हाल ही में उद्योगपति संजय कपूर की असामान्य मृत्यु की खबर आई. बताया गया कि लंदन में पोलो खेलते हुए मधुमक्खी उनके खुले मुंह से अंदर घुस गई. जिसने शायद उनकी श्वांस नली में डंक मारा. इसके बाद हार्टअटैक से उनकी मृत्यु हो गई. इसी तरह का एक सीन चर्चित ओटीटी सीरीज ब्रिजरटन में आता है, जहां एक काउंट की मृत्यु गले में मधुमक्खी के डंक से देखते ही देखते हो जाती है.
संजय कपूर की मृत्यु 12 जून को लंदन में 53 वर्ष की आयु में हुई. रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि उन्होंने गलती से एक मधुमक्खी निगल ली थी, जिसके कारण उनकी मृत्यु हुई. हालांकि, इस दावे की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई.
सुहेल सेठ ने एएनआई को बताया कि “संजय की मृत्यु हार्ट अटैक से हुई, संभवतः पोलो मैच के दौरान मधुमक्खी निगलने के बाद.” हालांकि उनकी कंपनी सोना कॉम्स्टार ने अपने आधिकारिक बयान में केवल हार्ट अटैक को मृत्यु का कारण बताया, बिना मधुमक्खी की घटना का उल्लेख किए.
वैसे मधुमक्खी निगलने से मृत्यु संभव है, लेकिन यह दुर्लभ है. अगर मधुमक्खी गले में डंक मार दे या श्वास नली में फंस जाए, तो इससे श्वास नली में अवरोध (airway obstruction) या एनाफिलैक्सिस (गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया) हो सकता है. दोनों ही स्थितियां हृदय पर दबाव डाल सकती हैं, जिससे हार्ट अटैक की संभावना बढ़ सकती है, खासकर यदि व्यक्ति को पहले से हृदय संबंधी समस्या हो.
नेटफ्लिक्स की लोकप्रिय सीरीज ब्रिजरटन के सीजन 2 में एक महत्वपूर्ण दृश्य है जिसमें काउंट एडमंड ब्रिजरटन की मृत्यु मधुमक्खी के डंक से होती है. मधुमक्खी गले में डंक मारती है और देखते ही देखते कुछ क्षणों में उनकी सांस अवरुद्ध हो जाती है. और मृत्यु हो जाती है. उसका बेटा एंथनी और पत्नी वायलेट असहाय होकर देखते रह जाते हैं.
ऐसे मामले दुर्लभ लेकिन हो चुके हैं
दुनिया में ऐसे मामले हो चुके हैं लेकिन ये दुर्लभ हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मधु मक्खियों के डंक से हर साल करीब 50,000 लोगों की मृत्यु होती हैं, इनमें ज्यादातर मामले एनाफिलैक्सिस या एक से अधिक डंक से होते हैं. गले में डंक या निगलने के असामान्य मामले कम दर्ज किए गए हैं.
अध्ययनों के अनुसार करीब 5-7% लोग मधुमक्खी के जहर से हल्की से मध्यम एलर्जी प्रतिक्रिया दिखाते हैं, जबकि 0.5-2% लोगों में गंभीर एलर्जी (एनाफिलेक्सिस) की आशंका होती है. अमेरिका में हर साल मधुमक्खी और ततैया के डंक से लगभग 50-100 मृत्यु होती हैं. भारत जैसे देशों में, जहां चिकित्सा सुविधाएं ग्रामीण क्षेत्रों में कम हैं, यह संख्या अधिक हो सकती है.
वर्ष 2021 में उत्तर प्रदेश में एक किसान की मृत्यु मधुमक्खियों के हमले से हुई, जिसमें गले और चेहरे पर डंक लगे थे, जिससे सांस लेने में कठिनाई हुई. आस्ट्रेलिया में 2020 में एक व्यक्ति को गले के पास मधुमक्खी ने डंक मारा, जिससे श्वास नली में सूजन हुई, लेकिन समय पर चिकित्सा सहायता से वह बच गया.
2019 में, टेक्सास में एक व्यक्ति की मृत्यु मधुमक्खियों के हमले से हुई. हालांकि ये स्पष्ट नहीं था कि डंक गले में लगा लेकिन मधुमक्खियों के बार-बार डंक मारने से वह एनाफिलेक्सिस का शिकार हुआ.
वर्ष 2021 में उत्तर प्रदेश में एक किसान की मृत्यु मधुमक्खियों के हमले से हुई, जिसमें गले और चेहरे पर डंक लगे थे, जिससे सांस लेने में कठिनाई हुई. (News18 AI)
गले में काट ले तो स्थिति गंभीर हो सकती है
मधुमक्खी का डंक मारना आमतौर पर दर्दनाक होता है, लेकिन इसके जानलेवा होने की आशंका बहुत कम होती है. हालांकि, अगर मधुमक्खी गले में काट ले, तो स्थिति गंभीर हो सकती है, विशेष रूप से अगर व्यक्ति को मधुमक्खी के जहर से एलर्जी हो या डंक के कारण श्वास नली में सूजन आ जाए.
मधुमक्खी के डंक में कौन सा जहर
मधुमक्खी के डंक में एक जहर होता है, जिसे एपिटॉक्सिन कहते हैं. यह जहर त्वचा में जलन, दर्द, लालिमा और सूजन पैदा करता है. सामान्य तौर पर, यह लक्षण कुछ घंटों या कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं. हालांकि, कुछ लोगों में मधुमक्खी के जहर से गंभीर एलर्जी रिएक्शन हो सकता है, जिसे एनाफिलेक्सिस कहा जाता है. यह एक चिकित्सीय आपात स्थिति है.
इसमें ये स्थितियां बन सकती हैं
– सांस लेने में कठिनाई
– गले या जीभ में सूजन
– तेजी से हृदय गति
– चक्कर आना या बेहोशी
– पूरे शरीर में पित्ती (हाइव्स)
डंक के कारण होने वाली सूजन श्वास नली को संकुचित या बंद कर सकती है, जिससे वायुमार्ग अवरोध हो सकता है. (News18AI)
गले में मधुमक्खी का डंक क्यों खतरनाक?
गले में मधुमक्खी का डंक विशेष रूप से खतरनाक हो सकता है क्योंकि यह श्वास नली (ट्रेकिया) या स्वरयंत्र (लैरिंक्स) को प्रभावित कर सकता है. डंक के कारण होने वाली सूजन श्वास नली को संकुचित या बंद कर सकती है, जिससे वायुमार्ग अवरोध (airway obstruction) हो सकता है. अगर तुरंत चिकित्सा नहीं मिले तो ये स्थिति कुछ ही मिनटों में जानलेवा हो सकती है.
इसके अलावा, अगर व्यक्ति को मधुमक्खी के जहर से एलर्जी है, तो गले में डंक मारने से एनाफिलेक्सिस की आशंका और भी बढ़ जाती है. गले की संवेदनशील संरचना और वहां मौजूद महत्वपूर्ण अंग यानि श्वांस नली और रक्त वाहिकाएं इसे और जोखिम भरा बनाते हैं.
क्या मृत्यु हो सकती है?
हां, मधुमक्खी के डंक से मृत्यु हो सकती है, लेकिन यह बहुत दुर्लभ है. अगर व्यक्ति को मधुमक्खी के जहर से गंभीर एलर्जी है, तो डंक के कुछ मिनटों के भीतर ही एनाफिलेक्सिस शुरू हो सकता है. यह स्थिति रक्तचाप में तेजी से कमी, श्वास नली की सूजन, और हृदय की गति रुकने का कारण बन सकती है.
गले में डंक मारने से सूजन इतनी तेजी से बढ़ सकती है कि व्यक्ति सांस नहीं ले पाता. यह स्थिति तब और गंभीर हो जाती है, अगर डंक गले के अंदर लगे. अगर तुरंत चिकित्सा सहायता नहीं मिल पाए तो मृत्यु की आशंका बढ़ जाती है.
अगर मधुमक्खियां बार-बार डंक मारें, तो जहर की मात्रा बढ़ने से शरीर पर विषाक्त प्रभाव (टॉक्सिक रिएक्शन) पड़ सकता है, जिससे अंग विफलता हो सकती है.