क्या होता है महाभूकंप, जापान में दी गई है जिसकी चेतावनी, कितनी मचेगी तबाही?

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Last Updated:December 10, 2025, 15:20 IST

Mega Earthquake: जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने आओमोरी के पास 7.5 तीव्रता के भूकंप के बाद महाभूकंप की चेतावनी दी है. सोमवार को आए भूकंप के बाद 90,000 लोग सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं. इसके झटके टोक्यो तक महसूस किए गए.

क्या होता है महाभूकंप, जापान में दी गई है जिसकी चेतावनी, कितनी मचेगी तबाही?सोमवार को आए भूकंप के बाद पूर्वोत्तर जापान के आओमोरी प्रांत के तोहोकू में एक सड़क ढह गई.

Mega Earthquake: जापानी अधिकारियों ने एक चेतावनी जारी की है कि अगले सप्ताह के भीतर जापान के उत्तरी तट पर एक ‘महाभूकंप’ आ सकता है. सोमवार को इस क्षेत्र में 7.5 तीव्रता का भूकंप आया था. जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (जेएमए) ने कहा कि सोमवार देर रात आए भूकंप ने क्षेत्र में समान या अधिक तीव्रता के एक और भूकंप की आशंका को बढ़ा दिया है. रात 11:15 बजे आए इस भूकंप का केंद्र आओमोरी के प्रशांत तट से 54 किलोमीटर की गहराई पर था. जापान की ‘महाभूकंप’ की चेतावनी का मतलब है कि उसके उत्तरी प्रशांत तट पर आठ या उससे अधिक तीव्रता के भूकंप का खतरा सामान्य से अधिक है, लेकिन ऐसा होगा नहीं क्योंकि इसकी आशंका बहुत कम है.

क्या हैं इस चेतावनी के मायने
सोमवार रात को उत्तरी होंशू के आओमोरी के प्रशांत तट से दूर लगभग 54 किलोमीटर की गहराई पर 7.5 तीव्रता का भूकंप आया. जिससे लगभग 60 से 70 सेंटीमीटर ऊंची छोटी सुनामी लहरें उठीं और कम से कम 30-33 लोग घायल हो गए. जबकि लगभग 90,000 निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा. भूकंप के झटके इतने तेज थे कि सड़कों में दरारें पड़ गईं, कुछ इमारतों को नुकसान पहुंचा और दक्षिण में लगभग 550 किलोमीटर दूर टोक्यो तक महसूस किए गए.

महाभूकंप का खतरा करीब 1%
2022 में लागू नियमों के तहत जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी (जेएमए) जापान और कुरिल (चिशिमा) ट्रेंच के साथ स्थित विशाल भूकंपों के ज्ञात स्रोत क्षेत्रों में या उसके आसपास सात या उससे अधिक तीव्रता का भूकंप आने पर ‘महाभूकंप चेतावनी’ जारी करती है. होक्काइडो-सानरिकु क्षेत्र के लिए यह पहली चेतावनी है, जिसमें बताया गया है कि अगले सप्ताह आठ या उससे अधिक तीव्रता के भूकंप की आशंका ‘सामान्य से अपेक्षाकृत अधिक’ है, लेकिन अधिकारियों का अनुमान है कि यह आशंका लगभग एक फीसदी है.

क्या होता है महाभूकंप
महाभूकंप (मेगा क्वेक) एक अत्यंत शक्तिशाली भूकंप होता है, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 8.0 या उससे अधिक मापी जाती है. ऐसे भूकंप बहुत कम आते हैं, लेकिन यह विनाशकारी होते हैं जो बड़े पैमाने पर तबाही मचा सकते हैं. जैसे जमीन का फटना, इमारतों का ढहना और विशाल सुनामी लहरें पैदा करना.​ महाभूकंप 30 मीटर ऊंची सुनामी ला सकता है. इससे लगभग दो लाख लोगों की जान जा सकती है, कई लाख बुनियादी संरचनाएं नष्ट हो सकती हैं और 31 ट्रिलियन येन का आर्थिक नुकसान हो सकता है. ऐसे महाभूकंप से न केवल भूकंपीय झटके बल्कि सुनामी, भूस्खलन और सर्दियों में हाइपोथर्मिया जैसी अतिरिक्त आपदाएं हो सकती हैं. इससे काफी लोग प्रभावित हो सकते हैं. ​

महाभूकंप और भूकंप में अंतर
ये अंतर महाभूकंप और सामान्य भूकंप की तीव्रता, प्रभाव क्षेत्र और विनाशकारी क्षमता में होता है. सामान्य भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 8.0 से कम होती है, जबकि महाभूकंप (मेगा क्वेक) 8.0 या उससे अधिक तीव्रता का होता है, जो विशाल क्षेत्र में लंबे समय तक कंपन पैदा करता है. सामान्य भूकंप स्थानीय स्तर पर सीमित रहते हैं और मध्यम नुकसान पहुंचाते हैं. लेकिन महाभूकंप मेजर फाल्ट लाइंस पर प्लेटों के बड़े पैमाने पर हटने से उत्पन्न होते हैं, जिससे जमीन फटना, भूस्खलन और विशाल सुनामी जैसी आपदाएं होती हैं.

चिंतित क्यों हैं वैज्ञानिक?
जापान एक प्रमुख सबडक्शन जोन के ऊपर स्थित है जहां प्रशांत प्लेट जापान और कुरिल ट्रेंच के साथ उत्तरी अमेरिकी और ओखोत्स्क प्लेटों के नीचे धंसती है. इससे भारी तनाव जमा होता है जो कभी-कभी मेगाथ्रस्ट भूकंपों के रूप में निकलता है. 2011 में जापान ट्रेंच के पास तोहोकू में 9.0 तीव्रता के भूकंप से विनाशकारी सुनामी आई, जिसमें लगभग 20,000 लोग मारे गए और फुकुशिमा दाइची परमाणु संयंत्र क्षतिग्रस्त हो गया. अब चिंता की बात यह है कि सोमवार को आई 7.5 तीव्रता की घटना या तो एक तेज पूर्व-भूकंप हो सकती है या उसी ट्रेंच सिस्टम में व्यापक दबाव समायोजन का एक हिस्सा हो सकती है. अधिकारी इस सलाह का इस्तेमाल घरों और स्थानीय सरकारों को निकासी योजनाओं को ताजा करने, आपूर्ति सुरक्षित करने और तेज भूकंप या बड़ी सुनामी चेतावनी जारी होने पर तुरंत कार्रवाई के लिए तैयार रहने के लिए प्रेरित करने के लिए कर रहे हैं.

चेतावनी कोई नई बात नहीं
‘महाभूकंप’ की चेतावनी कोई नई बात नहीं है. अगस्त 2024 में देश के दक्षिण में आए 7.1 तीव्रता के भूकंप के बाद जापान ने नानकाई ट्रेंच नामक निकटतम समुद्री खाई से उत्पन्न होने वाले महाभूकंप के लिए अपना पहला अलर्ट जारी किया. उसके बाद कोई संबंधित भूकंप नहीं आया और एक सप्ताह बाद नागरिक अपने दैनिक जीवन में वापस लौट पाए. लेकिन जापान के लगातार ऐसे झटकों के संपर्क में रहने के बावजूद प्रशांत महासागर के परिक्षेत्र ‘फायर रिंग’ पर स्थित होने का अर्थ है कि महसूस किए जाने वाले और महसूस न किए जाने वाले भूकंप लगभग हर तीन मिनट में आते हैं.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

December 10, 2025, 15:19 IST

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