जगदीप धनखड़, सत्यपाल मलिक और ... वे 3 जाट नेता जिनसे भाजपा की नहीं निभी

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Last Updated:July 22, 2025, 14:40 IST

Jagdeep Dhankhar News: जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया, विपक्ष दबाव का आरोप लगा रहा है. सत्यपाल मलिक और वीरेंद्र सिंह भी भाजपा नेतृत्व से खटपट के बाद पार्टी छोड़ चुके हैं.

जगदीप धनखड़, सत्यपाल मलिक और ... वे 3 जाट नेता जिनसे भाजपा की नहीं निभीये तीनों जाट समुदाय से आते हैं लेकिन तीनों की भाजपा के साथ नहीं बनी.

हाइलाइट्स

जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया.धनखड़ तीसरे जाट नेता हैं जिनकी भाजपा से खटपट हुई.विपक्ष ने धनखड़ के इस्तीफे पर दबाव का आरोप लगाया.

Jagdeep Dhankhar News: जाट समुदाय के किसान परिवार से उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचने वाले जगदीप धनखड़ के इस्तीफे से सियासी माहौल गर्म है. धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से सोमवार रात में अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उनके इस्तीफे में विपक्ष कुछ असामान्य होने की बात कह रहा है. वह किसी दबाव में धनखड़ के इस्तीफा देने की बात कह रहा है. जो भी हो, हम इस बहस में नहीं पड़ रहे हैं कि धनखड़ के इस्तीफे के पीछे सियासी कारण क्या थे. लेकिन, इतना तय है कि धनखड़ ऐसे तीसरे जाट नेता हैं जिनकी बीजेपी नेतृत्व के साथ खटपट हो गई. इससे पहले जाट समुदाय से आने वाले पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और पूर्व केंद्रीय बिरेंद्र सिंह की भी भाजपा नेतृत्व के साथ खटपट हो गई थी.

सत्यपाल मलिक

सत्यपाल मलिक पूर्व राज्यपाल हैं. उन्होंने बिहार, जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय में राज्यपाल के रूप में कार्य किया. उत्तर प्रदेश के बागपत के जाट परिवार से आने वाले मलिक ने 1974 में विधायक के रूप में करियर शुरू किया और लोकदल, जनता दल, कांग्रेस और बीजेपी के साथ रहे. वह 1989 में अलीगढ़ से लोकसभा सांसद बने और 2017-2022 तक विभिन्न राज्यों में राज्यपाल रहे. उनके कार्यकाल में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया. राज्यपाल रहते हुए उन्होंने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने 2019 के पुलवामा हमले को खुफिया चूक बताया, जिसमें 40 जवान शहीद हुए थे. मलिक ने दावा किया कि सरकार ने इसका राजनीतिक फायदा उठाया और जवानों को हेलीकॉप्टर न देकर सड़क मार्ग से भेजा. उन्होंने सरकार पर कई अन्य आरोप भी लगाए थे.

चौधरी बिरेंद्र सिंह

चौधरी बिरेंद्र सिंह हरियाणा के एक प्रमुख राजनेता हैं. वह कई बार के विधायक और सांसद हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में वह केंद्रीय मंत्री भी रहे. वह केंद्रीय ग्रामीण विकास, पंचायती राज और पेयजल व स्वच्छता राज्य मंत्री रहे. वह हरियाणा के एक जाट किसान परिवार से आते हैं. पीएम मोदी के पहले कार्यकाल के दौरान ही भाजपा नेतृत्व के साथ उनकी खटपट शुरू हो गई थी. वह मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते रहे. लंबे समय तक पार्टी में हाशिये पर रहे बिरेंद्र सिंह ने पिछले साल अप्रैल में हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का दामन थाम लिया था. बिरेंद्र सिंह का भी जाट समुदाय पर अच्छी पकड़ बताई जाती है.

अब जगदीप धनखड़

सोमवार को ही उपराष्ट्रपति का पद छोड़ने वाले जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान के झुंझुनूं जिले के किठाना गांव में हुआ था. वे एक जाट किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनकी प्रारंभिक शिक्षा किठाना और राजस्थान के अन्य स्थानों पर हुई. इसके बाद उन्होंने जयपुर के राजस्थान विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की. धनखड़ ने अपने करियर की शुरुआत वकालत से की और बाद में राजस्थान हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस की. वे 2019-2022 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे. फिर देश के उपराष्ट्रपति (2022-2025) रहे. अपने गृह राज्य राजस्थान में वे राजनीतिक और सामाजिक रूप से सक्रिय रहे, खासकर जाट समुदाय के बीच उनकी मजबूत पकड़ रही. ऐसी रिपोर्ट है कि उन्होंने भाजपा के कुछ बड़े नेताओं से व्यवहार से परेशान थे. इस कारण उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...

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