कोई डंडा मार रहा तो कोई पेट्रोल बम... रील के चक्कर में रेलवे को क्या बनाएंगे?

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Last Updated:August 04, 2025, 12:52 IST

Opinion: कोई सोशल मीडिया में चर्चा पाने के लिए ट्रेन में बैठे यात्रियों पर डंडा मार रहा है तो कोई यात्रियों पर पेट्रोल बम फेंक रहा है. इन घटनाओं का दोष भारतीय रेलवे पर आता है. रेलवे हर जगह आरपीएफ या जीआरपी को त...और पढ़ें

कोई डंडा मार रहा तो कोई पेट्रोल बम... रील के चक्कर में रेलवे को क्या बनाएंगे?हाल ही में ऐसी कुछ घटनाएं सुखिर्यों में आयीं हैं.

हाइलाइट्स

एक सोशल मीडिया में शोहरत पाने के लिए कर रहा ऐसा काम, दूसरा सपना देखकरइस तरह की घटनाओं से भारतीय रेलवे की छवि होती है खराब

Opinion. रील बनाकर कुछ लोगों के बीच चर्चा पाने के चक्‍कर में ट्रेन बैठे यात्रियों पर कोई डंडा मार रहा है या कोई पेट्रोल बम ट्रेन में फेंक ‘अपनी’ ही संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहा है. इस तरह की हाल ही कुछ घटनाओं से पता चल रहा है कि लोगों की संवेदनाएं शून्‍य होती जा रही हैं. इन घटनाओं का दोष भारतीय रेलवे पर आता है, रेलवे की छवि खराब होती है, क्‍योंकि रेलवे हर जगह आरपीएफ या जीआरपी को तैनात नहीं कर सकती है. सवाल यह है कि आखिर ऐसे सिरफिरे लोगों का क्‍या समाधान है?

हाल ही में बिहार के नगरी हॉल्ट के पास हाल ही में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. एक युवक सोशल मीडिया में चर्चा पाने के चक्‍कर में गेट पर बैठे यात्रियों पर डंडा मार रहा था. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया में खूब वारयल हुआ. इस घटना का वीडियो वारयल होने के बाद ट्रेनों के गेट पर बैठने वाले लोगों में दहशत पैदा हो गयी. साथ ही ट्रेन के ऑपरेशंस में भी डर पैदा हो गया. इसके बाद आरपीएफ एक्‍शन में आयी और मामले की गंभीरता देखते हुए स्‍वत: संज्ञान लिया. एफआईआर दर्ज दो लोगों को मामले में गिरफ्तार किया. पूछताछ में पता चला कि ये दोनों सोशल मीडिया में चर्चा पाने के लिए इस तरह की हरकत कर रहे थे. इस मामले में अन्‍य लोगों की तलाश जारी है.

इसी तरह का दूसरा मामला उत्‍तर प्रदेश के मुरादाबाद में आया है. जहां पर एक व्‍यक्ति चलती ट्रेन में पेट्रोल बम फेंकर यात्रियों की जान जोखिम में डालकर रहा था और देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा था. मामला सामने आने के बाद जीआरपी और आरपीएफ ने संयुक्‍त कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया. जो मुरादाबाद का रहने वाला है. उसने दो ट्रेनों लालकुआं एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 15060) और चंपारण सत्याग्रह एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 14009) पर बोतल में पेट्रोल भरकर आग लगाई और उसे ट्रेन के गेट पर बैठे यात्रियों की ओर फेंका. अच्‍छी बात यह रही है कि इस मामले में कोई घायल नहीं हुआ. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि भाई की मौत का बदला लेने के लिए ऐसा कर रहा था. उसने बताया कि भाई ने सपने में कहा था कि इस तरह पेट्रोल बम फेंकने पर भाई के आत्‍मा को शांति मिलेगी.

दूसरों का दोष भारतीय रेलवे पर

इस तरह की घटनाएं होने पर इसका दोष भारतीय रेलवे जाता है. सवाल उठता है कि इन सिरफिरों की हरकत का दोष भारतीय रेलवे पर देना उचित है. शायद जवाब नहीं होगा क्‍योंकि रेलवे हर कदम कदम पर आरपीएफ या जीआरपी की तैनाती नहीं कर सकता है. सोशल मीडिया में आने के बाद आरोपी पकड़े गए हैं. लेकिन भारतीय रेलवे के 70000 किमी. से अधिक लंबे रेलवे ट्रैक पर कितनी और भी घटनाएं होती होंगी, जिनके आरोपी पकड़ में नहीं आते हैं.

ये हो सकता है समाधान

लोगों को अपने आप जगरूक होना होगा, अपनी सोच बदलनी होगी. क्‍योंक‍ि इस तरह की घटनाओं से आम लोगों के साथ देश की संपत्ति को नुकसान पहुंच सकता है. लोगों की मानसिकता जबरन नहीं बदली जा सकती है. इतनी आरपीएफ या जीआरपी नहीं है कि पूरे रेलवे ट्रैक पर तैनात की जा सके.

रेलवे चलाता है अभियान

भारतीय रेलवे वंदेभारत की घटनाओं के बाद से ट्रैक के आसपास बने गांवों को चिन्हित किया जा रहा है. जिनके आसपास से पत्‍थरबाजी की घटनाएं हो रही हैं. वहां पर आरपीएफ कैंप लागाकर लोगों को जागरूक कर रहा है.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

August 04, 2025, 11:31 IST

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कोई डंडा मार रहा तो कोई पेट्रोल बम... रील के चक्कर में रेलवे को क्या बनाएंगे?

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