ट्रंप-मुनीर की मुलाकात और ईरान में तबाही... अब मिडिल-ईस्ट पर USA करेगा राज?

3 hours ago

Last Updated:June 22, 2025, 12:32 IST

US Attack on Iran: ईरान-इजरायल युद्ध में अमेरिका की एंट्री से तनाव और बढ़ गया है. क्या ईरान-इजरायल युद्ध के बहाने पूरे मिडिल-ईस्ट में अपना दबदबा कायम करना चाहता है? क्या सऊदी अरब, इराक, इजरायल, संयुक्त अरब अमीर...और पढ़ें

ट्रंप-मुनीर की मुलाकात और ईरान में तबाही... अब मिडिल-ईस्ट पर USA करेगा राज?

क्या अमेरिका का होगा मीडिल-ईस्ट पर दबदबा?

हाइलाइट्स

अमेरिका का ईरान-इजरायल युद्ध में एंट्री से क्या पड़ेगा असर?ट्रंप और पाकिस्तानी सेना प्रमुख की मुलाकात का दिखा रंग.अमेरिका-पाक गठजोड़ से क्या क्षेत्रीय तनाव बढ़ेगा?

US Attack on Iran: क्या सऊदी अरब, इराक, इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), कतर, कुवैत, ओमान, बहरीन, यमन, सीरिया, लेबनान, जॉर्डन के बाद अब अब ईरान पर भी अमेरिका का दबदबा कायम होने वाला है? ईरान-इजरायल यु्द्ध में अमेरिका की एंट्री से इस बात को और बल मिला है. अमेरिका के ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा बयान दिया है. अमेरिका के एंट्री के बाद अब यह लड़ाई ईरान या अमेरिका तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे मिडिल ईस्ट के देशों पर पड़ सकता है. ऐसे में दुनिया के बड़े रक्षा विशेषज्ञ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की मीटिंग के मायने तलाश रहे हैं. क्या पाकिस्तान अब अमेरिका के करीब आता जा रहा है? क्या पूरे मिडिल-ईस्ट में अमेरिका की बादशाहत कायम होने वाला है? क्या ट्रंप अपना कार्यकाल पूरा करते-करते पूरे मिडिल-ईस्ट और पश्चिम एशिया में अमेरिका का राज कायम कर देंगे?

18 जून को वॉशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर की मुलाकात हुई थी. अब इजरायल-ईरान युद्ध के बीच अमेरिका की एंट्री ने कई सवालों को जन्म दिया है. ईरान पर इजरायली हमलों और अमेरिकी नौसैनिक बेड़े की तैनाती ने क्षेत्रीय तनाव को बढ़ाया है. ट्रंप ने पाकिस्तान को क्षेत्रीय शांति का अहम खिलाड़ी बताया, लेकिन मुलाकात के पीछे अमेरिका की रणनीति ईरान को कमजोर करने की थी, यह अमेरिका के ईरान पर हमले के बाद अब सामने आ गया है.

अमेरिका-पाक का बनेगा नया गठजोड़?
आने वाले दिनों में अमेरिका पाकिस्तानी सैन्य अड्डों का उपयोग ईरान के खिलाफ कर सकता है, खासकर नूर खान एयरबेस. पाकिस्तान की आर्थिक मजबूरियां और अमेरिका पर निर्भरता इसे ट्रंप का मोहरा बना सकती हैं. हालांकि, पाकिस्तान का ईरान के प्रति सार्वजनिक समर्थन और चीन के साथ गहरी साझेदारी इस गठजोड़ को जटिल बनाती है. विश्लेषकों का मानना है कि यह मुलाकात पश्चिम एशिया में अमेरिकी प्रभाव को मजबूत करने की कोशिश है, लेकिन ईरान की जवाबी कार्रवाई और क्षेत्रीय अस्थिरता इसे जोखिम भरा बना सकती है. क्या अमेरिका पश्चिम एशिया में अपना राज कायम कर पाएगा?

डोनाल्ड ट्रंप की क्या है रणनीति?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरानी परमाणु ठिकाने को तबाह करने की हालिया मुलाकात पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर से और उसके तुरंत बाद ईरान में अमेरिकी हमले से पश्चिम एशिया की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या ट्रंप, जाते-जाते पूरे पश्चिम एशिया में अमेरिका की बादशाहत स्थापित करना चाहते हैं? इन घटनाओं के पीछे की कूटनीति, सैन्य रणनीति और शक्ति संतुलन को समझना जरूरी है.

डोनाल्ड ट्रंप की पाकिस्तानी सेना प्रमुख से मुलाकात को यूं ही नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. पाकिस्तान, विशेष रूप से आईएसआई और आर्मी, अफगानिस्तान, ईरान और खाड़ी क्षेत्र में लंबे समय से एक अहम खिलाड़ी रहा है. ट्रंप की यह मुलाकात कई संकेत देती है. अमेरिका पाकिस्तान को फिर से एक रणनीतिक सहयोगी के रूप में खड़ा करना चाहता है, खासकर जब चीन और रूस का प्रभाव इस क्षेत्र में बढ़ रहा है. ईरान के खिलाफ किसी बड़े अभियान में पाकिस्तान की खुफिया या सीमित सैन्य भूमिका भी संभावित हो सकती है.

रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...

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