Last Updated:December 21, 2025, 07:26 IST
VB-G RAM G Bill : 'विकसित भारत- गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन ग्रामीण (वीबी-जी राम जी) बिल' को लेकर सियासी टकराव और तेज हो गया है. ग्रामीण विकास और पंचायती राज पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस सांसद सप्तगिरी शंकर उलाका ने 29 दिसंबर को समिति की बैठक बुलाई है. इसे लेकर बीजेपी सांसद खासे नाराज हैं.
वीबी-जी राम जी बिल को लेकर सियासी टकराव और तेज हो गया है.मनरेगा की जगह लेने वाले ‘विकसित भारत- गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन ग्रामीण (VB-G RAM G) बिल’ को लेकर सियासी टकराव और तेज हो गया है. ग्रामीण विकास और पंचायती राज पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस सांसद सप्तगिरी शंकर उलाका ने 29 दिसंबर को समिति की बैठक बुलाई है. इस बैठक में बीवी जी राम जी बिल पर चर्चा और इसकी तुलना यूपीए सरकार के दौर की मनरेगा योजना से करने का फैसला किया है. इस कदम को प्रस्तावित कानून पर राजनीतिक लड़ाई को और बढ़ाने वाला माना जा रहा है, जिस पर सत्तारूढ़ एनडीए के सदस्यों ने कड़ा विरोध जताया है.
समिति के एजेंडे में ग्रामीण विकास मंत्रालय की तरफ से ‘बीवी-जी राम जी बिल’ पर प्रस्तुति और इसकी मनरेगा से तुलना शामिल है. कांग्रेस सांसद उलाका इस समिति के अध्यक्ष हैं. भाजपा सांसदों को इस बात पर आपत्ति है कि यह बिल संसद से पारित होने के बावजूद अभी राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार कर रहा है और राजपत्र में अधिसूचना के बाद ही कानून बनेगा.
मीटिंग बुलाने पर क्यों नाराज बीजेपी सांसद?
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, समिति के सदस्य और भाजपा सांसद विवेक ठाकुर ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह ‘विचारहीनता’ को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि जब तक बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिल जाती, तब तक इसे कानून नहीं माना जा सकता. भाजपा के अन्य सांसदों का कहना है कि संसद से हाल ही में पारित किसी बिल पर समिति चर्चा नहीं कर सकती, बल्कि वह केवल उसके क्रियान्वयन की समीक्षा और सिफारिशें दे सकती है.
एनडीए के सदस्यों का आरोप है कि बिल की तुलना यूपीए काल की मनरेगा योजना से करना मुद्दे का जानबूझकर राजनीतिकरण है. उनका कहना है कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इस नए कानून की आलोचना करने के लिए एकजुट हैं. यह नया कानून उस पुराने कानून की जगह लेगा, जिसके तहत महात्मा गांधी के नाम पर ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना चलाई जा रही थी, और अब योजना के नाम से गांधी जी का नाम हटा दिया गया है.
संसद में बहस के दौरान क्या हुई थी मांग?
गौरतलब है कि लोकसभा में बिल पर चर्चा के दौरान उलाका ने इसे अपनी समिति को भेजने की मांग की थी, जिसे सरकार ने ठुकरा दिया था. अब उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर भी बिल को समिति को भेजने का आग्रह किया है. एनडीए सदस्यों का कहना है कि समिति में उनकी संख्या अधिक है और वे इस मुद्दे को लोकसभा अध्यक्ष के सामने उठाने पर विचार कर रहे हैं, क्योंकि लोकसभा समितियों पर अध्यक्ष को विशेष अधिकार प्राप्त हैं.
यह पहली बार नहीं है जब इस समिति का एजेंडा विवादों में आया हो. इससे पहले जुलाई में भूमि अधिग्रहण कानून के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए समिति की बैठक में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर और अभिनेता प्रकाश राज को बुलाने के फैसले पर भाजपा सदस्यों ने तीखा विरोध जताया था. मेधा पाटकर की मौजूदगी को लेकर भाजपा सांसदों ने उन्हें ‘विकास विरोधी’ बताते हुए बैठक से वॉकआउट किया था, जिसके चलते बैठक बीच में ही समाप्त हो गई थी.
अब वीबी- जी राम जी बिल को लेकर समिति की प्रस्तावित बैठक ने एक बार फिर संसद के भीतर और बाहर सियासी घमासान को तेज कर दिया है.
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An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
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New Delhi,Delhi
First Published :
December 21, 2025, 07:26 IST

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