Last Updated:June 23, 2025, 11:29 IST
Israel-Iran War: क्या ईरान अब इजराइल के साथ जमीनी लड़ाई शुरू करने की तैयारी में है? यदि ऐसा है तो इजराइल तक पहुंचने के लिए किन रास्तों से गुजरना होगा, किन मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा और कितना समय लगेगा, जा...और पढ़ें

हाइलाइट्स
क्या ईरान कर रहा है इजराइल से जमीनी जंग की तैयारी?किस रास्ते से होकर ईरानी सेना पहुंचेगी इजराइल तक?ईरानी सेना का इजराइल तक पहुंचना कितना मुश्किल?Israel-Iran War: मध्य पूर्व में ईरान और इजराइल के बीच जारी युद्ध दिन-ब-दिन घातक होता जा रहा है. वहीं, इस युद्ध में अमेरिका की इंट्री के बाद ईरान ने पूरी ताकत से इजराइल पर हमले शुरू कर दिए हैं. दोनों देशों के बीच चल रही मिसाइल और ड्रोन हमलों ने कई शहरों को तबाही की कगार तक पहुंचा दिया है. ऐसे में, अगर ईरान जमीनी रास्ते से इजराइल पर हमला करने का फैसला करता है, तो उसे किस रास्ते से जाना होगा? इस रास्ते को तय करने में ईरानी सेना को कितनी दूरी तय करनी होगी?
इस दूरी को तय करने में कितना समय लगेगा और किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ेंगा, आइए समझते हैं. आपको बता दें कि ईरान और इजराइल के बीच कोई सीधा सड़क मार्ग नहीं है. ईरानी सेना को कई देशों से होकर गुजरना होगा. इसमें सबसे संभावित रास्ता इराक, सीरिया और जॉर्डन से होकर जाता है. ईरान के पास लेबनान के रास्ते इजराइल पहुंचने का ऑप्शन भी है, लेकिन यह ऑप्शन बेहद जोखिम भरा और खतरनाक है. ऐसे में ईरान इस रास्ते का इस्तेमाल तभी करेगा, जब उसके पास कोई विकल्प न बचा हो.
किस रास्ते से ईरान की सेना पहुंचेगी इजराइल
यदि ईरान की सेना राजधानी तेहरान से अपना सफर शुरू करती हे तो उसे खूजिस्तान के शहर शूश या खोरमशहर से होते हुए इराक की सीमा पर पहुंचना होगा. इराक में दाखिल होने के बाद ईरान की सेना का काफिला बगदाद, नजफ और कर्बला जैसे शहरों से होकर गुजरेगा. बगदाद से पश्चिम की ओर रामादी और फलूजा जैसे शहर आएंगे, जो सीरिया की सीमा के करीब हैं. सीरिया में दाखिल होने के बाद ईरानी सेना अल-बुकमाल जैसे सीमावर्ती शहर से होकर सीरिया की राजधानी दमिश्क तक पहुंचेगी.
इसके बाद, वे दारा या कुनैतरा जैसे शहरों की ओर बढ़ेंगे, जो इजराइल की सीमा के पास हैं. अगर ईरानी सेना सीरिया से जॉर्डन से होकर जाए, तो वे अम्मान और इरबिद जैसे शहरों से गुजरेंगे. जॉर्डन से इजराइल की सीमा तक पहुंचने के लिए वे जेराश या मादाबा जैसे शहरों से होकर वेस्ट बैंक या यरूशलेम की ओर बढ़ सकते हैं. यदि ईरानी सेना लेबनान का रास्ता चुनता है तो तो सेना दमिश्क से बैरूत और फिर दक्षिण लेबनान के शहर तायर या सिदोन तक जाएगी. यह रास्ता इजराइल की उत्तरी सीमा पर स्थित गोलान हाइट्स तक ले जाता है.
ईरानी सेना को इजराइल पहुंचने में लगेगा कितना वक्त
ईरान से इजराइल तक की जमीनी दूरी लगभग 1600 से 2000 किमी है. ईरानी सेना को तेहरान से बगदाद (इराक) पहुंचने के लिए करीब 700-800 किमी का सफर तय करना होगा. इसके बाद बगदाद से दमिश्क (सीरिया) के बीच की करीब 750-800 किमी की दूरी तय करनी होगी. जॉर्डन के रास्ते दमिश्क से यरूशलेम (इराइल) के बीच की दूरी करीब 200-250 किमी की है. समय की बात करें तो सामान्य हालात में एक सैन्य काफिला 30-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है.
अगर काफिला 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलता है और दिन में 12 घंटे यात्रा करता है, तो 1800 किलोमीटर की दूरी तय करने में करीब 60 घंटे (यानी 5 दिन) लगेंगे. ईंधन, खाना और आराम के लिए अतिरिक्त समय जोड़ें, तो कुल 7-10 दिन भी लग सकते हैं. युद्ध की परिस्थिति और चुनौतियों की वजह से यह समय अधिक बढ़ सकता है.
किन चुनौतियों का करना पड़ेगा सामना
जमीनी रास्ते से इजराइल तक पहुंचना ईरानी सेना के लिए बहुत मुश्किल होगा. दरअसल, इजराइल पहुंचने के लिए ईरान को इराक, सीरिया और जॉर्डन जैसे देशों की सीमाएं पार करनी होंगी. हर देश की अपनी सरकार और सेना है. जॉर्डन जो इजराइल का दोस्त है, ईरानी सेना को अपने क्षेत्र में आने की इजाजत शायद ही दे. इसके अलावा, सीरिया में कई सालों से अशांति और युद्ध चल रहे हैं. वहां विद्रोही समूह, आतंकवादी और अमेरिका सेना मौजूद हैं, जो ईरानी सेना के लिए खतरा बन सकते हैं.
इसके अलावा, हिज़्बुल्लाह ईरान समर्थक है, लेकिन लेबनान की सरकार पूरे देश का समर्थन नहीं दे सकती. वहीं, इजराइल-लेबनान सीमा पर पहले से तनाव है, ऐसे में लेबनान इजराइल को छेड़ने की शायद ही कोशिश करे. सैन्य चुनौतियों की बात करें तो इजराइल के पास दुनिया की सबसे उन्नत वायुसेनाओं में से एक है. रास्ते में ड्रोन और सैटेलाइट से निगरानी की जाएगी और किसी भी सैन्य मूवमेंट पर हमला किया जाएगा. इसके अलावा, कई देशों की सीमाओं को पार कर सेना तक लॉजिस्टिक्स और सप्लाई पहुंचाना ईरान के लिए बड़ी चुनौती होगी.
Anoop Kumar MishraAssistant Editor
Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 3 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें
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