Last Updated:September 07, 2025, 12:02 IST

Tejas Mk1A and Tejas Mk2 fighter jet update news: बीते दिनों चीन ने अपने विक्ट्री दिवस परेड में अपनी सैन्य क्षमता की नुमाइश कर पूरी दुनिया को सकते में डाल दिया. उसमें 12 से 18 हजार किमी की दूरी तक मार करने वाली इंटर कंटिनेंटल मिसाइल DF-5C सहित एक से बढ़कर एक घातक हथियार थे. लेकिन, इधर अपने देश में एयरफोर्स एक बड़ी चुनौती से जूझ रही है. दरअसल, भारतीय वायु सेना लड़ाकू विमानों की कमी का सामना कर रही है. यह बात किसी से छिपी नहीं है, लेकिन इसमें सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि तमाम कोशिशों के बावजूद उसे इस समस्या का जल्द हल निकलता नहीं दिख रहा है.
एयरफोर्स के पास अब फाइटर जेट्स के मात्र 29 स्क्वायड्रन्स हैं जबकि उसको जरूरत 42 स्क्वायड्रन की है. एक स्क्वायड्रन में 18 विमान होते हैं. इस माह एयरफोर्स के बेड़े में मौजूद मिग-21 विमान के दो स्क्वायड्रन रिटायर हो रहे हैं. यानी भारत को मौजूदा वक्त में कम से कम 250 विमानों की सख्त जरूरत है.
तेजस मार्क-1A डील
भारतीय वायु सेना और भारत सरकार ने इस कमी को दूर करने के लिए स्वदेशी फाइटर जेट्स पर भरोसा जताया है. उसने इसके लिए 180 तेजस मार्क-1A विमानों के लिए ऑर्डर दिया है. सरकार ने 2021 में 46 हजार करोड़ की 83 तेजस मार्क-1A डील को मंजूरी दी थी. फिर बीते अगस्त महीने की 21 तारीख को 62 हजार करोड़ के 97 विमानों को खरीदने को मंजूरी दी गई. 2021 की डील के मुताबिक इन विमानों की आपूर्ति काफी पहले ही शुरू हो जानी चाहिए थी. लेकिन, दुर्भाग्यवश अभी तक इसकी आपूर्ति नहीं हुई है. इन विमानों को बनाने वाली पब्लिक सेक्टर की कंपनी एचएएल ने कहा है कि वह अक्तूबर में ऐसे दो विमान डिलिवर करने जा रही है.
मूल समस्या कहां
तेजस मार्क-1A विमानों की डिलिवरी में देरी के पीछे मुख्य वजह इसके लिए अमेरिकी इंजन की सप्लाई है. एचएएल ने अमेरिका की जीई कंपनी से 404 इंजन की डील की है. लेकिन, जीई इंजनों की सप्लाई में काफी देरी कर चुकी है. डील के मुताबिक इन इंजनों की सप्लाई मार्च 2024 में शुरू होनी थी. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. भारत को इस साल अप्रैल-मई में पहला इंजन मिला और उसे अब तक केवल दो इंजन ही मिले हैं. इसी कारण विमान का निर्माण प्रभावित हो रहा है. अभी तक सेना को एक भी तेजस मार्क-1A विमान नहीं मिला है.
मिस हो गई अगस्त की डेटलाइन
इस वित्त वर्ष में जीई कंपनी ने एचएएल को 12 इंजन देने का वादा किया था. उसने हर महीने दो इंजन देने का वादा किया था. लेकिन अगस्त महीने में वह एक बार फिर अपने वादे से मुकर गई. अगस्त में उसने किसी इंजन की सप्लाई नहीं की. इस कारण विमान की सप्लाई में लगातार देरी हो रही है. हालांकि, मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जीई कंपनी ने कहा है कि वह सितंबर में 4 से 5 इंजन की सप्लाई करेगा. जिससे कि बैकलॉग को पूरा किया जा सके. लेकिन, उसके वादे पर भरोसा करना मुश्किल है.
दूसरी परेशानी
अब आते है दूसरी परेशानी पर. एचएएल तेजस के एक और एडवांस वर्जन पर काम कर रही है. उस विमान का नाम है तेजस मार्क-2. इसके लिए भी भारत ने जीई के साथ 414 इंजन की डील की है. यह फाइटर जेट अभी डेवलपमेंट फेज में है और माना जा रहा है कि यह राफेल के टक्कर का विमान है. इसमें काफी हद तक स्टील्थ टेक्नोलॉजी और बेहद एडवांस हथियार सिस्टम लगे होंगे. लेकिन, इसको लेकर भी एक बुरी खबर है. IDRW.ORG वेबसाइट के मुताबिक इस फाइटर जेट के पहले प्रोटोटाइप की तारीख अप्रैल-मई 2026 तय की गई थी. लेकिन, अब इसकी मैडेन फ्लाइट की तारीख 2026 के लास्ट या 2027 के शुरू में निर्धारित की गई है. इससे पहले इसके पहले प्रोटोटाइप के लिए इस साल की तारीख तय थी. तेजस प्रोग्राम को अमल में लाने वाली कंपनी एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के डायरेक्टर जनरल ने खुद तारीख बढ़ाने की बात कही थी.
एयरफोर्स की परेशानी
इस तरह की देरी से एयरफोर्स परेशान है. उसके सामने चीन और पाकिस्तान जैसे दैत्य मुंह बाए खड़े हैं. पिछले दिनों इस देरी पर खुद एयरफोर्स चीफ मार्शल एपी सिंह ने सार्वजनिक तौर पर चिंता जताई थी. उन्होंने कहा था कि एचएएल बीते करीब 40 साल से तेजस प्रोग्राम चला रहा है लेकिन वह अभी तक 40 विमानों की डिलिवरी नहीं कर पाया है. एयरफोर्स के पास अभी तेजस के केवल दो स्क्वायड्रन ऑपरेशनल है. अब चिंता की बात यह है कि अगर इसी तरह की देरी होती रही तो भारत विमानों के इस बैकलॉग को कैसे पूरा करेगा. हालांकि, सरकार और सेना के स्तर पर इसको लेकर काम हो रहा है. जानकारों का कहना है कि चीनों को स्ट्रीमलाइन करने में समय लग रहा है. वरना एचएएल ने विमान निर्माण की क्षमता में काफी बढ़ोतरी की है. उसके पास अब हर साल 24 से 30 फाइटर जेट बनाने की क्षमता है. एक बार सप्लाई चेन स्थापित होने के बाद इस प्रोडक्शन को गति मिल सकती है.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...
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First Published :
September 07, 2025, 12:02 IST