उधर ढाका में बवाल, इधर बंगाल की खाड़ी में होने वाला है कुछ बड़ा! NOTAM जारी

1 hour ago

नई दिल्ली: दक्षिण एशिया इस समय एक बार फिर अस्थिरता और तनाव के दौर से गुजर रहा है. बांग्लादेश में हिंसा, आगजनी और अल्पसंख्यकों पर हमलों की खबरें लगातार सामने आ रही हैं. 18 दिसंबर की रात मैमनसिंह जिले के भालुका उपजिला में कथित ईशनिंदा के आरोप में एक हिंदू मजदूर की नृशंस हत्या ने पूरे इलाके को दहला दिया. ऐसे माहौल में भारत ने बंगाल की खाड़ी में एक अहम और रणनीतिक कदम उठाया है.

बांग्लादेश में अराजकता के बीच भारतीय नौसेना ने 25-26 दिसंबर 2025 के लिए बंगाल की खाड़ी में बड़ा NOTAM जारी किया है. इस नोटिफिकेशन में करीब 680 किलोमीटर रेंज तक की मिसाइल गतिविधि का संकेत दिया गया है. यह कदम सिर्फ सैन्य अभ्यास नहीं, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा और भारत की रणनीतिक तैयारी का स्पष्ट संदेश माना जा रहा है.

India issues a notification for a likely naval missile test in the Bay of Bengal region, range is near 680-km

क्या है पूरा मामला?

भारत ने NOTAM (Notice to Airmen) जारी करते हुए बंगाल की खाड़ी के एक बड़े हवाई और समुद्री क्षेत्र को अस्थायी रूप से प्रतिबंधित किया है. यह प्रतिबंध 25 और 26 दिसंबर 2025 को लागू रहेगा. आमतौर पर ऐसा नोटिस तब जारी किया जाता है, जब किसी इलाके में मिसाइल परीक्षण या संवेदनशील सैन्य गतिविधि होने वाली होती है. नोटिफिकेशन में जिन निर्देशांक का जिक्र है, वे 470 से 680 किलोमीटर की रेंज को कवर करते हैं.

कौन-सी मिसाइल का हो सकता है टेस्ट?

हालांकि रक्षा मंत्रालय या नौसेना की ओर से किसी मिसाइल का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह सबमरीन से लॉन्च होने वाली बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) या फिर लंबी दूरी की स्ट्रैटेजिक मिसाइल का टेस्ट हो सकता है. अटकलें इसे K-4 या अग्नि सीरीज से जोड़ रही हैं, जिनका परीक्षण पहले भी इसी क्षेत्र में किया जाता रहा है.

कहां से होगा लॉन्च और कहां तक जाएगी मिसाइल?

सूत्रों के मुताबिक यह गतिविधि विशाखापत्तनम के पास से शुरू होकर बंगाल की खाड़ी के दूरस्थ हिस्सों तक हो सकती है. इसी कारण हवाई मार्गों और समुद्री जहाजों को पहले से सतर्क किया गया है, ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना से बचा जा सके.

Credit: AP

बांग्लादेश में क्या चल रहा है?

18 दिसंबर 2025 की रात बांग्लादेश के मैमनसिंह जिले के भालुका उपजिला में 30 वर्षीय दीपू चंद्र दास पर कथित ईशनिंदा का आरोप लगाकर उग्र भीड़ ने हमला कर दिया. दीपू एक गरीब हिंदू परिवार से था, गारमेंट फैक्ट्री में मजदूरी करता था और अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला था. रिपोर्ट्स के मुताबिक भीड़ ने उसे लाठियों से पीटा, फिर पेड़ से बांधकर आग लगा दी. यह घटना उस हिंसा का हिस्सा है, जो छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में भड़की है. जिसमें अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने की खबरें सामने आ रही हैं.

भारत के कदम का बांग्लादेश संकट से क्या संबंध?

भारत ने आधिकारिक तौर पर इस मिसाइल गतिविधि को बांग्लादेश की स्थिति से नहीं जोड़ा है. लेकिन समय को लेकर चर्चाएं तेज हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि पड़ोसी देश में राजनीतिक अस्थिरता, भीड़ हिंसा, मीडिया और अल्पसंख्यकों पर हमले जैसी घटनाओं के बीच भारत अपनी समुद्री और रणनीतिक सीमाओं को लेकर कोई ढिलाई नहीं बरतना चाहता.

सोशल मीडिया पर कैसे देखी जा रही है यह कार्रवाई?

सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में लोग इसे भारत का स्ट्रॉन्ग स्ट्रैटेजिक मैसेज बता रहे हैं. लोगों का कहना है कि यह कदम दर्शाता है कि भारत हर हाल में सतर्क है. क्षेत्रीय अस्थिरता से अप्रभावित है और अपनी सुरक्षा क्षमताओं को लेकर पूरी तरह तैयार है.

क्यों अहम है बंगाल की खाड़ी?

बंगाल की खाड़ी भारत की सामरिक सुरक्षा की रीढ़ मानी जाती है. यहीं से पूर्वी समुद्री सीमाएं सुरक्षित होती हैं. नौसेना की परमाणु क्षमता जुड़ी है. हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की रणनीतिक मौजूदगी मजबूत होती है.

आगे क्या संकेत मिलते हैं?

इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि यह केवल तकनीकी मिसाइल परीक्षण नहीं, बल्कि एक व्यापक रणनीतिक संकेत है. बांग्लादेश में जारी संकट के बीच भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.

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