Ottawa News: खालिस्तान समर्थकों की चिढ़ भारत से काफी ज्यादा है. दुनिया के कई हिस्सों में इनके प्रदर्शन देखे जाते हैं. एक बार फिर ऐसा आलम ओटावा में देखने को मिला है. यहां पर पड़ रही कड़ाके की ठंड और बर्फबारी के बीच अनऑफिशियल ‘खालिस्तान रेफरेंडम’ में भारतीय झंडे का अपमान किया गया. इतना नहीं मार डालो के नारे भी लगाए गए. यह प्रोग्राम सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के द्वारा आयोजित किया गया था. जिसे भारत ने बैन किया है.
अलग देश की मांग
TOI की रिपोर्ट के मुताबिक बर्फबारी के बीच हजारों कनाडाई सिख घंटों तक लाइन में लगे रहे. सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने यह नॉन-बाइंडिंग रेफरेंडम ऑर्गनाइज किया था. इसे भारत में UAPA के तहत उसकी विध्वंसक गतिविधियों के लिए बैन किया गया है. इस प्रोग्राम में उनसे वोट करने के लिए कहा गया कि क्या वे “खालिस्तान” नाम का एक अलग देश चाहते हैं और पंजाब भारत से अलग हो जाए.
लोगों ने की वोटिंग
SFJ ने दावा किया कि ओंटारियो, अल्बर्टा, ब्रिटिश कोलंबिया और क्यूबेक के 53,000 से ज्यादा कनाडाई सिख वोट डालने के लिए दो किमी तक लाइन में खड़े रहे. इसमें नए जन्मे बच्चों से लेकर वॉकर इस्तेमाल करने वाले बुज़ुर्गों तक, परिवार पूरे दिन लाइन में लगे रहे. दोपहर 3 बजे वोटिंग बंद होने का समय होने पर भी हजारों लोग इंतज़ार कर रहे थे, और वोटिंग जारी रही ताकि वे वोट डाल सकें.
पुलिस के सामने की हरकत
रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस लायजन ऑफिसर वहीं खड़े थे, जब खालिस्तान सपोर्टर भारत के नेताओं और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ “मार डालो” के नारे लगा रहे थे. SFJ के जनरल काउंसल गुरपतवंत सिंह पन्नून, जिन्हें भारत ने आतंकवादी बताया है. उन्होंने सैटेलाइट मैसेज के जरिए वोटरों से बात की. साथ ही आखिरी में भारतीय झंडे का भी अपमान किया गया. यह पहली बार नहीं है जब खालिस्तान समर्थकों ने उत्पात मचाया है. इससे पहले भी दुनिया के कई हिस्सों में इनका उत्पात देखा गया है. स्वतंत्रता दिवस पर ऑस्ट्रेलिया में भी इनका उत्पात देखने को मिला था.

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