नई दिल्ली. राज्यसभा में संविधान पर चर्चा का जवाब देते हुए अमित शाह ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला है. अमित शाह ने कहा कि किसी शायर ने मुझे दुष्यंत कुमार की पंक्ति भेजी है-
एक गुड़िया की कई कठ-पुतलियों में जान है,
आज शायर ये तमाशा देख कर हैरान है,
कल नुमाइश में मिला वो चीथड़े हाल कपड़े पहने हुए
मैंने पूछा नाम कि तुम कौन हो, तो उसने कहा- मैं संविधान हूं.
अमित शाह ने कहा कि दुष्यंत कुमार की ये कविता इंदिरा जी को समर्पित है. संविधान पर चर्चा के दौरान अतिम शाह का तंज केवल यहीं नहीं रुका. उन्होंने कई घटनाओं का हवाला देकर कांग्रेस को घेरने का का काम किया.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में संविधान पर बहस के दौरान कांग्रेस की तीखी आलोचना करते हुए लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम बिनाका गीतमाला का जिक्र किया. अमित शाह ने आपातकाल (1975-77) के दौरान कार्यक्रम के रोके जाने का जिक्र करते हुए तत्कालीन इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को संसद के सामने रखा. अपने निजी अनुभव को याद करते हुए शाह ने कहा कि ‘मैं बिनाका गीतमाला सुनता था, लेकिन आपातकाल के दौरान यह अचानक बंद हो गया… मेरे पड़ोसी ने मुझे बताया कि किशोर कुमार का इंदिरा गांधी से झगड़ा हो गया था, जिसके कारण उन्होंने उनके गीतों को प्रसारित करने पर रोक लगा दी थी. नतीजतन, 19 महीने तक जनता ने लता मंगेशकर और किशोर कुमार के युगल गीत केवल लता जी की आवाज में सुने.’
बिनाका गीतमाला एक लोकप्रिय रेडियो काउंटडाउन शो था जो 1952 से 1988 तक रेडियो सीलोन पर हर हफ्ते प्रसारित होता था. फिर 1989 में इसे ऑल इंडिया रेडियो नेटवर्क की विविध भारती सेवा में शामिल किया गया, जहां यह 1994 तक चला. अमीन सयानी द्वारा होस्ट किए जाने वाले इस शो में बॉलीवुड के फिल्मी गानों की लोकप्रियता के आधार पर रैंकिंग की जाती थी.
अमित शाह ने कांग्रेस सरकार द्वारा लगाई गई इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के दमन को पेश करने के लिए एक उदाहरण के रूप में लोकप्रिय कार्यक्रम का संदर्भ देते हुए कहा कि ‘और ये लोग लोकतंत्र की बात करते हैं. ऐसे कामों के कारण जनता ने उन्हें इतनी कड़ी सजा दी कि वे ऐसे उपायों को दोहराने का सपना भी नहीं देख सकते. इस बहस की जरूरत है ताकि कोई भी फिर कभी ऐसा काम न कर सके.’
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FIRST PUBLISHED :
December 17, 2024, 22:37 IST