UNSC Meeting On Israel-Iran War: हाल ही में अमेरिका की ओर से ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हवाई हमलों को लेकर चर्चा के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ( UNSC) की बैठक आयोजित की गई. इस दौरान पाकिस्तान, रूस और चीन ने 15 सदस्यीय निकाय से मिडिल ईस्ट में तत्काल बिना शर्त युद्ध विराम का आह्वान करने वाले प्रस्ताव को पारित करने का प्रस्ताव रखा.
बलप्रयोग से शांति हासिल नहीं हो सकती: चीन
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सुरक्षा परिषद को बताया,' अमेरिका द्वारा ईरानी परमाणु सुविधाओं पर बमबारी एक खतरनाक मोड़ है. हमें लड़ाई को रोकने और ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर गंभीर और निरंतर वार्ता पर लौटने के लिए तुरंत और निर्णायक रूप से कार्रवाई करनी चाहिए.' इस दौरान चीन के संयुक्त राष्ट्र के राजदूत फू कांग ने कहा,' मीडिल ईस्ट में शांति बल प्रयोग से हासिल नहीं की जा सकती. ईरानी परमाणु मुद्दे को सुलझाने के लिए कूटनीतिक साधन समाप्त नहीं हुए हैं और शांतिपूर्ण समाधान की अभी भी उम्मीद है.'
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अमेरिका की मांग
संयुक्त राष्ट्र में कार्यवाहक अमेरिकी राजदूत डोरोथी शिया ने UNSC से आग्रह किया कि वह ईरान से इजरायल के साथ युद्ध समाप्त करने और परमाणु हथियार बनाने के अपने प्रयास को खत्म करने का आग्रह करे. उन्होंने कहा,' ईरान ने लंबे समय तक अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को छुपाया और हाल ही में हुई वार्ताओं में हमारे सद्भावनापूर्ण प्रयासों को बाधित किया. ईरानी शासन के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकता.' इस दौरान रूस के संयुक्त राष्ट्र राजदूत वसीली नेबेंजिया ने साल 2003 में पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री कोलिन पॉवेल की ओर से UNSC में दिए गए उस तर्क को याद किया, जिसमें कहा गया था कि इराकी राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन अपने केमिकल और बायोलॉजिकल हथियारों के स्टोरेज के कारण दुनिया के लिए खतरा बने हैं. उन्होंने कहा,' हमें एक बार फिर अमेरिका की परी कथाओं पर विश्वास करने के लिए कहा जा रहा है, ताकि एक बार फिर मिडिल ईस्ट में रहने वाले लाखों लोगों पर दुख और तकलीफें थोपी जा सकें. इससे हमारा यह विश्वास और मजबूत होता है कि इतिहास ने हमारे अमेरिकी सहकर्मियों को कुछ नहीं सिखाया है.'
चीन, रूस और पाकिस्तान का प्रस्ताव
बता दें कि अमेरिका के हमले के बाद ईरान ने रविवार 22 जून 2025 को UNSC की बैठक का आग्रह किया था. बैठक के दौरान ईरान के संयुक्त राष्ट्र राजदूत आमिर सईद इरावानी ने इजरायल और अमेरिका पर कूटनीति को नष्ट करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कहा कि अमेरिका के सभी आरोप बेबुनियाद हैं और परमाणु अप्रसार संधि (Nuclear Non-Proliferation Treaty) को राजनीतिक हथियार में बदला जा रहा है. वहीं रूस, चीन और पाकिस्तान ने प्रस्ताव को लेकर परिषद के सदस्यों से सोमवार 23 जून 2025 की शाम तक अपने कमेंट शेयर करने के लिए कहा. माना जा रहा है कि अमेरिका इस प्रस्ताव का विरोध कर सकता है.