नई दिल्ली. भारत में लोकतंत्र की बुनियाद कितनी मजबूत है, इसको आप एक तस्वीर से समझ सकते हैं. भारत क्यों दुनिया के दूसरे देशों से अलग है, इसका नजारा मंगलवार को संसद भवन में देखने को मिला. एक तरफ जहां विपक्ष के द्वारा भारत के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापित जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का चक्रव्यूह रचा जा रहा है. वहीं, जगदीप धनखड़ राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ अपने चैंबर में गर्मजोशी से मिल रहे हैं. जबकि, सदन के अंदर दोनों के बीच बीते कई दिनों से तीखी-नोकझोक को पूरा देश देख रहा है. लेकिन, मंगलवार को दोनों की मुलाकात की भी तस्वीर पूरा देश देखेगी. आखिर इस तस्वीर के मायने क्या हैं?
इस बार का शीतकालीन सत्र कई घटनाक्रमों का गवाह बनता जा रहा है. एक तरफ संविधान के 75वीं वर्षगांठ पर चर्चा हो रही है तो दूसरी तरफ राज्यसभा में सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भी थमा दिया गया है. लेकिन, इसी बीच मंगलवार को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की मल्लिकार्जुन खरगे के साथ मुलाकात की तस्वीर ने राजनीति को और गर्मा दिया. दोनों नेताओं के बीच तकरबीन आधे घंटे की मुलाकात के मायने निकाले जा रहे हैं. इस तस्वीर को देखकर ऐसा लगता है कि गिले-शिकवे सब दूर हो गए हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या राज्यसभा में जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस विपक्ष वापस लेगी?
मल्लिकार्जुन खरगे और धनखड़ के बीच मुलाकात के मायने?
आपको बता दें कि राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को लेकर विपक्ष और एनडीए में जबरदस्त तरीके से मोर्चाबंदी हो रखी है. बीजेपी जहां आरोप लगा रही है कि राज्यसभा में कांग्रेस और विपक्षी सांसदों की तरफ से सभापति जगदीप धनखड़ को निरंतर अपमानित करने की साजिशें रची जा रही हैं. बीजेपी का आरोप है कि एक किसान के बेटे को अपमानित किया जा रहा है. राजस्थान के झुंझुनू से आने वाले जगदीप धनखड़ भी लगातार कहते रहे हैं कि एक किसान के बेटे को इस पद बैठने से कुछ लोगों को दिक्कतें हो रही हैं. मैं भी किसान का बेटा हूं कमजोर नहीं हूं.
जगदीप धनखड़ और खरगे के इस मीटिंग के मायने क्या हैं?
क्या अब नहीं आएगा अविश्वास प्रस्ताव?
वहीं, विपक्ष के नेता खासकर कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सदन में धनखड़ के खिलाफ जबरदस्त तरीके से मोर्चा खोले हुए हैं. खरगे बोल चुके हैं कि जगदीप धनखड़ ने इस देश की गरिमा को नुकसान पहुंचाया है. ऐसे में अब बहुत हो गया. इसके बाद विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का चक्रव्यूह रच दिया. लेकिन, इस बीच देश के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति जगदीप धनकड़ की कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात हो गई.
किसान और मजदूर के बेटे जब मिले
एक तरफ किसान का बेटा और दूसरी तरफ मजदूर का बेटा. सदन में दोनों झुकने के लिए तैयार नहीं. लेकिन सदन के बाहर दोनों एक-दूसरे के सामने झुकते नजर आए. बता दें कि राज्यसभा में उपसभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लंबित है. जिस तरह की तस्वीर सामने आई है, उससे यह साफ झलक रहा है कि किसान और मजदूर के बेटे के बीच सुलह हो गई है. हालांकि, इसका औपचारिक ऐलान तो नहीं होगा. लेकिन, अगर राज्यसभा में सभापति के खिलाफ अविश्वास का नोटिस वापस ले लिया जाता है तो इस मीटिंग के मायने समझ में आ जाएंगे.
सद में किसान और मजदूर के बेटों में गर्मजोशी से मुलाकात हुई.
क्या राज्यसभा में गतिरोध खत्म होगा?
मंगलवार को संसद में किसान और मजदूर के बेटों में गर्मजोशी से मुलाकात हुई. इस मुलाकात में कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश और कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन भी मौजूद रहे. कहा जा रहा है कि खरगे और सभापति धनखड़ काफी गर्मजोशी से एक-दूसरे पर किए टिप्पणी पर खेद व्यक्त किया. दोनों की तस्वीर से भी झलक रहा है कि अब दोनों नेता आगे की कार्रवाई में एक-दूसरे पर व्यक्तिगत टिप्पणी करने से बचेंगे.
संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र और उससे पहले भी पूर्व के सत्रों में सभापति को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में तीखी नोक-झोंक होती रही है. लेकिन, इस बार मामला सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने तक पहुंच गई है. बीजेपी जहां आरोप लगाती है कि कांग्रेस ने हमेशा से निचले स्तर की राजनीति करने का काम किया है. वहीं, कांग्रेस और विपक्षी सांसदों का कहना है कि रज्यसभा के सभापति का व्यवहार विपक्षी सासंदों के प्रति सौतेला रहता है. विपक्षी नेता कहते हैं कि सभापति यह भूलने की कोशिश नहीं कर रहे हैं कि वह अब बीजेपी कार्यकर्ता नहीं, राज्यसभा के सभापति हैं.
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FIRST PUBLISHED :
December 17, 2024, 15:56 IST