Semiconductor Manufacturing in India: केंद्र की मोदी सरकार ने बुधवार को एक और सेमीकंडक्टर यूनिट लगाने का ऐलान किया. ये यूनिट उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के जेवर में लगाई जाएगी. इंडिया सेमीकंडक्टर अभियान के तहत अब तक देश में पांच सेमीकंडक्टर यूनिट लगाने की मंजूरी दी जा चुकी है. जेवर वाली देश की छठी यूनिट होगी. यह एचसीएल और फॉक्सकॉन का ज्वाइंट वेंचर है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि एक सेमीकंडक्टर यूनिट में उत्पादन इसी साल शुरू हो जाएगा.
क्या होता है सेमीकंडक्टर?
सेमीकंडक्टर आमतौर पर सिलिकॉन की एक चिप होती है. आसान भाषा में कहा जाए तो सेमीकंडक्टर सिलिकॉन या जर्मेनियम से बना एक छोटा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है. इनका इस्तेमाल कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्ट टीवी, मोबाइल फोन, गाड़ियों, इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रिक गैजेट्स, डिजिटल कैमरा, संचार उपकरण, ट्रेन और एटीएम कार्ड आदि में होता है. ये किसी प्रोडक्ट की कंट्रोलिंग और मेमोरी फंक्शन को ऑपरेट करते हैं. यह इलेक्ट्रॉनिक सर्किट के बेसिक बिल्डिंग ब्लॉक के रूप में कार्य करता है. एक नाखून से भी छोटी चिप पर अरबों माइक्रोस्कोपिक स्विच हो सकते हैं.
ये भी पढ़ें- चीन क्यों बदल रहा अरुणाचल प्रदेश में जगहों के नाम, इससे उसे क्या हासिल होता है, क्या कोई मतलब है इसका
कहां होता है इसका इस्तेमाल
आजकल मोबाइल फोन और गाड़ियों में काफी हाईटेक फीचर्स को शामिल किया जाता है. इन फीचर्स को चलाने के लिए सेमीकंडक्टर की जरूरत पड़ती है. जैसे कारों में सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल हेड्स अप डिस्प्ले, सेंसर्स, सेलफोन और कम्युनिकेशन इंटीग्रेशन के साथ उच्च दक्षता वाले इंजन के एलिमेंट्स में होता है. इसके अलावा ड्राइवर असिस्टेंस, पार्किंग रियर कैमरा, ब्लाइंड स्पॉट डिटेक्शन, एयरबैग और इमरजेंसी ब्रेकिंग में भी सेमीकंडक्टर की जरूरत होती है. ऑटो मोबाइल मार्केट में फिलहाल जितनी भी कारें उपलब्ध हैं उन सभी में सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल किया जाता है. इनके बिना मौजूदा कारों की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. मोबाइल फोन में भी सेमीकंडक्टर का यही काम है.
ये भी पढ़ें- Explainer: पाकिस्तान का इस्लामी समर्थन का दावा निकला खोखला, भारत के खिलाफ नहीं मिला साथ
क्यों हैं ये इतनी कीमती
सेमीकंडक्टर आज के जमाने में बेशकीमती है. आधुनिक तकनीक को इसकी जरूरत होती है और हर उद्योग में इसकी भारी मांग है. लगभग हर क्षेत्र में सेमीकंडक्टर का इस्तेमाल किया जाता है. सेमीकंडक्टर तेजी से डेटा प्रोसेस करने और संग्रहीत करने के लिए AI और मशीन लर्निंग के लिए आवश्यक हैं, जिससे वे सुपरफास्ट प्रोसेसिंग और मेमोरी प्रदान करते हैं. सेमीकंडक्टर उद्योग आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा. क्योंकि इसकी जरूरत हर जगह पर है.
ये भी पढ़ें- पीएम मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में मेड-इन-इंडिया हथियारों की सराहना की, जानें उन सबके बारे में
2020 के बाद घटी आपूर्ति
2020 के बाद से दुनिया भर में सेमीकंडक्टर की आपूर्ति में बड़ी कमी हो गई है. क्योंकि लगभग सभी आधुनिक उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को सेमीकंडक्टर की आवश्यकता होती है, इसलिए कई उद्योगों में इसकी जबर्दस्त मांग है, लेकिन मौजूदा आपूर्ति सेमीकंडक्टर की कमी को पूरा नहीं कर पा रही है. ग्लोबल सेमीकंडक्टर्स कंपनियां भारत को निवेश के लिए बेहतर जगह के रूप में देख रही हैं. भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग में एक प्रमुख शेयरहोल्डर के रूप में उभरने से उसे अपनी वैश्विक स्थिति को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी. सेमीकंडक्टर निर्माण में निवेश करने से विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता कम होती है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा बढ़ती है.
ये भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट के अगले CJI बीआर गवई के पिता थे कद्दावर नेता, बिहार सहित 3 राज्यों में रहे गवर्नर
भारत में इसके निर्माण की स्थिति
सेमीकंडक्टर के निर्माण की परियोजना पर भारत में भी तेजी से काम चल रहा है. इसके लिए सरकार ने बड़ी प्रोत्साहन योजना तैयार की है. भारत में कई कंपनियों की सेमीकंडक्टर चिप बनाने की योजना है. इसे बनाने के लिए टाटा जैसी बड़ी कंपनी भी आगे आई है. यही नहीं वेदांता और अडानी समेत कई समूह सेमीकंडक्टर बनाने की होड़ में शामिल हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की आर्थिक रणनीति में चिप मैन्यूफैक्चरिंग को सर्वोच्च वरीयता दी है. वह देश में सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग का नया युग शुरू करना चाहते हैं. इसलिए सरकार दुनियाभर की कंपनियों को भारत आने का न्योता दे रही है. माना जा रहा है कि भारत आने वाले दिनों में सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग का केंद्र बन सकता है.
ये भी पढ़ें– Explainer: क्या है बलोच लिबरेशन आर्मी, जो पाकिस्तान को तबाह करने में देना चाहती है भारत का साथ
भारत में कितना बड़ा बाजार
दुनिया भर में इस समय सेमीकंडक्टर का बाजार तेजी से बढ़ रहा है. भारत में सेमीकंडक्टर का बाजार 2021 में 27.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर था और 2023 में लगभग 19 प्रतिशत की दर से बढ़कर 64 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया था. साल 2026 तक भारत में इसका बाजार 80 अरब डॉलर का होगा. अनुमान है कि साल 2030 तक यह 110 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा. यही कारण है कि दुनिया के सारे देश सेमीकंडक्टर के पीछे हाथ धोकर पड़े हैं. लेकिन फिलहाल कोई भी सेमीकंडक्टर भारत में निर्मित नहीं होता है.
ये भी पढ़ें- 27 साल पहले भारत ने किया था पोखरण परीक्षण, ‘ऑपरेशन शक्ति’ ने रच दिया इतिहास
ये देश हैं इसके निर्माण में आगे
सेमीकंडक्टर बनाने में ताइवान, दक्षिण कोरिया और अमेरिका जैसे देश आगे हैं. ताइवान दुनिया के सबसे बड़े सेमीकंडक्टर निर्माताओं में से एक है, जो दुनिया के 60 फीसदी से ज्यादा चिप्स का उत्पादन करता है. दक्षिण कोरिया अपने उन्नत चिप्स के उत्पादन के लिए जाना जाता है, जिसमें दुनिया की सबसे बड़ी चिप निर्माता कंपनी सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल है. अमेरिका सेमीकंडक्टर उद्योग का एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी है, जिसमें Intel, AMD और Nvidia जैसी बड़ी कंपनियां मौजूद हैं. चीन भी सेमीकंडक्टर निर्माण में तेजी से बढ़ रहा है और वैश्विक बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का लक्ष्य रख रहा है. जापान भी सेमीकंडक्टर उद्योग में एक महत्वपूर्ण देश है, जिसकी कई प्रमुख कंपनियां चिप बनाती हैं.