कौन कहता है आसमान में छेद नहीं होता..., नहीं है एक पैर, फिर भी बनी सुपर डांसर

9 hours ago

Last Updated:March 12, 2025, 12:05 IST

Inspiring story: असम की कंचना रॉय जन्म से ही दाहिने पैर के बिना हैं, लेकिन उन्होंने नृत्य को अपनी ताकत बना लिया. एक पैर पर डांस कर उन्होंने लोगों को चौंका दिया.

कौन कहता है आसमान में छेद नहीं होता..., नहीं है एक पैर, फिर भी बनी सुपर डांसर

कंचना रॉय की कहानी

सोचिए अगर किसी के जन्म से ही एक पैर न हो, तो वह जिंदगी को किस तरह देखेगा? शायद लोग उसे कमजोर मानेंगे, सोचेंगे कि वह कभी सामान्य जीवन नहीं जी पाएगा. लेकिन असम की कंचना रॉय ने सबको गलत साबित कर दिया. जन्म से ही उनका दाहिना पैर नहीं था, लेकिन उन्होंने इसे अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया. बल्कि उन्होंने इसे अपनी ताकत बना लिया और अपने सपनों को पूरा करने की राह पर चल पड़ीं.

बचपन से ही नृत्य का जुनून
कंचना को बचपन से ही नाचने का बहुत शौक था. उनके घर में कला का माहौल था, क्योंकि उनकी चाची अनुरूपा दास खुद एक नर्तकी थीं. छोटी कंचना जब उन्हें नाचते हुए देखती थीं, तो उनका मन भी नृत्य की ओर खिंचने लगा. लेकिन एक बड़ी चुनौती थी – उनके पास एक पैर नहीं था. फिर भी उन्होंने नृत्य करना नहीं छोड़ा. पहले तो वे अपनी मां के सहारे चलती थीं, लेकिन धीरे-धीरे बिना किसी सहारे के भी चलना सीख लिया.

एक पैर से भी नृत्य में पारंगत
अक्सर लोग सोचते हैं कि नृत्य करने के लिए दोनों पैरों का होना जरूरी है, लेकिन कंचना ने इस सोच को बदल दिया. उन्होंने एक पैर से ही नृत्य करना सीख लिया और लगातार अभ्यास से खुद को निखारा. वह भारतीय शास्त्रीय नृत्य की प्रेमी हैं और इस कला में खुद को लगातार आगे बढ़ा रही हैं. उन्होंने कई मंचों पर अपनी प्रस्तुति दी है और अपने दमदार प्रदर्शन से लोगों को हैरान कर दिया है.

रियलिटी शो में जाने का सपना
कंचना का सपना है कि वह किसी बड़े डांस रियलिटी शो में जाएं और अपने टैलेंट को दुनिया के सामने लाएं. उनकी आदर्श मशहूर कोरियोग्राफर गीता कपूर (गीता मां) हैं, जिनकी तरह वह भी डांस की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहती हैं. हालांकि, अभी तक उन्हें इस तरह का कोई बड़ा मंच नहीं मिला है, लेकिन वह लगातार मेहनत कर रही हैं ताकि एक दिन यह सपना सच हो सके.

परिवार और दोस्तों का साथ बना ताकत
जब कोई मुश्किल हालातों में होता है, तो परिवार और दोस्तों का साथ बहुत जरूरी होता है. कंचना के माता-पिता ने कभी उन्हें कमजोर नहीं समझा, बल्कि हर कदम पर उनका हौसला बढ़ाया. उनके दोस्त भी हमेशा उनके साथ खड़े रहे और उनका समर्थन किया. कंचना का मानना है कि अगर किसी का मनोबल मजबूत हो, तो दुनिया की कोई भी चुनौती उसे रोक नहीं सकती.

प्रेरणा बनीं कंचना
कंचना रॉय सिर्फ एक नर्तकी नहीं, बल्कि उन लाखों लोगों के लिए प्रेरणा हैं, जो किसी न किसी शारीरिक चुनौती का सामना कर रहे हैं. उनकी कहानी यह साबित करती है कि अगर आपके अंदर जज्बा और आत्मविश्वास हो, तो कोई भी मुश्किल आपको अपने सपनों तक पहुंचने से नहीं रोक सकती.

First Published :

March 12, 2025, 12:05 IST

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