जिस दवा से ठीक होना था, वही निकली बीमार....196 सैंपल सरकारी टेस्ट में फेल

2 hours ago

Last Updated:May 20, 2025, 20:44 IST

Health News: CDSCO की जांच में 196 दवा सैंपल तय मानकों पर खरे नहीं उतरे. पाए गए, जिनमें 60 सेंट्रल और 136 स्टेट लैब्स में फेल हुए. बिहार से एक सैंपल नकली निकला. जांच जारी है और कार्रवाई हो रही है. भारत सरकार नक...और पढ़ें

जिस दवा से ठीक होना था, वही निकली बीमार....196 सैंपल सरकारी टेस्ट में फेल

सरकारी टेस्‍ट में सैंपल फेल हो गए. (File Photo)

हाइलाइट्स

CDSCO की जांच में 196 दवा सैंपल फेल पाए गए60 सैंपल सेंट्रल और 136 स्टेट लैब्स में फेल हुएबिहार से एक दवा का सैंपल नकली निकला

Health News: आप जो दवाई खा रहे हैं, कभी सोचा है कि उसकी गुणवत्‍ता कितनी सही है. अक्‍सर हम दवाई खाते वक्‍त यह मानकर चलते हैं कि यह सभी सरकारी मानकों को पूरा करती ही होगी लेकिन यह 100 प्रतिशत सही नहीं है. CDSCO यानी केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. पाया गया कि जिस दवाई को हम खा रहे हैं उनमें से कई दवाएं खुद बीमार हैं! देशभर से लिए गए दवा सैंपल्स में से कुल 196 सैंपल नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी (NSQ) यानी तय मानकों पर खरे नहीं उतरे. इनमें से 60 सैंपल सेंट्रल लैब में और 136 स्टेट लैब्स में फेल पाए गए. NSQ का मतलब होता है कि किसी दवा का सैंपल टेस्ट में एक या दो जरूरी मानकों पर फेल हो गया हो. यानी वह दवा पूरी तरह खराब नहीं है लेकिन उसकी गुणवत्ता में कमी पाई गई है.

पैनिक करने की नहीं है जरूरत

यह ध्यान देने की बात है कि यह जांच किसी खास बैच की दवा पर आधारित होती है इसलिए इसका मतलब ये नहीं कि उस ब्रांड की सारी दवाएं खराब हैं. बाजार में उपलब्ध दूसरी दवाओं को लेकर फिलहाल किसी तरह की चिंता की जरूरत नहीं है.  इसके अलावा बिहार से एक दवा का सैंपल नकली निकला. जांच में सामने आया कि इस दवा को एक अनधिकृत निर्माता ने किसी और कंपनी के ब्रांड नाम का गलत इस्तेमाल करके बनाया था. यानी यह दवा पूरी तरह से फर्जी थी और उसे नकली तरीके से बाजार में उतारा गया था.

नियमित रूप से होती है जांच

इस मामले में जांच जारी है और संबंधित विभाग कार्रवाई कर रहे हैं. CDSCO ने बताया कि ऐसी जांच राज्य स्तर के दवा नियामकों के साथ मिलकर नियमित रूप से की जाती है ताकि खराब, गलत ब्रांड वाली या नकली दवाओं की पहचान की जा सके और उन्हें समय पर बाजार से हटाया जा सके.इस तरह की कार्रवाई लोगों की सेहत और सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है.

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Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...

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