Last Updated:December 28, 2025, 13:29 IST
जम्मू-कश्मीर में आरक्षण नीति के खिलाफ छात्रों के प्रस्तावित विरोध मार्च से पहले पुलिस कार्रवाई को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. इस मार्च को रोकने के लिए पुलिस ने पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती, उनकी बेटी इल्तिजा, एनसी सांसद आगा रूहुल्लाह मेहदी सहित कई नेताओं को हाउस अरेस्ट कर लिया गया है.
जम्मू-कश्मीर में आरक्षण नीति के खिलाफ छात्रों के प्रस्तावित विरोध मार्च से पहले पुलिस कार्रवाई को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. जम्मू-कश्मीर में आरक्षण नीति के खिलाफ छात्रों के प्रस्तावित विरोध मार्च से पहले पुलिस कार्रवाई को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है. श्रीनगर के पोलो व्यू से राजभवन तक प्रस्तावित इस छात्र मार्च में शामिल होने से रोकने के लिए पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती, पार्टी विधायक वहीदुर रहमान पर्रा और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के सांसद आगा रूहुल्लाह मेहदी को हाउस अरेस्ट में रखा गया है. पूर्व श्रीनगर मेयर जुनैद मट्टू को भी नजरबंद किए जाने की खबर है.
अधिकारियों ने बताया कि महबूबा मुफ्ती, उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती, श्रीनगर से लोकसभा सदस्य रूहुल्लाह मेहदी, पीडीपी नेता वहीद पर्रा और श्रीनगर के पूर्व महापौर जुनैद मट्टू को उनके घरों में नजरबंद कर दिया गया है.
किस बात से नाराज हैं छात्र?
छात्रों ने सरकार की ‘आरक्षण को युक्ति संगत (रैशनलाइजेशन) बनाने में विफलता’ के खिलाफ रविवार को श्रीनगर में धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया था. ओपन मेरिट छात्रों का कहना है कि मौजूदा नीति में 60 प्रतिशत से अधिक सीटें आरक्षित श्रेणियों के लिए रखी गई हैं. ऐसे में ओपन मेरिट के लिए 40 प्रतिशत से भी कम सीटें बचती हैं, जो अन्यायपूर्ण है.
इस बीच पुलिस ने पोलो व्यू इलाके में छात्रों को एकत्र होने से रोक दिया. वहीं आगा रूहुल्लाह की तरफ से आरोप लगाया कि छात्रों के साथ-साथ कुछ छात्र नेताओं को भी हिरासत में लिया गया है. उनके ऑफिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर उनके आवास के बाहर तैनात पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तस्वीरें साझा करते हुए सवाल उठाया कि क्या यह शांतिपूर्ण, छात्र-हितैषी प्रदर्शन को दबाने की ‘पूर्व-नियोजित कार्रवाई’ है.
आगा रूहुल्लाह ओर वहिद पर्रा क्यों किए गए नजरबंद?
आगा रूहुल्लाह मेहदी श्रीनगर लोकसभा सीट से सांसद हैं. उन्होंने कहा कि अगर सरकार छात्रों से संवाद नहीं करती तो वे उनके साथ सड़कों पर उतरेंगे. उन्होंने दो दिन पहले ही कहा था कि वे इस मुद्दे को नहीं भूले हैं और न ही छात्रों को अकेला छोड़ेंगे. उन्होंने कहा था, ‘अगर सरकार शनिवार तक छात्रों से बात नहीं करती, तो मैं रविवार को उनके साथ चलूंगा और धरने में बैठूंगा.’
पीडीपी विधायक वहीद पर्रा को भी हाउस अरेस्ट में रखा गया है. वह इन ओपन मेरिट छात्रों के अधिकारों को लेकर मुखर रहे हैं. वहीं पीडीपी ने इसे शांतिपूर्ण छात्र आंदोलन को ‘हथियार’ बनाने की कोशिश बताया. पर्रा ने आरक्षण नीति को युवा पीढ़ी के लिए ‘अस्तित्व का सवाल’ बताते हुए कहा कि सरकार ने इसे सुलझाने में कोई गंभीरता नहीं दिखाई है. उनका कहना है कि कम से कम आरक्षण पर बनी कैबिनेट सब-कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक की जानी चाहिए, ताकि पारदर्शिता बनी रहे.
कमेटी ने आरक्षण पर क्या दिया सुझाव?
गौरतलब है कि ओपन मेरिट छात्रों के दबाव के चलते जम्मू-कश्मीर सरकार ने इस मुद्दे पर एक कैबिनेट सब-कमेटी गठित की थी. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि कैबिनेट ने सब-कमेटी की सिफारिशों को मंजूरी दे दी है और फाइल उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को भेज दी गई है.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, सब-कमेटी ने ओपन मेरिट और आरक्षित श्रेणियों के लिए 50-50 प्रतिशत सीटों का प्रस्ताव रखा है. इसके तहत आरबीए (पिछड़ा क्षेत्र निवासी) और ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) कोटे में कटौती कर कुछ सीटें ओपन मेरिट में जोड़ने की सिफारिश की गई है. हालांकि, छात्र संगठनों का कहना है कि जब तक इस रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जाता और ठोस फैसला सामने नहीं आता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.
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An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
Location :
Srinagar,Jammu and Kashmir
First Published :
December 28, 2025, 13:27 IST

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