Last Updated:September 29, 2025, 14:53 IST
Bihar Chunav 2025 : ''हम अब इधर-उधर नहीं जाएंगे, जिनके साथ पहले से थे, उन्हीं के साथ आगे भी रहेंगे'', यह सीएम नीतीश कुमार ने रविवार को कहा है. इसके पहले बीते शुक्रवार को पीएम मोदी ने जीविका दीदियों के बैंक खातों में 10-10 हजार रुपये ट्रांसफर करने के अवसर पर कहा- ''आपके दो भाई नरेंद्र और नीतीश जी आपके लिए काम कर रहे हैं''. नीतीश कुमार के 'इधर-उधर' वाले बयान का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'हम दो भाई' वाले बयान के न सिर्फ कनेक्शन हैं, बल्कि इसके गहरे राजनीतिक मायने भी हैं.
बिहार चुनाव से पहले मोदी-नीतीश का भाईचारा संदेश, विपक्ष के लिए चुनौतीपटना…”हमारी पार्टी से गलती हो गई थी… कुछ लोग गड़बड़ कर दिए थे, उन्हें हटा दिया गया है.. अब कहीं गलती से इधर-उधर नहीं जाएंगे…जो हमारे साथ शुरू में थे, वही आगे भी साथ रहेंगे”. सीएम नीतीश कुमार रविवार को यह बात फिर दोहराई. सीएम नीतीश कुमार यह बात कई बार कह चुके हैं तो इसपर राजनीतिक हलचल अब नहीं होती. लेकिन, जब दो दिन के भीतर ही पीएम मोदी और सीएम नीतीश, एक ही संदेश देते दिख रहे हों तो निश्चित तौर पर सियासी सवाल उठेंगे ही. ऐसा इसलिए बीते शुक्रवार को जीविका दीदियों के खातों में 10-10 हजार रुपये भेजने के अवसर पर पीएम मोदी ने इसी से मिलती-जुलती बात कही थी और ”हम दो भाई” वाला संदेश दिया था. राजनीति के जानकारों की नजर में पीएम मोदी का यह बयान चुनावी मौसम में न केवल जनता के दिलों पर दस्तक देने की कोशिश थी, बल्कि चार अहम रणनीति का हिस्सा थी!
गहरी रणनीति और गूढ़ संदेश
दरअसल, बीते शुक्रवार (28 सितंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संयुक्त रूप से महिला रोजगार योजना की पहली किस्त जारी की. इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा- ”आपके दो भाई नरेंद्र और नीतीश आपके लिए काम कर रहे हैं”. पीएम मोदी का यह कथन बिहार विधानसभा चुनाव से पहले रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. राजनीति के जानकार इस बयान के जो अर्थ निकाल रहे हैं वो बड़े गहरे हैं. जानकारों की नजर में पीएम मोदी के इस बयान का सीधा संदेश बिहार की आधी आबादी के लिए था, लेकिन इसके प्रभाव का फैलाव का लक्ष्य प्रदेश की पूरी जनता थी. जानकार कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कथन महज़ भाषण का हिस्सा नहीं था, बल्कि बिहार चुनाव की गहरी रणनीति भी समेटे हुए है.
साझा नेतृत्व की तस्वीर हुई पेश
दरअसल, बिहार में सत्ता और सियासत के समीकरण लगातार बदलते रहे हैं. सीएम नीतीश का ‘इधर-उधर’ वाला बयान और पीएम मोदी का ‘दो भाई’ वाला बयान एक गहरे राजनीतिक संदेश की ओर इशारा करता है. यह न केवल महिला मतदाताओं को लुभाने की कोशिश है, बल्कि नीतीश कुमार के साथ एनडीए की एकता को भी मजबूत तरीके से पेश करता है. राजनीति के जानकार कहते हैं कि राजनीतिक रूप से पीएम मोदी का यह संदेश एनडीए के भीतर तालमेल और भरोसे को दिखाने वाला है. महिलाओं के लिए रोजगार योजना की प्रथम किस्त जारी करने के मौके पर दिया गया यह बयान महिला मतदाताओं को भावनात्मक रूप से जोड़ने का प्रयास है. भाईचारे का प्रतीक पीएम मोदी का यह संदेश न केवल नीतीश कुमार की स्थिति को मज़बूत करता है, बल्कि एनडीए की एकजुटता और साझा नेतृत्व की तस्वीर भी पेश करता है.
महिलाओं के लिए भाई का संदेश
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में महिलाओं को सीधे जोड़ते हुए खुद और नीतीश को उनका ‘भाई’ बताया तो इसके पीछे भी वजह है. दरअसल, बिहार की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी हमेशा निर्णायक रही है. जीविका दीदियों की ताकत, पंचायत चुनावों में महिला आरक्षण का प्रभाव और सरकारी योजनाओं से सीधे जुड़े लाभार्थियों की संख्या-ये सभी फैक्टर मोदी के बयान को बेहद असरदार बनाते हैं.महिलाओं के सामने एक ‘भाई’ के रूप में प्रस्तुत होना महिलाओं में भरोसे और आत्मीयता का भाव जगाने की कोशिश है.
भाईचारे की सियासत, खास मैसेज
दरअसल, भाई-बहन का रिश्ता भारतीय समाज में गहरी भावनात्मक जड़ें रखता है. पीएम मोदी के बयान का मकसद महिलाओं के भीतर एक ‘सुरक्षा कवच’ और ‘परिवार’ जैसा भाव जगाना है. चुनावी रणनीति में महिला मतदाता सबसे निर्णायक साबित हो सकती हैं. बिहार में महिला वोटिंग प्रतिशत पुरुषों से ज्यादा होता रहा है. ऐसे में यह संदेश सीधे महिला वोट बैंक पर फोकस करता है और उनके लिए एक भावनात्मक जुड़ाव रचता है. चुनावी रणनीति में यह लाइन कि- ‘आपका भाई नरेंद्र और नीतीश”, महिलाओं के बीच भाई का भाव जगाकर एनडीए को लाभ पहुंचा सकती है.
बिहार चुनाव की रणनीति में बड़ा संकेत
जानकार कहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लंबे समय से सत्ता में हैं और उनके नेतृत्व पर सवाल उठते रहे हैं. तेजस्वी यादव और प्रशांत किशोर जैसे नेता सीएम नीतीश कुमार के ‘अचेत अवस्था’ में होने के आरोप लगाते हैं. लेकिन, पीएम नरेंद्र मोदी का ‘दो भाई’ वाला कथन नीतीश कुमार की साख को दोबारा वैधता देता है. ऐसे में पीएम मोदी का यह साफ संदेश है कि बीजेपी और जदयू मिलकर साथ खड़े हैं और जनता के लिए काम कर रहे हैं. ऐसे में पीएम मोदी का ‘आपके दो भाई’ वाला बयान, एनडीए को एकजुट दिखाने और नीतीश कुमार के नेतृत्व पर विश्वास का सबसे आसान तरीका यह लाइन साबित हो सकती है.
नीतीश कुमार की भूमिका को मजबूती
बीते दो दशक से बिहार की सत्ता के शीर्ष पर विराजमान नीतीश कुमार बार-बार राजनीतिक समीकरण बदलते रहे हैं. इसको लेकर उनपर सवाल भी उठते रहे हैं. भरोसे और विश्वास के पैमाने पर वह कठघरे में खड़े दिखते रहे हैं. बीते कुछ वर्षों में तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश की छवि- ‘पलटूराम’, वाली बनाने की पुरजोर कोशिश की है. यह तब और सटीक बैठता है जब सीएम नीतीश कुमार बार-बार संदेश देते हुए दिखते हैं कि अब वह पाला बदली नहीं करेंगे. अब तो ‘दो भाई’ वाला बयान देकर इस बार उन्हें प्रधानमंत्री मोदी का सार्वजनिक समर्थन मिल गया है जो सीएम नीतीश की साख को दोबारा स्थापित करने का प्रयास लगता है.
एनडीए की एकजुटता की नई परिभाषा
पीएम मोदी के बयान का एक और अहम पहलू भाजपा-जदयू के बड़े भाई-छोटे भाई के नैरेटिव के विवाद को खत्म करना भी है. दरअसल, चुनाव के समय गठबंधन के भीतर असहमति की खबरें अक्सर आती हैं. 2020 के चुनाव में जिस तरह भाजपा बढ़ी और जदयू तीसरे नंबर की पार्टी बन गई इसने दोनों पार्टियों के बीच विश्वास और भरोसे पर चोट किया है. लेकिन, ”आपके लिए नीतीश भाई भी काम कर रहे हैं” कहकर पीएम मोदी ने पल में सीएम नीतीश को बराबरी का दर्जा दे दिया. जाहिर है यह संदेश जदयू कार्यकर्ताओं के लिए मनोबल बढ़ाने वाला है और गठबंधन की आंतरिक राजनीति में नीतीश की स्थिति को भी मजबूत करता है.
पीएम मोदी का विपक्ष पर अप्रत्यक्ष हमला
पीएम मोदी का यह कथन विपक्षी दलों के लिए भी एक चुनौती है, क्योंकि पीएम मोदी के बयान ने यह दिखाया कि एनडीए का नेतृत्व दो चेहरों- मोदी और नीतीश… के इर्द-गिर्द घूमता है. इस साझेदारी का सीधा फायदा जमीनी स्तर पर मिल सकता है, जहां कार्यकर्ता अब खुद को एक परिवार का हिस्सा मानकर काम करेंगे. ‘दो भाई काम कर रहे हैं’ का संदेश विपक्ष को घेरने का एक तरीका भी है, क्योंकि यह कहकर एनडीए ने खुद को परिवार के रूप में पेश कर दिया है, जबकि विपक्ष को सत्ता संघर्ष में उलझा हुआ दिखाने की कोशिश की गई है. ऐसे में आरजेडी या कांग्रेस अब पीएम मोदी के इस रणनीति पर किस तरह का नैरेटिव खड़ा करते हैं, यह देखना होगा.
भावनाओं की रणनीति और सियासी संदेश
कुल मिलाकर नरेंद्र मोदी का यह बयान केवल भाषण का हिस्सा नहीं है, बल्कि एक माहिर, परिपक्व और लाजवाब चुनावी रणनीति है. एक ओर भावनाओं को छूकर महिला वोट बैंक को साधना, नीतीश कुमार को मजबूत करना और एनडीए की एकता दिखाने के साथ ही विपक्ष के तल्ख हमलों की धार को कुंद करना, चारों ही पहलुओं को ”हम दो भाई” के इस एक लाइन में पिरो दिया गया है. बिहार चुनाव में यह कथन एनडीए के लिए वोट जुटाने का एक बड़ा मंत्र साबित हो सकता है. ऐसे में राजनीति के जानकार साफ तौर पर मानते हैं कि ”आपके दो भाई नरेंद्र और नीतीश जी आपके लिए काम कर रहे हैं”, महज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का हिस्सा नहीं था, बल्कि बिहार चुनाव की गहरी रणनीति भी समेटे हुए है.
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें
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Patna,Patna,Bihar
First Published :
September 29, 2025, 14:53 IST

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