Last Updated:June 05, 2025, 10:59 IST
Longest Tunnel : महाराष्ट्र के नागपुर और मुंबई जैसे दो औद्योगिक शहरों को जोड़ने के लिए बनाया गया समृद्धि एक्सप्रेसवे अब पूरी तरह खोला जा चुका है. इस एक्सप्रेसवे पर एक खास टनल भी बनाई गई है, जिसे पहली स्मार्...और पढ़ें

समृद्धि एक्सप्रेसवे पर करीब 8 किलोमीटर लंबी स्मार्ट टनल बनाई गई है.
हाइलाइट्स
नागपुर-मुंबई समृद्धि एक्सप्रेसवे का उद्घाटन हुआ.7.8 किमी लंबी कसारा घाट टनल देश की सबसे लंबी टनल है.टनल में 60 डिग्री तापमान पर ऑटोमेटिक फायर सिस्टम सक्रिय होगा.नई दिल्ली. देश को आज एक और एक्सप्रेसवे की सौगात मिल गई, जब नागपुर से मुंबई तक बने समृद्धि एक्सप्रेसवे का आखिरी हिस्सा भी जनता के लिए खोल दिया गया. 701 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे का आखिरी हिस्सा 76 किलोमीटर लंबा है, जिस पर देश की चौथी सबसे लंबी टनल भी बनाई गई है. यह देश की पहली स्मार्ट टनल भी है, जो पहाड़ों का सीना चीरकर बनाई गई है. इस टनल की खासियत ये है कि आग लगने पर जैसे ही तापमान 60 डिग्री सेल्सियस पहुंचेगा, इसका फायर सिस्टम ऑन हो जाएगा.
नागपुर-मुंबई एक्सप्रेसवे जिसे समृद्धि एक्सप्रेसवे के नाम भी जाना जाता है, इसका निर्माण साल 2016 में शुरू किया गया था. एक्सप्रेसवे के बाकी हिस्से का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है, जबकि नासिक के इगतपुरी से थाणे जिले के अमाने तक बने 76 किलोमीटर के स्ट्रेच रोड का निर्माण भी अब पूरा हो चुका है और इसे 5 जून से आधिकारिक तौर पर ट्रैफिक के लिए खोल दिया जाएगा. इसी आखिरी हिस्से पर बनी है कसारा घाट टनल, जो देश की सबसे लंबी रोड टनल है. इसकी लंबाई 7.8 किलोमीटर की है और इस टनल में कई ऐसी खासियतें हैं, जो इसे इंजीनियरिंग का कमाल बनाती हैं.
कसारा टनल को दो हिस्सों में बनाया गया है.
टनल में मिलेगा फुल नेटवर्क
कसारा घाट टनल को बनाने में करीब 23,000 टन सीमेंट का इस्तेमाल किया गया है और 400 टन स्टील की खपत हुई है. इस टनल को पार करने में महज 7 मिनट का समय लगेगा, जिससे यात्रियों का काफी समय भी बच जाएगा. टनल को दो अलग-अलग वायाडक्ट के जरिये बनाया गया है, जिसमें एक वायाडक्ट की ऊंचाई 9.10 मीटर तो दूसरे की 12.95 मीटर है. टनल के भीतर ऑक्सीजन उपलब्ध कराने की पूरी व्यवस्था है, इसके साथ ही मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट की सुविधा भी मिलेगी. इसके लिए टनल में लीकी केबल बिछाई गई है.
तापमान बढ़ते ही होने लगेगी बारिश
यह देश की पहली ऐसी टनल है, जिसमें हाई प्रेसर वॉटर मिस्ट सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है. इसका मतलब है कि आग लगने की दशा में टनल में लगी पाइप से खुद ही पानी गिरना शुरू हो जाएगा. टनल का तापमान जैसे ही 60 डिग्री से ज्यादा पहुंचेगा, इसका फायर सिस्टम खुद शुरू हो जाएगा और टनल में लगे पाइप से पानी की बौछार होनी शुरू हो जाएगी और आग अपने आप बुझ जाएगी.
समृद्धि एक्सप्रेसवे के जरिये नागपुर से मुंबई की दूरी महज 7 घंटे में पूरी हो जाएगी.
टनल की और भी कई खूबियां
इस टनल को काफी स्मार्ट बनाया गया है, जहां ऑटोमेटिक फायर सिस्टम के अलावा हर 150 मीटर पर फोन लगाए गए हैं. इसका इस्तेमाल किसी भी आपात स्थिति में किया जा सकता है. इसके अलावा हर 30 मीटर पर स्पीकर भी लगाए गए हैं. टनल में कुल 26 फायर अलार्म सिस्टम भी लगाए हैं. यह टनल एक्सेस कंट्रोल सिस्टम से लैस है, जिसमें रेडियो कम्युनिकेशन सिस्टम और सीसीटीवी भी लगाए गए हैं.
एक्सप्रेसवे पर बनी हैं 6 टनल
701 किलोमीटर के इस समृद्धि एक्सप्रेसवे को बनाने में करीब 55 हजार करोड़ रुपये का खर्चा आया है. इसके जरिये नागपुर से मुंबई तक महज 7 घंटे में पहुंचा जा सकेगा, जिसे तय करने में अभी 16 घंटे से भी जयादा का समय लग जाता है. एक्सप्रेसवे पर 33 बड़े पुल और 274 छोटे पुल बनाए गए हैं, जबकि 65 फ्लाईओवर और 6 टनल के जरिये यह रास्ता पूरा होता है. यह देश का पहला एक्सप्रेसवे है, जिसे 150 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चलने के लिए बनाया गया है और यह 10 जिलों के 390 गांवों से होकर गुजरेगा.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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