Health Tips: हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में कई छोटी-छोटी आदतें होती हैं जिन पर हम ध्यान नहीं देते, लेकिन लंबे समय में ये सेहत पर बड़ा असर डाल सकती हैं. घर के अंदर चप्पल पहनने की आदत भी ऐसी ही एक बात है. कुछ लोगों के लिए ये सफाई और आराम का सवाल है, तो कुछ के लिए ये परंपरा और सेहत से जुड़ा है. अगर आप सोच रहे हैं कि घर के अंदर चप्पल पहनना अच्छा है या बुरा, इसके पीछे क्या वैज्ञानिक और स्वास्थ्य कारण हैं, तो इस लेख में आपको पूरी जानकारी मिलेगी.
शहरों और अपार्टमेंट कल्चर बढ़ने के साथ घर के अंदर चप्पल पहनने का चलन भी बढ़ा है. बाहर से आने वाली धूल, मिट्टी और कीटाणु घर में न आएं, इसलिए कई लोग खास इंडोर स्लिपर इस्तेमाल करते हैं. खासकर बुजुर्ग और सर्दियों में ठंड से बचने के लिए ये आदत अपनाते हैं. लेकिन अगर आप बाहर की चप्पल पहनकर घर में चलते हैं तो बैक्टीरिया और वायरस फर्श पर फैल सकते हैं.
घर में चप्पल क्यों नहीं पहननी चाहिए?
कई रिसर्च में पता चला है कि अस्पताल और पब्लिक जगहों की चप्पलों में कीटाणु चिपके रहते हैं. वही चप्पल घर में पहनने से बच्चों को या जब खाना गिर जाए तो इन्फेक्शन का खतरा बढ़ सकता है. हालांकि, अगर आप सिर्फ घर के लिए साफ चप्पल रखते हैं तो ये खतरा कम हो सकता है.
फर्श पर नंगे पैर चलने से के फायदे?
फर्श पर सीधे पैर रखकर चलने से पैरों के नीचे की मसल्स नैचुरली एक्टिव रहती हैं और मजबूत बनती हैं. हमेशा चप्पल पहनने से ये मसल्स कम काम करती हैं, जिससे पैरों में दर्द, एड़ी में दर्द या प्लांटर फैसाइटिस जैसी दिक्कतें हो सकती हैं. हालांकि, बहुत ठंडी या सख्त फर्श पर सीधे चलने से कुछ लोगों को जोड़ों में दर्द बढ़ सकता है. इसलिए पैरों की हालत के हिसाब से बैलेंस जरूरी है.
माना जाता है कि बिना चप्पल के चलने से धरती से सीधा संपर्क होता है और ऊर्जा का संतुलन बना रहता है. फर्श पर सीधे पैर रखकर चलने से सिर्फ शरीर को नहीं, मन को भी एक तरह की शांति मिलती है, इसे ग्राउंडिंग या अर्थिंग भी कहते हैं. प्रकृति से सीधा जुड़ाव होने से तनाव कम हो सकता है, लेकिन ये हर किसी पर एक जैसा असर नहीं करता.
पैरों पर पड़ सकता है असर
चप्पल पहनकर चलने से पैरों पर सीधा असर पड़ता है. बिना सपोर्ट वाली चप्पलें पैरों को सही सपोर्ट नहीं देतीं, जिससे एड़ी में दर्द, बुनियन्स या हैमर टो जैसी दिक्कतें हो सकती हैं. गलत चप्पल चुनने से लंबे समय में पीठ दर्द और जोड़ों की समस्या भी हो सकती है. घर के लिए हल्की और सपोर्टिव चप्पलें चुनना चाहिए.
क्या कहती है भारतीय संस्कृति
भारतीय संस्कृति में घर के अंदर चप्पल पहनना कई जगह अशुद्धता का संकेत माना जाता है. मंदिरों और पूजा की जगह चप्पल उतारना आम बात है. ये सिर्फ सफाई नहीं, बल्कि मन की शुद्धता का भी प्रतीक है.
किन लोगों को घर में चप्पल पहनना जरूरी
डायबिटीज के मरीज, बुजुर्ग या जिनके पैरों में चोट है, उनके लिए घर में भी चप्पल पहनना अच्छा है. इससे चोट और इन्फेक्शन का खतरा कम होता है. लेकिन स्वस्थ लोगों और बच्चों को कभी-कभी फर्श पर सीधे चलने देना पैरों की ग्रोथ के लिए फायदेमंद हो सकता है. घर के अंदर चप्पल पहनना या न पहनना, दोनों में से कोई एक सही या गलत नहीं है. सफाई, सेहत और आराम के बीच संतुलन जरूरी है. बाहर की चप्पल घर में न पहनें, बल्कि अलग इंडोर स्लिपर रखें. साथ ही दिन में कुछ समय पैरों को आराम देना भी अच्छा है.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)

1 hour ago
