कोई समझौता नहीं होगा, राज्यपाल मांफी मांगें... मणिपुर में फिर बढ़ रहा है बवाल?

3 weeks ago

Last Updated:May 26, 2025, 18:35 IST

कोई समझौता नहीं होगा, राज्यपाल मांफी मांगें... मणिपुर में फिर बढ़ रहा है बवाल?

मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला. (फाइल फोटो)

इंफाल. मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला के इंफाल लौटने से पहले सोमवार को इंफाल पश्चिम जिले में छात्रों और महिलाओं द्वारा निकाली जा रही रैली को सुरक्षा बलों ने रोक दिया. पुलिस ने यह जानकारी दी. यह रैली राज्य परिवहन की बस पर से मणिपुर नाम हटाये जाने के विरोध में निकाली जा रही थी. पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारी टिडिम रोड के क्वाकेथेल इलाके में इकट्ठा हुए थे और तीन किलोमीटर की दूरी तय कर राजभवन तक पैदल रैली निकालना चाहते थे, लेकिन उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया गया. हालांकि, उन्होंने बताया कि छात्रों और महिलाओं ने इंफाल हवाई अड्डे से लेकर केसम्पात तक छह किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाकर विरोध दर्ज कराया. यह जगह राजभवन से सिर्फ 200 मीटर दूर थी.

प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां पकड़ रखी थीं जिन पर लिखा था – ‘मणिपुर की पहचान पर कोई समझौता नहीं हो सकता’ और ‘राज्यपाल को मणिपुर के लोगों से माफी मांगनी चाहिए’. इंफाल हवाई अड्डे से राजभवन तक टिडिम रोड पर असम राइफल्स और त्वरित कार्य बल (आरएएफ) के जवानों सहित बड़ी संख्या में केंद्रीय बलों को तैनात किया गया था. राज्यपाल भल्ला सोमवार को दिल्ली से इंफाल पहुंचेंगे.

इंफाल पश्चिम जिले के मोइरांगखोम और इंफाल पूर्व जिले के कोनुंग ममांग सहित कई स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. बिष्णुपुर जिले के निंगथौखोंग और मोइरांग इलाकों में भी मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन किया गया. ये विरोध प्रदर्शन सीओसीओएमआई (मणिपुर की अखंडता पर समन्वय समिति) द्वारा शुरू किए गए राज्यव्यापी आंदोलन का ही एक हिस्सा थे.

मेइती समूह सीओसीओएमआई ने पिछले सप्ताह मणिपुर में 48 घंटे की हड़ताल की थी. हड़ताल का उद्देश्य पत्रकारों को ले जा रही एक सरकारी बस से राज्य का नाम हटाने का विरोध करना था. यह बस 20 मई को उखरुल जिले में ‘शिरुई लिली’ महोत्सव के लिए जा रही थी. यह घटना ग्वालटाबी इलाके में हुई थी.

सीओसीओएमआई के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने अपने संयोजक खुरैजम अथौबा के नेतृत्व में मंगलवार को गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक में भाग लेने के उद्देश्य से सोमवार को दिल्ली के लिए प्रस्थान किया.

इंफाल से रवाना होने से पहले अथौबा ने संवाददाताओं से कहा, “हमने ऑपरेशन सिंदूर के कारण कुछ समय के लिए केंद्र सरकार से बातचीत नहीं की, लेकिन अब जब पश्चिमी सीमा पर वह सफलतापूर्वक समाप्त हो गया है, हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर में नशा और आतंकवाद से निपटने के लिए कड़े कदम उठाए.”

उन्होंने कहा, ‘एक बेहद संवेदनशील समय में ग्वालटाबी की घटना हुई, जिसमें मणिपुर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का अपमान किया गया. हम इस घटना से जुड़े मुद्दों के साथ-साथ मणिपुर संकट से जुड़े अन्य मामलों को भी केंद्र सरकार के सामने उठाएंगे.’

authorimg

Rakesh Ranjan Kumar

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...

और पढ़ें

भारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखें

homenation

कोई समझौता नहीं होगा, राज्यपाल मांफी मांगें... मणिपुर में फिर बढ़ रहा है बवाल?

Read Full Article at Source