क्या होती है अत्यधिक गरीबी? जिससे केरल होने जा रहा मुक्त

12 hours ago

Last Updated:October 28, 2025, 08:40 IST

केरल भारत का पहला ऐसा राज्‍य बनने जा रहा है जहां एक भी व्‍यक्‍त‍ि गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन नहीं करेगा. राज्‍य के मुख्‍यमंत्री 1 नवंबर को आध‍िकार‍िक रूप से इसकी घोषणा करने जा रहे हैं. हालांक‍ि इस उपलब्‍ध‍ि के श्रेय को लेकर माकपा सरकार और भाजपा के बीच में तनातनी चल रही है. आइए जानते हैं क‍ि गरीबी रेखा क्‍या होती है और क‍िसी राज्‍य के गरीबी से मुक्‍त होने का न‍िर्धारण कैसे होता है?

क्या होती है अत्यधिक गरीबी? जिससे केरल होने जा रहा मुक्तक्‍या होती है गरीबी रेखा?

Kerala is set to be declared poverty free state: केरल भारत का ऐसा पहला राज्य बन गया है जो अत्यधिक गरीबी से मुक्त हो गया है. राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने केरल को अत्यधिक गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों से मुक्त राज्य की औपचारिक घोषणा कर दी है, अब 1 नवंबर को इसका भव्य आयोजन होने जा रहा है. यानि केरल अब ऐसा राज्य है जहां अब कोई भी अत्यधिक गरीबी रेखा के नीचे नहीं है, यहां सभी लोग अत्यंत गरीबी रेखा से ऊपर जी रहे हैं.

हालांकि इस घोषणा के बाद इसके श्रेय को लेकर भी माकपा और भाजपा आमने-सामने हैं. केरल की कम्यूनिस्ट सरकार का कहना है कि राज्य सरकार की योजनाओं और जमीन पर उन्हें सफलता से लागू करने के कारण यह उपलब्धि हासिल हुई है. वहीं भारतीय जनता पार्टी इस उपलब्धि को केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं के प्रतिफल का बड़ा योगदान बता रही है.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा, ‘अब माकपा इसका श्रेय ले रही है और मेरे अनुसार गरीबों का मज़ाक उड़ा रही है और उनका अपमान कर रही है. जबकि सच्चाई यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की कड़ी मेहनत के कारण ही लगभग 20 करोड़ लोग अत्यधिक गरीबी रेखा से बाहर आ पाए हैं.’

वहीं एक तीसरा समूह आदिवासियों का भी है जो इस राज्य को गरीबी मुक्त घोषित करने के दावे को ही खारिज कर रहे हैं. हालांकि इन सबके बीच ये जानना बेहद जरूरी है कि अत्यधिक गरीबी आखिर होती क्या है? केरल राज्य इससे मुक्त हुआ है लेकिन पूरे भारत और अन्य राज्यों की क्या स्थिति है? क्या गरीबी रेखा और अत्यधिक गरीबी रेखा में अंतर है? कोई राज्य कैसे गरीबी रेखा से मुक्त होता है? आइए इन सभी सवालों के जवाब विस्तार से जानते हैं.

सवाल- क्या होती है अत्यधिक गरीबी रेखा?
जवाब- गरीबी रेखा एक न्यूनतम आय या उपभोग स्तर है, जो यह निर्धारित करती है कि कोई व्यक्ति अपनी बुनियादी जरूरतों (जैसे भोजन, आश्रय) को पूरा करने में सक्षम है या नहीं. जो लोग इस रेखा से नीचे आते हैं, उन्हें गरीबी रेखा से नीचे (BPL) माना जाता है और वे अक्सर सरकारी सहायता के पात्र होते हैं. वहीं जो लोग बुनियादी जरूरतों जैसे भोजन, पानी, कपड़े और आश्रय की जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पाते हैं तो वे अत्यधिक गरीब की श्रेणी में आते हैं.

सवाल- पूरे भारत में कितने गरीब हैं? अन्य राज्यों में क्या स्थिति है?
जवाब- नीति आयोग के आंकड़े (2021) बताते हैं कि पूरे भारत में गरीबी रेखा के नीचे 14.96 प्रतिशत लोग हैं. गुजरात में 11.66 प्रतिशत, बिहार में 33.76 प्रतिशत और यूपी में 22.93 प्रतिशत लोग गरीब हैं. गरीबी रेखा के इस पैमाने को बहुआयी गरीबी ( Multidimensional Poverty Index (MPI) के रूप में परिभाषित किया गया है. इसमें आर्थिक आय-व्यय नहीं, बल्कि जीवन-स्तर, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी चीजें शामिल होती हैं.

सवाल- केरल किससे हुआ है मुक्त?
जवाब- केरल अब अत्यधिक गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों से मुक्त हुआ है. यानि यहां रहने वाले हर व्यक्ति के पास बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं.

सवाल- केरल की इस उपलब्धि का निर्धारण कैसे हुआ?
जवाब- नीति आयोग की 2021 की रिपोर्ट के अनुसार केरल में सिर्फ 0.7 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा ( इसे अत्यधिक गरीबी भी कहा जाता है) के नीचे थे. केरल सरकार ने इन 0.7 प्रतिशत परिवारों के चिन्हित किया और इनकी गरीबी को खत्म करने के लिए इन परिवारों के पास उपलब्ध खाद्य सामग्री, स्वास्थ्य,जीविकोपार्जन के साथ और आवास की सुविधा मुहैया कराई गई. नीति आयोग की 2023-24 की रिपोर्ट (SDG India index 2023-24) बताती है कि केरल मानव विकास सूचकांक में भारत का शीर्ष प्रदेश है. नीति आयोग ने केरल को 79 मार्क दिए थे, 78 मार्क के साथ तमिलनाडु दूसरे स्थान पर है. जबकि बिहार को 57 मार्क दिए गए. बिहार और केरल के बीच 22 मार्क का अंतर है. इस मार्क में मानव विकास से जुड़े 16 बड़े लक्ष्य शामिल थे.

सवाल- आय के अलावा और कौन से फैक्टर्स बना रहे केरल को आगे?
जवाब- नेशनल सर्वे की 2025 की रिपोर्ट के अनुसार केरल की साक्षरता दर 96.2 प्रतिशत है. जबकि भारत की कुल औसत साक्षरता दर इस सर्वे के अनुसार 77.7 प्रतिशत है. जबकि यूनेस्कों के आंकड़ों के अनुसार विश्व की साक्षरता दर 86.5 प्रतिशत है जो केरल से पीछे है.

. इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ के 2023 के आंकड़ों के अनुसार भारत में जीवन प्रत्याशा 72 वर्ष है. केरल में 78. 26 प्रतिशत है.

. स्वास्थ्य सेवा के मामले में केरल वह प्रदेश है, जो स्वास्थ्य सेवाओं पर भारत के राष्ट्रीय औसत से 4 गुना अधिक खर्च करता है. केरल प्रति व्यक्ति करीब 1 हजार रुपये स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च करता है जबकि भारत का औसत 250 रूपए से भी कम है.

. केरल में डब्ल्यूएचओ के मानकों के अनुसार प्रति 1 हजार आय पर एक डॉक्टर उपलब्ध है. जबकि विश्व में औसत 1500 पर एक डॉक्टर का है.

. केरल में जन्म लेने वाले 1000 बच्चों में सिर्फ 5 बच्चों की मौत होती है जबकि अमेरिका में 5.6 की और भारत में 25 बच्चों की.

सवाल-केरल की आबादी कैसी है?
जवाब- 2011 की जनगणना के अनुसार केरल में हिंदू 54.7 प्रतिशत, मुस्लिम 26.6 प्रतिशत और ईसाई 18.4 प्रतिशत हैं, शेष अन्य धर्मों के लोग या धर्म न मानने वाले लोग हैं. स्पष्ट है कि केरल में हिंदू, मुस्लिम और ईसाई तीनों का आबादी में अनुपात अच्छा-खासा है. करीब आधे हिंदू हैं, तो एक एक चौथाई मुस्लिम हैं और करीब 20 प्रतिशत ईसाई हैं.

priya gautamSenior Correspondent

अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.News18.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ एंड लाइफस्...और पढ़ें

अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.News18.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ एंड लाइफस्...

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Location :

Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh

First Published :

October 28, 2025, 08:40 IST

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