Last Updated:December 10, 2025, 17:37 IST
Kedarnath: रुड़की के शिवम को परिवार ने केदारनाथ आपदा के बाद मृत मान लिया था और उनका अंतिम संस्कार भी कर दिया था. लेकिन 12 साल बाद वे महाराष्ट्र के संभाजीनगर में जिंदा मिले. मानसिक समस्या के कारण पहचान छिप गई थी.
12 साल बाद चोरी करते हुए पकड़ा गया मरा हुआ शख्स.केदारनाथ की 2013 की आपदा ने कई परिवारों की जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी थी. इन्हीं परिवारों में एक था रुड़की का शिवम का घर, जहां लोग सालों से मान चुके थे कि शिवम इस दुनिया में नहीं रहे. पर कहानी वहीं खत्म नहीं हुई. बारह साल बाद एक ऐसा मोड़ आया, जिसने सभी को हैरान कर दिया.
कैसे गायब हुआ था शिवम
आपदा के दिनों में भगदड़, भारी बारिश और मलबे में कई लोग लापता हो गए थे. शिवम भी उन्हीं में से एक थे. परिवार ने हर जगह खोजबीन की, लेकिन जब हफ्तों तक कोई जानकारी नहीं मिली, तो मजबूरी में उन्हें मृत मान लिया गया. घरवालों ने दुख मनाकर उनका प्रतीकात्मक अंतिम संस्कार भी कर दिया. परिवार के लिए यह दर्द ऐसा था जैसे किसी ने अचानक किसी अपने को छीन लिया हो.
महाराष्ट्र से आया जिंदगी का नया सुराग
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट बताती है कि शिवम 2021 में महाराष्ट्र के संभाजीनगर के एक मंदिर में रहने लगे थे. यहां उनका जीवन शांत ही चल रहा था, लेकिन एक दिन मंदिर में चोरी हुई और पुलिस ने कुछ लोगों के कहने पर शिवम का नाम भी इस केस में जोड़ दिया.
शिवम को अदालत में पेश किया गया. जज ने देखा कि वे ठीक से बात नहीं कर पा रहे थे, जैसे कुछ याद ही न हो. उनकी हालत देखते हुए अदालत ने उन्हें पुणे के रीजनल मेंटल हॉस्पिटल यानी RMH भेजने का आदेश दिया.
डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि शिवम मानसिक बीमारी डिसऑर्गेनाइज्ड सिजोफ्रेनिया से जूझ रहे हैं. यानी याददाश्त उलझी हुई, बातचीत टूटी फूटी और सोच बिखर चुकी थी.
छोटा सा सुराग बना शिवम की पहचान की चाबी
RMH में इलाज के दौरान जब डॉक्टर और स्टाफ उनकी पहचान समझने की कोशिश कर रहे थे, तभी एक छोटी सी बात सामने आई—रुड़की के एक स्कूल का नाम. यह सुनकर प्रशासन ने तुरंत उत्तराखंड अधिकारियों से संपर्क किया.
उधर अदालत ने साफ कर दिया था कि शिवम का चोरी वाले केस से कोई लेना देना नहीं है. अब एक एक करके चीजें जुड़ने लगीं. धीरे धीरे यह पक्का हो गया कि यह वही शिवम हैं, जिन्हें केदारनाथ आपदा के बाद मृत मान लिया गया था.
12 साल बाद घर की दहलीज पर वापसी
किसी फिल्म जैसी इस कहानी का सबसे भावुक पल 5 नवंबर को आया. शिवम आखिरकार अपने भाई से मिले. बारह साल बाद, एक ऐसे इंसान की वापसी हुई जिसकी तस्वीर तक घरवालों ने अब सिर्फ यादों में बची मान रखी थी.
अब 55 साल के हो चुके शिवम को उनका परिवार वापस रुड़की ले गया है. उनके लिए यह मिलना किसी बड़े चमत्कार से कम नहीं.
Location :
Kedarnath,Rudraprayag,Uttarakhand
First Published :
December 10, 2025, 17:37 IST

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