Share Market Crash : भारतीय शेयर बाजार में जारी तेजी पर अचानक ब्रेक लग गया. देश और विदेश से आई 5 मुसीबतों ने निवेशकों का भरोसा डिगा दिया और मंगलवार को उन्होंने ट्रेडिंग शुरू होते ही बिकवाली शुरू कर दी और दोपहर तक सेंसेक्स में 1,000 अंकों से ज्यादा की गिरावट दिखने लगी. आखिर इस गिरावट का कारण क्या है और आगे क्या रणनीति अपनानी चाहिए.
News18 हिंदीLast Updated :December 17, 2024, 15:25 ISTWritten byPramod Kumar Tiwari
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शेयर बाजार के आंकड़े देखें तो मंगलवार को सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में ही 1 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दिख रही है. दोपहर 2.40 बजे तक सेंसेक्स 1,016 अंकों की गिरावट के साथ 80,732.93 पर ट्रेडिंग कर रहा था, तो निफ्टी 284 अंक टूटकर 24,400 के लेवल से भी नीचे चला गया. दोनों ही एक्सचेंज पर 1.2 फीसदी का नुकसान दिखा.
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आज के कारोबार में सबसे ज्यादा नुकसान फाइनेंशियल, मेटल, एफएमसीजी और आईटी सेक्टर के शेयरों को उठाना पड़ा. निफ्टी बैंक, निफ्टी एनर्जी और इन्फ्रा में तो 1 से 1.5 फीसदी तक गिरावट दिखी. इस दौरा निवेशकों के भी करीब 5 लाख करोड़ रुपये बाजार में डूब गए. आखिर इतनी बड़ी गिरावट का कारण क्या रहा और किसका असर ज्यादा दिखा.
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शेयर बाजार में गिरावट का सबसे पहला कारण तो अमेरिकी फेड रिजर्व की होने की बैठक रही, जिसमें एक बार फिर मुख्य ब्याज दर में कटौती के कयास लगने शुरू हो गए हैं. पिछली बैठक में फेड ने 25 आधार अंक कटौती की थी. जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार का कहना है कि फेड रिजर्व के मुखिया जेरोम पॉवेल ने संकेत दिया है कि ब्याज दर में कटौती का बाजार पर असर पड़ेगा. इसके बाद निवेशक भी सतर्क होकर पैसे लगा रहे हैं.
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दूसरा सबसे बड़ा कारण है डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी में रिकॉर्ड गिरावट. रुपया मंगलवार को 84.92 के स्तर पर चला गया, जिससे विदेशी फंड बाहर जा रहा है. मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि व्यापार घाटे के रिकॉर्ड लेवल पर जाने की वजह से भारतीय करेंसी दबाव में है और इसका सीधा असर विदेशी निवेशकों के फंड पर दिख रहा, जो लगातार निकासी कर रहे हैं. इसी दबाव में आज शेयर बाजार भी गिरा है.
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बाजार में गिरावट की तीसरी बड़ी वजह विदेशी निवेशकों की बेरुखी है. विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को 279 करोड़ रुपये बाजार से निकाल लिए. मिडकैप और स्मॉलकैप पर भी दबाव है, जिसकी वजह से मंगलवार को शेयर बाजार में शुरुआत से ही बिकवाली दिखी है और सेंसेक्स-निफ्टी में भी बड़ी गिरावट रही.
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एक और वजह रही जिससे बाजार में आज तेज गिरावट दिखी, क्योंकि निवेशकों ने ब्लूचिप कंपनियों के स्टॉक में बिकवाली की है. बाजार की हैवीवेट कंपनियां जैसे एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, भारती एयरटेल, नेस्ले, लार्सन एंड ट्रूबो, बजाज फिनसर्व, जेएसडब्ल्यू और टाइटन के शेयरों को भी निवेशकों ने बेच डाला. इसका असर ओवरऑल मार्केट पर दिखा और बड़ी गिरावट का सामना करना पड़ा.
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बैंक ऑफ जापान को भी इस बीच अपने पॉलिसी रेट को लेकर फैसला करना है, जो 18 और 19 दिसंबर को होगा. बैंक फिलहाल 0.25 फीसदी की ब्याज दर ले रहा है, जिसमें बढ़ोतरी की आशंका है. ऐसा हुआ तो जापान के शेयर बाजार पर दबाव बढ़ेगा, जो एशिया के बड़े बाजारों में आता है. जाहिर है कि इसका असर भी आगे शेयर बाजार पर आएगा, लिहाजा निवेशक अभी से सतर्क हो गए हैं.