कूड़ा हो जाएगी MBA की डिग्री, ढूंढे नहीं मिलेगी नौकरी, इन कोर्स का रहेगा दबदबा

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Last Updated:November 23, 2025, 11:59 IST

Top Degrees: कुछ दशकों पहले शुरू हुआ एमबीए कोर्स का चार्म अब तक बरकरार है. देश में कई मैनेजमेंट कॉलेज खुल जाने के चक्कर में अब एमबीए वालों के लिए अच्छी नौकरी ढूंढ पाना मुश्किल हो गया है. जानिए, साल 2026 में किस कोर्स का दबदबा रहेगा.

कूड़ा हो जाएगी MBA की डिग्री, ढूंढे नहीं मिलेगी नौकरी, इन कोर्स का रहेगा दबदबाTop Degrees: कुछ समय बाद एमबीए डिग्री का कोई मोल नहीं रह जाएगा

नई दिल्ली (Top Degrees). इंडिया स्किल्स रिपोर्ट 2026 ने भारतीय जॉब मार्केट और शिक्षा के क्षेत्र में कुछ बड़े और दिलचस्प बदलावों की जानकारी दी है. रिपोर्ट के अनुसार, कंप्यूटर साइंस (CS) और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी जैसी टेक्निकल डिग्री आज भी सबसे टॉप पर हैं. लेकिन जॉब मार्केट की प्राथमिकताएं बदल रही हैं. अब एंप्लॉयर केवल सामान्य डिग्री धारकों की तलाश में नहीं हैं, बल्कि उन प्रोफेशनल्स को महत्व दे रहे हैं जो अपने डोमेन ज्ञान को डिजिटल और डेटा-आधारित स्किल्स के साथ जोड़ते हैं.

इस रिपोर्ट में सबसे बड़ा बदलाव एमबीए की रोजगार दर में गिरावट है. इससे पता चलता है कि मैनेजमेंट की डिग्री अब पहले जितनी जॉब गारंटी नहीं देती है. दूसरी तरफ, कॉमर्स और स्किल-आधारित यानी वोकेशनल कोर्स में काफी सुधार देखा गया है. भारतीय उद्योग अब किताबी ज्ञान के बजाय प्रैक्टिकल स्किल्स और विशेषज्ञता पर अधिक फोकस कर रहा है. भविष्य में सफलता के लिए केवल 1 डिग्री पर्याप्त नहीं रहेगी. स्टूडेंट्स को अपनी डिग्री को एआई, एनालिटिक्स और डिजिटल स्ट्रैटेजी जैसी ‘राइट स्किल्स’ के साथ मिलाना होगा.

साल 2026 में नौकरी के लिए बेस्ट डिग्रियां

इंडिया स्किल्स रिपोर्ट 2026 के अनुसार, कंप्यूटर साइंस (CS) और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) के ग्रेजुएट्स रोजगार चार्ट में सबसे ऊपर हैं. इस उच्च रोजगार दर का मुख्य कारण एआई, डेटा एनालिटिक्स और क्लाउड टेक्नोलॉजी को सभी इंडस्ट्रीज में तेजी से अपनाया जाना है. रिपोर्ट बताती है कि IT क्षेत्र एंट्री लेवल के ग्रेजुएट्स का सबसे बड़ा नियोक्ता है. यहां लगभग 35% फ्रेशर्स को हायर किया जाता है.

एमबीए की चमक क्यों फीकी पड़ी?

इस रिपोर्ट में एक बड़ा बदलाव एमबीए की रोजगार दर में गिरावट है, जो 78% से कम होकर 72.76% पर आ गई है. इसके 2 प्रमुख कारण हैं:

एंप्लॉयर की बदलती प्राथमिकताएं: कंपनियां अब केवल क्लासिकल मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स के बजाय उन मैनेजीरियल प्रतिभाओं को पसंद कर रही हैं, जो बिजनेस स्किल्स को डिजिटल समझ (एनालिटिक्स, ऑपरेशनल टेक्नोलॉजी) के साथ जोड़ सकें. जनरलिस्ट अप्रोच का अंत: एमबीए की सामान्य डिग्री अब पर्याप्त नहीं है. तेजी से बदलते व्यावसायिक मॉडल (AI, प्लेटफॉर्म बिजनेस) में अप्लाइड स्किल्स वाले डेटा-साक्षर मैनेजर्स की डिमांड बढ़ रही है.

कॉमर्स और स्किल बेस्ड शिक्षा की बढ़त

रिपोर्ट में कॉमर्स ग्रेजुएट्स के रोजगार दर में 62.81% तक की बड़ी वृद्धि दर्ज की गई है. यह उछाल मुख्य रूप से बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा क्षेत्रों में तेजी से विस्तार के कारण आया है. कंपनियों को अब सामान्य मैनेजमेंट डिग्री के बजाय डोमेन ज्ञान वाले लागत-कुशल (cost-efficient) लोगों की तलाश है. इसके अलावा वोकेशनल एजुकेशन भी बढ़ रही है. यहां ITI ग्रेजुएट्स का रोजगार दर 45.95% और पॉलिटेक्निक डिप्लोमा धारकों का 32.92% तक पहुंच गया है. अब स्किल्स को महत्व दिया जा रहा है.

Deepali Porwal

With over more than 10 years of experience in journalism, I currently specialize in covering education and civil services. From interviewing IAS, IPS, IRS officers to exploring the evolving landscape of academi...और पढ़ें

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First Published :

November 23, 2025, 11:59 IST

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