनत की है और अब उसका फल मिल रहा है.
धारवाड़ के किसान बना रहे हैं आम की खेती को नई पहचान
धारवाड़ में आम की खेती को लेकर एक नया जोश देखने को मिल रहा है. जिले में करीब 8,881 किसान हैं जो लगभग 29,610 एकड़ ज़मीन पर आम की खेती कर रहे हैं. यहां की जलवायु आम के लिए बेहद अनुकूल है. हालांकि इस साल मौसम थोड़ा बदल गया था, जिससे उत्पादन में थोड़ी कमी आई है, लेकिन गुणवत्ता में कोई कमी नहीं है. अब किसान नई-नई किस्मों पर फोकस कर रहे हैं, जिससे उन्हें बेहतर दाम मिल सके.
प्रगतिशील किसान प्रमोद गांवकर ने उगाई 100 से ज्यादा किस्में
प्रमोद गांवकर ने अपने बगीचे में आम की 100 से अधिक किस्में उगाई हैं, जिनमें से ‘स्वर्णरेखा’ और ‘मियाज़ाकी’ सबसे महंगी और खास मानी जाती हैं. उन्होंने बताया कि अगर सरकार और बागवानी विभाग किसानों को अच्छे बीज और जानकारी दें, तो आम की खेती से किसानों की आमदनी दोगुनी की जा सकती है.
बागवानी विभाग की पहल से मिला नया प्लेटफॉर्म
धारवाड़ के आम मेले का उद्घाटन उपायुक्त दिव्या प्रभु ने किया और बताया कि ऐसे मेलों से किसानों को अपना फल सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने का मौका मिलता है. इससे बिचौलियों की भूमिका खत्म होती है और किसान को सही दाम मिल पाता है. उन्होंने कहा कि यह मेला सिर्फ 3 दिन नहीं बल्कि 5 दिन तक चलना चाहिए, ताकि ज्यादा किसान और ग्राहक इसका फायदा उठा सकें.
ग्राहकों को पसंद आया एक जगह कई किस्मों का स्वाद
मेले में आए ग्राहक बसवराज गोकवी ने कहा कि यह बहुत अच्छा मौका है जब एक ही जगह पर देश-विदेश के कई तरह के आम चखने और खरीदने को मिलते हैं. उन्होंने कहा कि अगर और भी किसान मीया जैकी और मियाज़ाकी जैसे आम उगाएं तो भारत दुनिया में और आगे निकल सकता है.
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