चंपाई सोरेन आखिर करना क्या चाहते हैं, 'कोल्हान टाइगर' के पास क्या हैं विकल्प?

3 weeks ago
जेएमएम से बगावत करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के अगले कदम पर टिकी सबकी निगाहें... 
जेएमएम से बगावत करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के अगले कदम पर टिकी सबकी निगाहें...

रांची. ‘कोल्हान टाइगर’ के नाम से मशहूर पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की अगली चाल क्या होगी. अब हर किसी की निगाहें इसी बात पर टिकी हुई हैं. सियासी गलियारे में यह सवाल जोर-शोर से उठ रहा है कि क्या वह नई राह बनाएंगे या फिर बीजेपी के साथ जाएंगे. सोशल मीडिया में अपनी भड़ास निकालने के बाद से चंपाई सोरेन सरायकेला से रांची, रांची से दिल्ली और दिल्ली से कोलकाता की दौड़ लगा चुके हैं. वो जहां भी जाते हैं, मीडिया का एक ही सवाल होता है कि वो बीजेपी में कब जा रहे हैं. चंपाई सोरेन हैं कि हर बार चौंकाते हैं. दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए एक बार फिर उन्होंने चौंकाने वाला बयान दिया कि वो निजी यात्रा पर दिल्ली आए थे और किसी भी बीजेपी नेता से उनकी मुलाकात नहीं हुई है, मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि यह सब कौन कह रहा है. ऐसे में फिर वही सवाल उठ रहा है कि चंपाई सोरेन आखिर करना क्या चाहते हैं.

बीजेपी में जॉइनिंग जल्द: सूत्र
कहा जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को अपने पाले में करने की कवायद को बीजेपी बड़े मौके के रूप में प्रचारित करना चाहती है, इसलिए चंपाई सोरेन के साथ-साथ कई और दिग्गज जेएमएम नेताओं से बातचीत का दौर चल रहा है. पूर्व जेएमएम विधायक लोबिन हेंब्रम की बीजेपी से डील पक्की होने की खबर आ चुकी है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और संगठन मंत्री से भी बातचीत हो चुकी है. लोबिन हेंब्रम और चंपाई सोरेन के बीच जल्द मुलाकात भी होने जा रही है. बीजेपी ने कई और जेएमएम नेताओं के भी संपर्क में होने का दावा किया है. कहा जा रहा है कि बातचीत फाइनल होते ही चंपाई सोरेन के साथ-साथ इन सभी जेएमएम नेताओं को एकसाथ बीजेपी में शामिल कराया जाएगा. इसके लिए जल्द ही बीजेपी की ओर से ज्वॉइनिंग की तारीख भी दी जा सकती है.

डैमेज कंटोल में जुटी जेएमएम
बीजेपी की ओर से चल रही तोड़-फोड़ की कवायद के बीच जेएमएम डैमेज कंट्रोल में जुट गई है. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ऐक्शन में आ गए हैं. रांची में उनके आवास पर दिनभर कोल्हान प्रमंडल से आनेवाले जेएमएम के कई विधायकों की बैठक हुई. इनमें घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन, पोटका के विधायक संजीव सरदार, जुगसलाई के विधायक मंगल कालिंदी और बहरागोड़ा के विधायक समीर मोहंती के नाम शामिल हैं. ये सभी जेएमएम के वही विधायक हैं जिनको लेकर चर्चा थी कि वो चंपाई सोरेन के साथ बीजेपी में जा सकते हैं पर रांची में मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद इन विधायकों ने जेएमएम छोड़ने की अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया. जेएमएम ने भी पार्टी विधायकों के टूटने की खबरों को सरासर अफवाह करार दिया है. चंपाई सोरेन अब आगे जो भी राह पकड़े लेकिन इस पूरे घटनाक्रम को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधायकों से मुलाकात कर ये संदेश देने की जरूर कोशिश की है कि जेएमएम पूरी तरह से एकजुट है.

चंपाई सोरेन के पास क्या हैं विकल्प?
जेएमएम में बगावत का झंडा बुलंद कर चुके चंपाई सोरेन के पास अब बेहद कम विकल्प बचे रह गए हैं. पहला विकल्प तो यही है कि वो राजनीति से संन्यास ले लें. जैसा उन्होंने खुद सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था. दूसरा विकल्प है अलग पार्टी बनाना और तीसरा विकल्प है बीजेपी जैसी किसी राजनीतिक पार्टी में शामिल होना. हालांकि उन्होंने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. पर फिलहाल उनके सामने ये तीनों विकल्प खुले हुए हैं.

झारखंड में क्या है सत्ता समीकरण?
झारखंड में अगले कुछ महीनों में विधानसभा का चुनाव होने जा रहा है. इससे ठीक पहले उठे इस सियासी बवंडर ने उथल पुथल मचा कर रख दी है. फिलहाल 74 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में सत्ताधारी गठबंधन के पास जेएमएम के 26, कांग्रेस के 17, आरजेडी और सीपीआई (एमएल) के 1-1 विधायकों को मिला कर फिलहाल 45 विधायकों का समर्थन है. जबकि विपक्षी गठबंधन में बीजेपी के 23, आजसू के 3, एनसीपी के 1 और 2 अन्य विधायक शामिल हैं. इस हालात में झारखंड विधानसभा में बहुमत के लिए 37 विधायकों का समर्थन जरूरी है. अब चंपाई सोरेन जेएमएम से अलग भी हो जाएं. तो सरकार को कोई खतरा नहीं दिख रहा है. पर अगर 2 तिहाई जेएमएम और कांग्रेस विधायकों में फूट पड़ती है. तो जरुर सत्ता का संतुलन बिगड़ सकता है. अब देखना है कि झारखंड में सत्ता का ऊंट आखिर किस करवट बैठता है.

Tags: Champai soren, Hemant soren, Jharkhand news, Ranchi news

FIRST PUBLISHED :

August 20, 2024, 20:10 IST

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