चंद्रबाबू का एक्शन, वक्फ बोर्ड को किया भंग, हाईकोर्ट में पहले ही दायर था केस

1 month ago

नई दिल्ली. चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई वाली आंध्र प्रदेश सरकार ने पिछली वाईएसआर कांग्रेस शासन द्वारा बनाए गए राज्य वक्फ बोर्ड को भंग कर दिया है. यह कदम वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 के खिलाफ चल रहे हंगामे की पृष्ठभूमि में उठाया गया है. 30 नवंबर के आदेश में, राज्य सरकार ने कहा कि वाईएसआरसी शासन द्वारा गठित एपी राज्य वक्फ बोर्ड लंबे समय से (मार्च 2023 से) निष्क्रिय था. तत्कालीन गठित वक्फ बोर्ड में कुल 11 सदस्य थे, जिनमें से तीन निर्वाचित थे और बाकी आठ मनोनीत थे. विशेष रूप से, आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने 1 नवंबर, 2023 को राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के चुनाव पर रोक लगा दी थी, क्योंकि बोर्ड के गठन की प्रक्रिया को चुनौती देने वाली एक याचिका दायर की गई थी.

आंध्र प्रदेश सरकार के आदेश में आगे कहा गया है कि मुख्य कार्यकारी अधिकारी, ए.पी. राज्य वक्फ बोर्ड, विजयवाड़ा ने सरकार के ध्यान में बोर्ड के लंबे समय से काम न करने और मुकदमों को हल करने और प्रशासनिक शून्यता को रोकने के लिए जीओएम संख्या 47 की वैधता पर सवाल उठाने वाली रिट याचिकाओं के लंबित रहने की बात लाई. इसके बाद अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने कहा कि सभी पहलुओं और हाईकोर्ट के आदेश पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद, राज्य सरकार 21 अक्टूबर, 2023 की तारीख वाले जीओ को तत्काल प्रभाव से वापस लेती है.

इस बीच, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री एन.एम. फारूक ने कहा कि मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और प्रबंधन तथा अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है. फारूक ने कहा कि सरकार इस दिशा में कदम उठा रही है. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने अगस्त में लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किया था. वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करने के उद्देश्य से यह विधेयक वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाला एक कानून है, ताकि उनके कामकाज में अधिक जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके और इन निकायों में महिलाओं को अनिवार्य रूप से शामिल किया जा सके.

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लेकिन इस विधेयक ने मुस्लिम समुदाय की नाराजगी को और बढ़ा दिया है. इस विधेयक में व्यापक सुधार लाने, डिजिटलीकरण, सख्त ऑडिट, पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी तंत्र शुरू करने का प्रयास किया गया है. विपक्ष ने संशोधन विधेयक पर कड़ी आपत्ति जताई है, लेकिन केंद्र इस अधिनियम को एक अच्छा विकास मानता है. लोकसभा ने गुरुवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति का कार्यकाल अगले साल बजट सत्र के अंतिम दिन तक बढ़ा दिया. यह विस्तार इसलिए दिया गया है ताकि राज्यों सहित अन्य हितधारक जेपीसी के समक्ष विधेयक पर अपने विचार प्रस्तुत कर सकें.

Tags: Chandrababu Naidu, Waqf Board

FIRST PUBLISHED :

December 1, 2024, 22:11 IST

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