गजब! ये युवा किसान तो हाईटेक निकला, बिना चालक के खेतों में दौड़ाया ट्रैक्टर

9 hours ago

Last Updated:June 07, 2025, 12:09 IST

हरियाणा के करनाल में किसान बीर विर्क ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बिना ड्राइवर के ट्रैक्टर चलाकर खेती की. अमेरिका से लौटे बीर ने तीन हाईटेक ट्रैक्टर तैयार किए हैं, जो सैटेलाइट सिग्नल से चलते हैं.

गजब! ये युवा किसान तो हाईटेक निकला, बिना चालक के खेतों में दौड़ाया ट्रैक्टर

करनाल के जमालपुर गांव के युवा किसान बीर विर्क ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से तीन हाईटेक ट्रैक्टर तैयार किए हैं.

हाइलाइट्स

हरियाणा के किसान बीर विर्क ने बिना ड्राइवर के ट्रैक्टर चलाया.बीर विर्क ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से तीन हाईटेक ट्रैक्टर बनाए.यह ट्रैक्टर सैटेलाइट सिग्नल से चलते हैं और समय व डीजल बचाते हैं.

करनाल. भारत की सड़कों पर अब तक बिना ड्राइवर के गाड़ियां नहीं चली हैं. लेकिन किसान ने खेतों में बिना ड्राइवर के ट्रैक्टर दौड़ाया है. हैरान रह गए ना आप? यह सच है. मामला हरियाणा के करनाल जिले का है. यहां पर एक युवा किसान ने तकनीक की मदद से खेतों में बिना ड्राइवर के ही ट्रैक्टर से जुताई की. किसान की तकनीक से हर कोई हैरान है.

दरअसल, करनाल के जमालपुर गांव के युवा किसान बीर विर्क ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक से तीन हाईटेक ट्रैक्टर तैयार किए हैं, जो बिना किसान के खेतों में काम करते हैं. इन ट्रैक्टरों को खेतों में बिना किसी इंसान के चलते देख आप हैरान रह जाएंगे. अमेरिका से लौटे बीर विर्क अपने परिवार के साथ खेती कर रहे हैं और अन्य किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं.

बीर विर्क ने बताया कि यह तकनीक विदेशों में थी, जिसे उन्होंने दो-तीन साल की मेहनत के बाद भारत में लाकर चलाया है. यह ट्रैक्टर सैटेलाइट सिग्नल से चलता है और अब यह काफी सफल हो चुका है. किसानों को इसे इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि यह बहुत फायदेमंद है.

बीर विर्क ने बताया कि ट्रैक्टर एक मोटर, जीएनएस सिग्नल और आईपैड से कमांड लेता है. यह जीरो. जीरो सेंटीमीटर एक्यूरेसी मेंटेन करता है और ट्रैक्टर को मुड़ने के लिए कितनी जगह चाहिए, यह बताता है. ट्रैक्टर किसी दूसरे के खेतों में नहीं जाता और समय और डीजल की भी बचत होती है. साधारण किसान भी इसे चला सकता है क्योंकि इसे ऑपरेट करने के लिए सिर्फ ट्रैक्टर की रेस को देखना होता है.

युवा किसान ने तकनीक की मदद से खेतों में बिना ड्राइवर के ही ट्रैक्टर से जुताई की.

बीर विर्क ने बताया कि इस तकनीक को सेटअप करने के लिए एक लैपटॉप की तरह पूरा सामान आता है, जो 1 घंटे में इंस्टॉल हो जाता है. स्वीडन की कंपनी के टेक्निकल लोग व्हाट्सएप और वीडियो कॉल पर सपोर्ट देते हैं. बीर विर्क का परिवार शुरू से ही खेती करता आ रहा है. उन्होंने 2021 में अमेरिका से लौटकर इस तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया. अमेरिका में उन्होंने देखा कि वहां खेती में काफी तकनीक का इस्तेमाल होता है, जिससे एक आदमी हजारों एकड़ की खेती कर सकता है. बीर विर्क के पास 15 ट्रैक्टर हैं और वे 200 एकड़ में खेती करते हैं. उनके पास उत्तरांचल में भी 150 एकड़ का फार्म है. उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे भी इस तकनीक का इस्तेमाल करें ताकि समय और डीजल की बचत हो सके.

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Vinod Kumar Katwal

13 Years Experience in Print and Digital Journalism. Earlier used to Work With Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesar and Amar Ujala . Currently, handling Haryana and Himachal Pradesh Region as a Bureau chief from ...और पढ़ें

13 Years Experience in Print and Digital Journalism. Earlier used to Work With Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesar and Amar Ujala . Currently, handling Haryana and Himachal Pradesh Region as a Bureau chief from ...

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Location :

Karnal,Karnal,Haryana

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