नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के बहराइच में हुई हिंसा के बाद योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बड़ा कदम उठाया. हिंसा के आरोपी लोगों के घर पर अवैध निर्माण को तोड़ने का नोटिस चिपका दिया गया. राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे लोगों की अर्जी पर जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने अहम आदेश जारी किया. वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने अपराध के आरोपी व्यक्तियों के घरों के खिलाफ अधिकारियों द्वारा की गई बुलडोजर कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिकाओं का उल्लेख किया. कहा गया कि 13 अक्टूबर को यूपी के बहराइच में एक घटना हुई. यह 3 लोगों का आवेदन है जिन्हें अवैध निर्माण तोड़ने के लिए नोटिस प्राप्त हुआ है, जवाब देने के लिए 3 दिन का समय दिया गया है.
सिंह ने कहा कि आवेदक नंबर-1 के पिता और भाइयों ने आत्मसमर्पण कर दिया. कथित तौर पर नोटिस 17 अक्टूबर को जारी किया गया, लेकिन 18 तारीख की शाम को चिपकाया गया. हमने रविवार को सुनवाई की मांग की, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. कुछ ने हाईकोर्ट से संपर्क किया है. जस्टिस गवई ने कहा कि किसके तहत उल्लंघन हुआ है? एएसजी केएम नटराज ने कहा कि हाईकोर्ट को मामले की जानकारी है. जस्टिस गवई ने कहा कि यदि वे (यूपी अधिकारी) हमारे आदेश का उल्लंघन करने का जोखिम उठाना चाहते हैं, तो यह उनकी च्वाइस है.
बेंच का हिंस्सा जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि हाईकोर्ट ने 15 दिन का समय दिया है. एक तरह से रोक है. याचिकाकर्ताओं के वकील सिंह ने कहा कि हालांकि कोई सुरक्षा नहीं मिली है. जस्टिस गवई ने कहा कि यदि आपका निर्माण सड़क पर है, तो हम कैसे कोई आदेश दे सकते हैं. वकील सिंह ने कहा कि माई लॉर्ड्स हमारी रक्षा करें. जस्टीस गवई ने एएसजी से कहा कि कल तक, अपनी कार्रवाई पर रोक लगाएं.
FIRST PUBLISHED :
October 22, 2024, 12:31 IST