घर बैठे आपके नाम होगी प्रॉपर्टी, 117 साल पुराने कानून में होने जा रहा बदलाव

1 day ago

Last Updated:May 28, 2025, 06:38 IST

Online Property Registration: केंद्र सरकार प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन को ऑनलाइन करने के लिए नया विधेयक ला रही है, जो 117 साल पुराने रजिस्ट्रेशन एक्ट की जगह लेगा. इसमें आधार-आधारित सत्यापन और डिजिटल रिकॉर्ड की व्यवस्...और पढ़ें

अब घर बैठे आपके नाम हो जाएगी प्रॉपर्टी, सरकार बनाने जा रही ये खास कानून

नए कानून में प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए लोगों को धक्के नहीं खाने पड़ेंगे.

हाइलाइट्स

प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन अब ऑनलाइन होगा.आधार-आधारित सत्यापन से धोखाधड़ी रुकेगी.नया कानून 117 साल पुराने एक्ट की जगह लेगा.

Online Property Registration: ऑनलाइन के इस जमाने में अब प्रोपर्टी का रजिस्ट्रेशन भी घर बैठे हो जाएगी. केंद्र सरकार इसके लिए एक कानून बना रही है. दरअसल, सरकार ने एक नया विधेयक तैयार किया है, जिसमें प्रॉपर्टी की ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू करने का प्रस्ताव है. यह विधेयक 117 साल पुराने रजिस्ट्रेशन एक्ट की जगह लेगा. इस नए कानून में ‘एग्रीमेंट टू सेल’, पावर ऑफ अटॉर्नी, सेल सर्टिफिकेट और इक्विटेबल मॉर्गेज जैसे दस्तावेजों को रजिस्टर करना अनिवार्य होगा. ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत भूमि संसाधन विभाग ने इस ड्राफ्ट को सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए जारी किया है. कई राज्यों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की अनुमति देने के लिए इस कानून में बदलाव करने का फैसला किया गया है. हालांकि रजिस्ट्रेशन एक्ट पूरे देश में लागू होता है, लेकिन राज्य केंद्र के साथ मिलकर इसमें बदलाव कर सकते हैं.

आधार से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और डिजिटल रिकॉर्ड

सरकार इस विधेयक के जरिए इलेक्ट्रॉनिक रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट और रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से रखने की व्यवस्था शुरू करना चाहती है. दस्तावेजों को ऑनलाइन जमा करने और स्वीकार करने की सुविधा भी होगी. इसके अलावा, धोखाधड़ी रोकने के लिए आधार-आधारित सत्यापन प्रणाली प्रस्तावित की गई है, जिसमें व्यक्ति की सहमति जरूरी होगी. जो लोग अपनी आधार जानकारी साझा नहीं करना चाहते, उनके लिए अन्य सत्यापन विकल्प भी उपलब्ध होंगे. सरकार ने यह भी सुझाव दिया है कि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को और बेहतर बनाने के लिए इसे अन्य रिकॉर्ड-कीपिंग एजेंसियों के साथ जोड़ा जाए, ताकि जानकारी का आदान-प्रदान आसानी से हो सके.

कानून में बदलाव की जरूरत

भूमि संसाधन विभाग का कहना है कि हाल के वर्षों में तकनीक का उपयोग बढ़ने, सामाजिक-आर्थिक बदलावों और रजिस्टर्ड दस्तावेजों पर बढ़ती निर्भरता के कारण एक आधुनिक रजिस्ट्रेशन ढांचे की जरूरत महसूस की जा रही है. रजिस्टर्ड दस्तावेजों का उपयोग कानूनी और व्यावसायिक मामलों में जैसे कि दस्तावेजों की जांच, सेवा वितरण और कानूनी निर्णयों में बहुत महत्वपूर्ण हो गया है. इसलिए इस विधेयक में यह स्पष्ट किया गया है कि किन परिस्थितियों में रजिस्ट्रेशन अधिकारी किसी दस्तावेज को रजिस्टर करने से मना कर सकता है. साथ ही रजिस्ट्रेशन को रद्द करने के लिए भी नियम बनाने का प्रावधान है, जो कुछ मानकों पर आधारित होंगे.

क्या होगा फायदा?

इस नए कानून से प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को और पारदर्शी, तेज और सुरक्षित बनाने की कोशिश की जा रही है. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और डिजिटल रिकॉर्ड से समय और मेहनत की बचत होगी. आधार सत्यापन और अन्य विकल्पों से धोखाधड़ी की आशंका कम होगी. साथ ही अन्य एजेंसियों के साथ जानकारी साझा करने से प्रक्रिया और कुशल होगी. यह विधेयक प्रॉपर्टी से जुड़े लेन-देन को आसान और विश्वसनीय बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है. सरकार ने लोगों से इस ड्राफ्ट पर अपनी राय देने को कहा है, ताकि इसे और बेहतर बनाया जा सके.

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संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...

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