चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ हीं क्या कुछ बदल जाएगा? 10 Points में जानें सब

1 month ago

आचार संहिता लगने के बाद क्या कुछ बदल जाएगा?

आचार संहिता लगने के बाद क्या कुछ बदल जाएगा?

भारत के चुनाव आयोग ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराने के लिए अपने संवैधानिक अधिकार के तहत आदर्श आचार संहिता ...अधिक पढ़ें

News18HindiLast Updated : March 15, 2024, 18:43 ISTEditor picture

Lok Sabha Election 2024 Date Annuncement: भारत निर्वाचन आयोग (ECI) शनिवार दोपहर 3 बजे लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों की घोषणा कर सकता है. चुनाव की तारीख की घोषणा के बाद से नतीजे आने तक पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लागू रहेगा. इससे सरकार के सामान्य कामकाज के साथ-साथ चुनाव प्रचार में भी महत्वपूर्ण बदलाव आएगा. चुनाव आयोग के घोषणा के बाद क्या-क्या बदलेगा?

आदर्श आचार संहिता क्या है?
भारत के चुनाव आयोग ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित कराने के लिए अपने संवैधानिक अधिकार के तहत आदर्श आचार संहिता विकसित की है. इसमें राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए उचित मापदंड स्थापित की जाती है. इसका उद्देश्य ‘समान अवसर’ तैयार करना है.

10 प्वाइंट में समझें, एमसीसी (MCC) लागू होने से क्या बदलेगा?
* आदर्श आचार संहिता लगने पर सरकार की कार्य क्षमता सीमित हो जाती है, जैसे कि सरकार, सरकारी घोषणा नहीं कर सकती है. इसके अलावा मंत्रियों और अन्य अधिकारियों को किसी भी वित्तीय अनुदान की घोषणा करने या उसके वादे करने से मनाही होती है.

* सिविल सेवकों (अधिकारियों) को छोड़कर, किसी भी नेता या मंत्री को शिलान्यास करने या किसी भी प्रकार की परियोजनाओं या योजनाओं को शुरू करने से भी प्रतिबंधित कर दिया जाता है.

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इस अवधि के दौरान सड़कों के निर्माण, पेयजल सुविधाओं के प्रावधान आदि से संबंधित वादा कोई नेता या मंत्री नहीं कर सकता है.

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सरकारी या सार्वजनिक क्षेत्र में एड-हॉक पर नौकरी पर बैन रहता है, क्योंकि ये सत्तारूढ़ पार्टी के पक्ष में मतदाताओं को इंफ्लूएंस कर सकते हैं.

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लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही, मंत्री और अन्य अधिकारी खुद के लिए विवेकाधीन निधि से अनुदान या भुगतान को मंजूरी नहीं दे सकते हैं.

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आदर्श आचार संहिता लागू होते ही सरकारी गाड़ियों या यात्राओं पर आपका अधिकार नहीं रहेगा यानी कि चुनाव प्रचार के लिए आधिकारिक मशीनरी या कर्मियों का उपयोग सख्ती से प्रतिबंधित है.

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चुनाव के दौरान सरकारी विमान, वाहन, मशीनरी और कर्मियों सहित सरकारी परिवहन का उपयोग सत्तारूढ़ दल अपने हितों के लिए नहीं कर सकती है.

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चुनावी बैठकों के लिए मैदान और हवाई उड़ानों के लिए हेलीपैड जैसे सार्वजनिक स्थान में कोई भेद भाव नहीं होना चाहिए, यानी समान नियम और शर्त पर सभी दलों और उम्मीदवारों पर लागू होंगे और ये सभी सुविधाएं सभी को आसानी से मिलने चाहिए.

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चुनाव आयोग के अनुसार, गेस्ट हाउस, डाक बंगलों या अन्य सरकारी आवासों पर सत्तारूढ़ दल या उसके उम्मीदवारों का एकाधिकार नहीं होना चाहिए, लेकिन कोई भी पार्टी द्वारा चुनाव प्रचार या प्रचार कार्यालय के रूप में या सार्वजनिक बैठकें आयोजित करने के लिए सरकारी भवनों का उपयोग नहीं कर सकता है.

मीडिया पर भी आचार संहिता

* भारत के चुनाव आयोग के अनुसार, चुनाव अवधि के दौरान समाचार पत्रों और अन्य मीडिया में सरकारी खजाने की पैसों से विज्ञापन जारी करने पर प्रतिबंध है. एमसीसी दिशानिर्देशों में कहा गया है कि सत्तारूढ़ पार्टी के पक्ष में या उपलब्धियों के बारे में पक्षपातपूर्ण कवरेज के लिए आधिकारिक जन मीडिया के दुरुपयोग से सख्ती से बचा जाना चाहिए।

कोई पार्टी या उम्मीदवार एमसीसी का उल्लंघन करेगा तो क्या होगा?
एमसीसी के पास स्वयं कानूनी प्रवर्तनीयता नहीं है. फिर भी, इसके भीतर के विशिष्ट प्रावधानों को अन्य क़ानूनों में संबंधित खंडों के माध्यम से लागू किया जा सकता है, जिनमें 1860 का भारतीय दंड संहिता, 1973 का आपराधिक प्रक्रिया संहिता और 1951 का लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम शामिल है.

इसके अतिरिक्त, चुनाव आयोग के पास 1968 के चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश के पैराग्राफ 16ए के तहत किसी पार्टी की मान्यता को निलंबित करने या वापस लेने का अधिकार है.

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Tags: Loksabha Election 2024, Loksabha Elections

FIRST PUBLISHED :

March 15, 2024, 18:43 IST

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