कहीं ट्रंप चिढ़ न जाएं! उनके ही मंत्री ने नोबेल के लिए मचाडो के नाम की सिफारिश की थी

16 hours ago

Marco Rubio Old Letter on Maria Machado: वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को नोबेल पीस प्राइज जीता है. इसके तुरंत बाद ट्रंप सरकार में विदेश मंत्री मार्को रुबियो की भूमिका ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं, क्योंकि उन्होंने मचाडो को इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए आगे बढ़ाने में अहम योगदान दिया था. बताया जाता है कि रुबियो ने साल 2024 में नॉर्वेजियन नोबेल समिति को भेजी गई एक चिट्ठी पर दस्तखत किए थे. इस लेटर में कमेटी से गुजारिश की गई थी कि राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सरकार के खिलाफ लोकतंत्र की लड़ाई में मचाडो के ‘साहसिक और सेल्फलेस लीडरशिप’ को सम्मानित किया जाए.

किन नेताओं ने किए थे दस्तखत?
इस लेटर पर उस वक्त के सीनेटर रहे मार्को रुबियो के अलावा रिपब्लिकन पार्टी के कई दूसरे नेताओं- माइक वाल्ट्ज, रिक स्कॉट, मारियो डियाज-बलार्ट, मारिया एलविरा सलाजार, नील डन, बायरन डोनाल्ड्स और कार्लोस जिमेनेज के भी दस्तखत थे. चिट्ठी में कहा गया था कि मचाडो ने वेनेजुएला की जनता के कमजोर होते हौसले को फिर से जगाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी.

लेटर में क्या लिखा था?
सांसदों ने अपने लेटर में लिखा था कि "वेनेजुएला में लोकतंत्र को फिर से स्थापित करने की दिशा में मचाडो की कमेटमेंट जबरदस्त रही है." उन्होंने उनके शांतिपूर्ण विरोध, दृढ़ता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकतांत्रिक बदलाव के लिए समर्थन जुटाने की कोशिशों की सराहना की. 26 अगस्त 2024 को लिखे गए इस लेटर में मचाडो को ‘आशा और दृढ़ संकल्प की प्रतीक’ बताया गया था. 
 

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अवार्ड मिलने पर मिक्ड रिएक्शंस
इस साल नॉर्वेजियन नोबेल कमेटी ने मचाडो को 2025 का शांति पुरस्कार देते हुए उन्हें ‘आजादी की बेखौफ रक्षक’ करार दिया, जिन्होंने सत्तावादी शासन का खुलकर विरोध किया. हालांकि इस ऐलान के बाद वॉशिंगटन में मिक्ड रिएक्शंस देखने को मिले. व्हाइट हाउस ने नोबेल समिति पर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अनदेखी करने का आरोप लगाया, जबकि ट्रंप ने हाल ही में गाजा सीजफायर और बंधक समझौते में अपने रोल को अंडरलाइन किया था.

व्हाइट हाउस के प्रवक्ता स्टीवन चेउंग ने सोशल मीडिया पर लिखा कि, “राष्ट्रपति ट्रंप दुनिया में शांति स्थापित करने, जंग खत्म करने और लोगों की जान बचाने के लिए लगातार कोशिश करते रहेंगे. नोबेल समिति ने ये साबित कर दिया है कि वो असली शांति से ज्यादा राजनीति को प्रायोरिटी देते हैं.”

President Trump will continue making peace deals, ending wars, and saving lives.

He has the heart of a humanitarian, and there will never be anyone like him who can move mountains with the sheer force of his will.

The Nobel Committee proved they place politics over peace. https://t.co/dwCEWjE0GE

— Steven Cheung (@StevenCheung47) October 10, 2025

कहीं चिढ़ न जाएं ट्रंप
ट्रंप पहले भी कई ग्लोबल मसलों को सुलझाने का क्रेडिट खुद को देते रहे हैं और उन्होंने हाल में ये भी कहा था कि उन्हें “प्राइज से महरूम किए जाने” की उम्मीद थी. ऐसे में जब उनकी ही सरकार के मंत्री मार्को रुबियो का पुराना लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, तो कहीं ये ट्रंप के चिढ़ने की वजह न बन जाए. हालांकि 26 अगस्त 2024 को जब ये लेटर नोबेल कमेटी को लिखा गया था, तब ट्रंप सत्ता से बाहर थे, लेकिन सरकार में वापसी के बाद वो खुद को नोबेल पीस प्राइज दिलाने के लिए बैटिंग करने लगे थे.

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