Last Updated:August 07, 2025, 23:59 IST

नागपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने गुरुवार को नागपुर के केंद्रीय संग्रहालय की प्रदर्शनी में रखे छत्रपति शिवाजी महाराज के ‘बाघ नख’ का अवलोकन किया. इस दौरान अखाड़ों ने उनके सामने पुराने शास्त्रीय कला को प्रदर्शित किया, जिसमें दानपट्टा, दंड युद्ध और तलवारबाजी दिखाई गई.
मोहन भागवत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के ‘बाघ नख’ देखकर हमें अपने पराक्रम के इतिहास की याद आती है, यह सभी को देखना चाहिए. उन्होंने युद्ध कौशल पर कहा कि तरुणों में व्यायाम और इन सबकी आदत होनी चाहिए.
इससे पहले मोहन भागवत ने नागपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि संस्कृत देश की सभी भाषाओं की जननी है. सभी भाषाओं के विकास और इन सभी भाषाओं की जननी संस्कृत के विकास को भी राजश्रित (राजकीय संरक्षण) दर्जा मिलना आवश्यक है. संस्कृत को संचार का माध्यम बनना चाहिए और घर-घर तक पहुंचना चाहिए.
उन्होंने आगे कहा था कि संस्कृत वह भाषा है जो हमारे भावों (भाव) को विकसित करती है. यह भाषा सभी को आनी चाहिए. अगर हम उस भाव के अनुसार जीवन जिएं तो संस्कृत का भी विकास होगा. देश की परिस्थिति के अनुसार भाषा का भी विकास होता है.
आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा था कि मैंने खुद यह भाषा सीखी है, लेकिन मैं धाराप्रवाह नहीं बोल सकता हूं. संस्कृत विश्वविद्यालय को सरकारी संरक्षण के साथ जनता का भी संरक्षण मिलना जरूरी है. उन्होंने कहा कि ‘आत्मनिर्भर’ बनने के लिए सभी सहमत हैं, लेकिन हमें इसके लिए अपनी बुद्धि और ज्ञान का विकास करना होगा.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...
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Location :
Nagpur,Maharashtra
First Published :
August 07, 2025, 23:59 IST