Last Updated:June 22, 2025, 14:42 IST
Bihar chunav: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 1100, 1500 या 2000 वाला पॉलिटिक्स शुरू हो गया है. जानें CM नीतीश कुमार के एक दांव से तेजस्वी यादव और पीके कैसे परेशान हो गए है.

बिहार में इन लोगों की बढ़ेगी अब पेंशन
हाइलाइट्स
क्या नीतीश सरकार दवाब में फैसले ले रही है?बिहार में विधवा,दिव्यांग और बुजुर्गों को कितना मिलेगी पेंशन?तेजस्वी यादव और पीके के मुद्दे को क्या एनडीेए भुनाने लगी है?बिहार चुनाव 2025: बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश सरकार विधवा, बुजुर्ग और दिव्यांगों को लेकर बड़ा ऐलान किया है. नीतीश सरकार ने बिहार चुनाव से ठीक पहले विधवा, बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के पेंशन में को बढ़ाकर 1100 रुपये कर दिया है. बिहार में सभी पेंशनधारी को अब जुलाई से 400 रुपये के बदले 1100 रुपये मिलेंगे. बता दें कि बिहार सरकार हर महीने 1 करोड़ 9 लाख 69 हजार 255 लोगों को पेंशन देती है. इसमें ज्यादातर संख्या विधवा, बुजुर्ग और दिव्यांगों का है. अभी तक इन लोगों को 400 रुपये ही सरकार दिया करती थी, लेकिन आरजेडी के सीएम फेस ने इसे बढ़ाकर 15 रुपये का ऐलान हाल में किया था. जन सुराज पार्टी के संस्थापक पीके ने भी इन लोगों के लिए 2000 रुपये पेंशन देने का ऐलान किया था. लेकिन नीतीश सरकार के एक फैसले ने दोनों नेताओं की रणनीति पर गहरा चोट मारा है.
बिहार में विधवाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगजनों की सटीक जानकारी नहीं है. लेकिन बिहार के हर ब्लॉक में लक्ष्मीबाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना के तहत लाखों महिलाओं के पेंशन मिल रहा है. हालांकि, बीते 20 साल से मात्र 400 रुपये ही मिलते थे, जिसकी मांग कई सालों से हो रही थी. क्योंकि, 2025 चुनावी साल है. ऐसे में ऐन वक्त पर नीतीश सरकार ने बड़ा दांव खेला है. अब इस पर राजनीति शुरू हो गई है.
बिहार सीएम नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर में कभी काफी करीबी थी.
नीतीश का दांव कितना कारगर?
हालांकि, देश के कई राज्यों से अभी भी बिहार में कम ही पेंशन मिलेंगे. नीतीश कुमार के इस फैसले पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा, ‘हम एनडीए सरकार को इतना मजबूर कर देंगे कि नीतीश कुमार हमारे हर वादे, योजना, विजन और सोच की नकल करेंगे. पहले नौकरी रोजगार की बात पर और अब सामाजिक सुरक्षा पेंशन के विषय पर, नीतीश कुमार जी और बीजेपी को बारी-बारी हमारी हर बात की नकल करना पड़ रहा है. जो मुख्यमंत्री 20 साल से लाख अनुनय, विनय एवं आंदोलन व आलोचना के बावजूद पेंशन नहीं बढ़ा रहे थे उसी सामाजिक सुरक्षा पेंशन को तेजस्वी यादव ने एक बार फिर बढ़ाकर ₹1500 करने की अपनी घोषणा और उसके प्रचार-प्रसार से सरकार को पेंशन बढ़ाने के लिए मजबूर कर दिया.’
तेजस्वी यादव और पीके ने क्या कहा?
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि अब सचमुच नीतीश जी थक चुके हैं. अब उनमें कुछ ओरिजिनल करने की ताकत नहीं बची है. अब वह बस तेजस्वी की नकल ही कर सकते हैं. बिहार की जनता असल और नकल का अंतर जानती है. जब हम विपक्ष में रहकर इतना कर और करवा सकते हैं तो सरकार में आने पर किस गति, दृष्टि, ब्लूप्रिंट और रोडमैप के साथ कार्य करेंगे यह आप सोचिए.’
नीतीश सरकार ने विधवा, बुजुर्ग और दिव्यांग पेंशन बढ़ाने के फैसले को अपनी जीत माना है.
जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने नीतीश सरकार के विधवा, बुजुर्ग और दिव्यांग पेंशन बढ़ाने के फैसले को अपनी जीत माना है. पीके ने कहा कि नीतीश सरकार उनकी मांगों के दबाव में अब इस तरह के फैसले लेने लगी है. मैं जनता को बधाई देता हूं लेकिन वादा करता हूं कि अगर इस बार बिहार में जन सुराज की सरकार बनी तो पेंशन राशि को और बढ़ाकर हर महीने 2,000 कर देंगे. नीतीश जी का यह फैसला उनके अभियान के प्रभाव में लिया गया पैसला है.
ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या बिहार चुनाव से पहले नीतीश सरकार दवाब में आम जनता से जुड़े हुए फैसले ले रही है या फिर यह गेम प्लान का पार्ट है? इसमें कोई दो राय नहीं है कि बिहार में विधवा, बुजुर्ग और दिव्यांगों पर सीएम नीतीश की मेहरबानी चुनाव से बंध है. लेकिन तेजस्वी यादव और पीके इसे अपनी जीता बता रहे हैं. ऐसे में देखना है कि बिहार की जनता 1500 देने वाले पर विश्वास करेगी या 2000 रुपये देने का वादा कर रही है, उस पर विश्वास करेगी?
चीफ रिपोर्टर
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...
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