Last Updated:October 29, 2025, 12:22 IST
Himachal News: हमीरपुर की मनीषा ने दक्षिण एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 400 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल जीतकर हिमाचल और परिवार का नाम रोशन किया, पिता रमेश चंद ने कर्ज लेकर साथ दिया.
दो वर्ष पहले मनीषा ने पंजाब के संगरूर में 400 मीटर दौड़ में 53.81 सेकेंड का समय निकाल कर स्वर्ण पदक जीता था. हमीरपुर. ट्रक पिता ने बेटी को मंजिल तक पहुंचनाने के लिए कर्ज लिया. बेटी ने भी पिता को कोशिश को असफल नहीं होने दिया और गोल्ड मेडल लेकर घर लौटी. मामला हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले का है.
दरअसल, सीएम सुक्खू के जिले हमीरपुर के गांव उटपुर की बेटी ने दक्षिण एशियाई एथलेटिक्स चैंपिय़नशिप में गोल्ड मेडल जीता है. झारखंड की राजधानी रांची में हुई दक्षिण एशियाई एथलेटिक्स चैंपिय़नशिप में 400 मीटर दौड़ में मनीषा ने स्वर्ण पदक हासिल किया है. बुधवार को धाविका मनीषा का हमीरपुर में पहुंचने पर साईं खेल संस्थान की ओर से भव्य स्वागत किया गया.
स्वर्ण पदक जीतकर मनीषा ने हमीरपुर ही नहीं, हिमाचल का नाम भी रोशन किया है. हमीरपुर कॉलेज के सिंथेटिक ट्रैक से निकली मनीषा ऐसी पहली खिलाड़ी है. जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक जीता है.
बुधवार को धाविका मनीषा का हमीरपुर में पहुंचने पर साईं खेल संस्थान की ओर से भव्य स्वागत किया गया.
गौरतलब है कि दो वर्ष पहले मनीषा ने पंजाब के संगरूर में 400 मीटर दौड़ में 53.81 सेकेंड का समय निकाल कर स्वर्ण पदक जीता था. उधर, 64वीं नेशनल इंटर स्टेट प्रतियोगिता में मनीषा ने कांस्य, खेलो इंडिया में 400 मीटर रिले रेस में कांस्य पदक जीता, अंडर-23 ओपन एथेलेटिक्स प्रतियोगिता में सिल्वर और इंटर यूनिवर्सिटी प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल अपने नाम किया था. मनीषा एक साधारण परिवार से संबंध रखती हैं. पिता रमेश चंद ट्रक ड्राइवर हैं और माता शीला देवी गृहिणी हैं. सामान्य परिवेश में पलकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी धमक बिखेरने के क्रम में मनीषा ने कोई कसर नहीं छोड़ी. पिता ने बेटी के सपने पूरे करने के लिए करीब डेढ लाख रुपये कर्ज लिया था.
सामान्य परिवेश में पलकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी धमक बिखेरने के क्रम में मनीषा ने कोई कसर नहीं छोड़ी.
ट्रेनिंग और मेहनत की बदौलत आज यह मुकाम हासिल हुआ
हमीरपुर सिथेटिंक ट्रेक में आयोजित कार्यक्रम में पहुंची धाविका मनीषा कुमारी ने अर्तराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड मेडल जीतने पर खुशी जाहिर की है. मनीषा ने कहा कि अपने कोच के ट्रेनिंग और मेहनत की बदौलत आज यह मुकाम हासिल हुआ है. वह कहती हैं कि पहले से सपना था कि देश का झंडा हासिल करूं और फिर पदक जीतू. धाविका मनीषा ने कहा कि नशा बहुत बढ़ रहा है. वह कहती हैं कि जिदंगी में कोई मुकाम हासिल करना है तो मेहनत बहुंत जरूरी है. मनीषा ने बताया कि 2028 ओलंपिक खेलों में वह मेडल जीतना चाहती हैं.
ओलंपिक में मेडल लाना सपना
मनीषा के पिता रमेश चंद ने बताया कि स्कूल के समय से ही मनीषा ने खेलों में रुचि दिखाई थी. आज मनीषा की मेहनत रंग लाई है, जिससे पूरा परिवार भी खुश है. उन्होंने बताया कि परिवार का भी खेलों में भाग लेने के लिए पूरा सहयोग दिया है. धाविका मनीषा कोच राजिन्दर सिंह ने भी इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मनीषा ओलंपिक और कॉमनवेल्थ गेम्स में भी देश का नाम रोशन करे. यही उम्मीद है.
Results-driven journalist with 14 years of experience in print and digital media. Proven track record of working with esteemed organizations such as Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesari and Amar Ujala. Currently...और पढ़ें
Results-driven journalist with 14 years of experience in print and digital media. Proven track record of working with esteemed organizations such as Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesari and Amar Ujala. Currently...
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Location :
Hamirpur,Hamirpur,Himachal Pradesh
First Published :
October 29, 2025, 12:18 IST

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