India Keeps Up Diplomatic Heat On Pakistan: भारत के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक कार्यालय (यूएनओसीटी) और आतंकवाद निरोधक समिति के कार्यकारी निदेशालय के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की. इस मुलाकात में पहलगाम में द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने जो आतंकी हमले किए उस पर व्यापक चर्चा हुई. यूएन के आतंकवाद-रोधी कार्यालय (यूएनओसीटी) के अवर महासचिव व्लादिमीर वोरोनकोव और काउंटर-टेररिज्म कमेटी कार्यकारी निदेशालय (सीटीईडी) की सहायक महासचिव नतालिया घेरमन ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल से सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने सुरक्षा परिषद के आतंकवाद-रोधी प्रस्तावों और यूएन की वैश्विक आतंकवाद-रोधी रणनीति को लागू करने को लेकर पूर्ण सपोर्ट की बात कही.
पहलगाम हमले पर जताया दुख
वोरोनकोव और घेरमन ने पिछले महीने पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों के लिए शोक व्यक्त किया. संयुक्त राष्ट्र के सूत्रों के अनुसार, भारतीय प्रतिनिधिमंडल, जिसमें खुफिया अधिकारी शामिल हैं- ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) को एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन घोषित करने और उस पर प्रतिबंध लगाने के लिए भारत का प्रस्तुत किया.
टीआरएफ पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का सहयोगी है, जिसे यूएन ने पहले ही अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन घोषित किया है.
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने सुरक्षा परिषद की 1267 समिति की टीम से की मुलाकात
सूत्रों के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को सुरक्षा परिषद की 1267 समिति की निगरानी टीम से भी मुलाकात की, जो आतंकी समूहों और उनसे जुड़े लोगों पर प्रतिबंध लगाती है. सूत्रों ने बताया कि टीम समिति को पहलगाम हमले और उसकी अन्य गतिविधियों को अंजाम देने वाले टीआरएफ के सबूत पेश कर रही है. 1267 समिति का नाम सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1267 के आधार पर है, जो इस्लामिक स्टेट (दाएश), अल-कायदा और उनसे जुड़े समूहों व लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता है. प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के राजनयिकों से भी मुलाकात की, ताकि टीआरएफ को आतंकी संगठन घोषित करने के लिए समर्थन मांगा जाए. अब जानें क्या है सुरक्षा परिषद की 1267 समिति.
क्या है security Council 1267 Committee?
security Council 1267 Committee एक खास टीम है जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की 1267 कमेटी को सपोर्ट करती है. ये कमेटी अल-कायदा, आईएसआईएल (दाएश), तालिबान और इनसे जुड़े लोगों व संगठनों पर लगाए गए प्रतिबंधों की निगरानी करती है. इस टीम का काम है इन प्रतिबंधों को लागू करने में मदद करना और ये देखना कि दुनिया भर में इनका पालन कैसे हो रहा है. ये टीम 10 एक्सपर्ट्स की बनी होती है, जो न्यूयॉर्क में बेस्ड हैं.
सुरक्षा परिषद की 1267 समिति का क्या है काम?
आतंकवाद से जुड़ी जानकारी इकट्ठा करना, जैसे कि इन संगठनों से जुड़े लोग या ग्रुप्स क्या कर रहे हैं. प्रतिबंधों के पालन में कमियां ढूंढना और सुझाव देना कि इन्हें कैसे बेहतर किया जा सकता है. समय-समय पर रिपोर्ट्स तैयार करना, जिसमें ये बताया जाता है कि आतंकी खतरा कैसे बदल रहा है, जैसे कि आईएसआईएल या अल-कायदा का प्रभाव कहां बढ़ रहा है (जैसे इराक, सीरिया, लीबिया, अफगानिस्तान). ओम्बड्सपर्सन को सपोर्ट करना, जो उन लोगों की अपील सुनता है जो प्रतिबंधों की लिस्ट से अपना नाम हटवाना चाहते हैं. सदस्य देशों से जानकारी लेना कि वे प्रतिबंधों को कैसे लागू कर रहे हैं, और गैर-पालन की स्थिति में क्या कदम उठाए जा सकते हैं. इस टीम की शुरुआत 1999 में रेजोल्यूशन 1267 के तहत हुई थी, जब अल-कायदा और तालिबान को आतंकी घोषित किया गया था. बाद में 2011 में तालिबान के लिए अलग कमेटी बनाई गई, और 2015 में आईएसआईएल को भी इसमें शामिल किया गया.