गांव का अनोखा अस्पताल: स्वीपर के भरोसे चल रहा था OPD, जानिए मामला

2 hours ago

Last Updated:May 20, 2025, 20:20 IST

बलिया के भैंसहा गांव का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महीनों से बंद पड़ा है. अस्पताल सिर्फ एक स्वीपर के भरोसे था, जिसकी मौत के बाद ताला लटक गया. इलाज के लिए ग्रामीणों को 45 KM दूर जाना पड़ता है लोकल 18 लोकल की रिपो...और पढ़ें

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अजब गजब है यह गांव का अस्पताल 

हाइलाइट्स

बलिया के भैंसहा गांव का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महीनों से बंद पड़ा है.अस्पताल सिर्फ एक स्वीपर के भरोसे था, जिसकी मौत के बाद ताला लटक गया.लोकल 18 लोकल की रिपोर्ट के बाद प्रशासन हरकत में आया.

बलिया: बलिया ज़िले के ग्रामीण इलाक़ों में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत देखकर हर कोई भी हैरान रह जाएगा. सरकार चाहे जितना दावा कर ले कि हर गांव में इलाज की बेहतर सुविधा है, लेकिन ज़मीनी हक़ीक़त इससे बिल्कुल अलग है. इसका ताज़ा उदाहरण है रेवती थाना क्षेत्र के भोपालपुर भैंसहा गांव का नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र. यह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कई महीनों से बंद पड़ा है. यहां इलाज तो दूर, बाहर से ताला लटका मिला.

“सिर्फ ताला खुलता है, इलाज नहीं होता”
भैंसहा गांव के रहने वाले हरेन्द्र वर्मा ने लोकल18 को बताया कि ये अस्पताल महीने में एक-दो बार ही खुलता है. उस दौरान भी सिर्फ बुखार में सर दर्द की और सर दर्द में बुखार की दवा दे दी जाती है. यहां तक कि अगर कोई मरीज क्रीम मांगता है तो उस पर पैसे मांगे जाते हैं. ऐसे में लोगों को छोटी-बड़ी बीमारी के लिए मजबूरन 45 किलोमीटर दूर जिला अस्पताल जाना पड़ता है. हरेन्द्र बताते हैं कि अगर कोई बड़ी दुर्घटना हो जाए, तो भैंसहा गांव से सीधे जिला अस्पताल ही जाना पड़ता है.

स्वीपर के भरोसे चल रहा है अस्पताल
सूत्रों से पता चला है कि यह अस्पताल दरअसल एक स्वीपर के भरोसे ही चल रहा था. लेकिन कुछ समय पहले उसकी मौत हो गई और तब से ये अस्पताल पूरी तरह बंद है. वहां के निवासी धनजी यादव ने बताया कि अगर किसी को सांप काट ले या जानवर घायल कर दे, तो इलाज के अभाव में लोग भगवान को प्यारे हो जाते हैं. यहां इलाज नहीं, सिर्फ लापरवाही मिलती है.

कैमरे पर हरकत में आया सिस्टम
जब लोकल 18 के रिपोर्टर ने इस मामले की जानकारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजीव बर्मन को दी, तो प्रशासन हरकत में आया. डॉ. बर्मन ने कैमरे पर ही बताया कि आज से ही पीएचसी भैंसहा का ताला खोला जाएगा और वहां चौकीदार की नियुक्ति कर दी गई है. इसके साथ ही जल्द ही वहां डॉक्टर की भी तैनाती कर दी जाएगी.

ग्रामीणों की उम्मीदें फिर जगी
भैंसहा के लोगों को अब उम्मीद है कि उनका अस्पताल फिर से शुरू होगा और उन्हें छोटी-छोटी बीमारियों के लिए 45 किलोमीटर दूर नहीं जाना पड़ेगा. लेकिन यह सवाल अब भी खड़ा है कि जब तक मीडिया कैमरा लेकर न पहुंचे, तब तक ग्रामीण इलाकों की सुध कौन लेगा?

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Location :

Ballia,Uttar Pradesh

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