जांच चल रही थी तो प्रेस में बयान क्‍यों दिया? तिरुपति लड्डू विवाद पर SC सख्‍त

1 month ago

नई दिल्‍ली. तिरुपति मंदिर से प्रसाद के तौर पर मिलने वाले लड्डू में पशुओं की चरबी मिले होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सनुवाई शुरू हो गई है. सुब्रमण्यम स्वामी ने मामले में इस संबंध में एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी. उन्‍होंने जांच की मांग की थी. उनके वकील राजशेखर राव ने कहा कि मैं यहां एक भक्त के रूप में हूं, ये चिंता का विषय हैं. स्वामी के वकील ने कहा कि प्रभाव के कारण मामले को किसी प्रकार के पर्यवेक्षण की आवश्यकता है. सीएम ने बयान दिया जो कार्यकारी कार्यालय द्वारा विवादित है.  इसपर जस्टिस गवई ने कहा कि वह एक IAS अधिकारी हैं? स्वामी के वकील ने कहा कि हां, यह भी ध्यान दें कि टीटीडी क्या प्रक्रिया अपनाती है.

स्वामी के वकील ने कहा कि यह बयान देना कि प्रसाद में मिलावट है, बिना किसी ठोक सबूत के ऐसे कहना, परेशान करने वाला है. किसी उच्च पद पर बैठे व्‍यक्ति की क्या ज़िम्मेदारी होती है? आज यह धर्म है, कल कुछ और भी हो सकता है. आंध्रप्रदेश सरकार ने कहा-हमारे पास लैब रिपोर्ट हैं. फिर जस्टिस केवी विश्वनाथन ने कहा कि रिपोर्ट बिल्कुल स्पष्ट नहीं है.

अगर आपने पहले ही जांच के आदेश दे दिए थे. तो प्रेस में जाने की क्या जरूरत थी? जुलाई में रिपोर्ट आई, सितंबर में बयान आया. जस्टिस केवी विश्वनाथन ने कहा कि यह रिपोर्ट प्रथम दृष्टया बताती है कि यह तैयारी में प्रयुक्त सामग्री नहीं है. जस्टिस बीआर गवई ने आंध्र प्रदेश सरकार से पूछा कि आपने SIT का आदेश दिया. नतीजे आने तक प्रेस में जाने की क्या जरूरत थी? आप हमेशा ऐसे ही सामने आते रहे हैं, यह दूसरी बार है.

Tags: Supreme Court, Tirupati news

FIRST PUBLISHED :

September 30, 2024, 13:56 IST

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