वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 की समीक्षा के लिए बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी की बैठक में मंगलवार को एक बार फिर जोरदार हंगामा देखने को मिला. खबर है कि जेपीसी में शामिल तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी की बैठक के दौरान बीजेपी सांसद और कलकत्ता हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज अभिजीत गांगुली से तीखी बहस हो गई. यह बहस इतनी बढ़ गई कि बनर्जी ने वहां टेबल पर रखा कांच का बोतल तोड़ डाला और जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल की तरफ फेंका दिया. इस घटना में बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल को बाल-बाल बच गए, लेकिन कल्याण बनर्जी की दो उंगलियां (अंगूठा और तर्जनी) बोतल की कांच से कट गईं.
वक्फ बिल को लेकर गठित 31 सदस्यों वाली जेपीसी में वरिष्ठ बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. वह 2009 से ही लगातार लोकसभा के सदस्य हैं. पहले वह कांग्रेस के साथ जुड़े हुए थे, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए. इसके बाद 2014, 2019 और फिर 2024 के चुनाव में डुमरियागंज से 18वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए.
एक दिन के सीएम कैसे बने जगदंबिका पाल?
जगदंबिका पाल के नाम एक अनोखा रिकॉर्ड भी दर्ज है. वह वर्ष 1998 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन अगले ही उन्हें सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी. इस तरह यूपी के एक दिन मुख्यमंत्री के रूप में उनका नाम इतिहास में दर्ज हो गया.
जगदंबिका पाल बीजेपी से पहले कई पार्टियों में रह चुके हैं. 74 साल के पाल ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से राजनीति की शुरुआत की थी, लेकिन फिर कांग्रेस से अलग होकर एनडी तिवारी की अखिल भारतीय इंदिरा कांग्रेस (तिवारी) में शामिल हो गए. फिर इसके बाद वर्ष 1997 में उन्होंने नरेश अग्रवाल, राजीव शुक्ला, श्याम सुंदर शर्मा और बच्चा पाठक के साथ मिलकर अखिल भारतीय लोकतांत्रिक कांग्रेस का गठन किया और कल्याण सिंह सरकार में परिवहन मंत्री बने.
मायावती ने किया खेल
वर्ष 1998 में बसपा चीफ मायावती में बीजेपी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया और ऐलान किया कि कल्याण सिंह कैबिनेट में यातायात मंत्री जगदंबिका पाल उनके विधायक दल के नेता होंगे. मायावती ने यूपी के तत्कालीन राज्यपाल रोमेश भंडारी से अनुरोध किया कि कल्याण सिंह ने बहुमत खो दिया है और ऐसे में उनकी जगह जगदंबिका पाल को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाएं.
फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया झटका
इसके बाद राज्यपाल रोमेश भंडारी ने कल्याण सिंह सरकार को बर्खास्त करते हुए उसी रात यानी 21 फरवरी की रात 10 बजे जगदंबिका पाल को राज्य के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिला दी. हालांकि बीजेपी ने राज्यपाल के इस कदम की वैधता को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. फिर अगले ही दिन के 3 बजे हाईकोर्ट ने राज्य में कल्याण सिंह सरकार को बहाल करने के आदेश दे दिए. कोर्ट के इस फैसले के बाद जगदंबिका पाल को 31 घंटे के अंदर ही सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा.
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FIRST PUBLISHED :
October 22, 2024, 15:41 IST