महंगी है MBBS की पढ़ाई, लोन लेना है तो समझ लीजिए पूरा हिसाब-किताब

3 hours ago

Last Updated:June 22, 2025, 11:56 IST

MBBS Education Loan: एमबीबीएस कोर्स की फीस चुकाने के लिए एजुकेशन लोन लेने की योजना बना रहे हैं तो उससे जुड़ी हर बात समझना जरूरी है. कई बार कैंडिडेट्स लोन के जाल में फंस जाते हैं.

महंगी है MBBS की पढ़ाई, लोन लेना है तो समझ लीजिए पूरा हिसाब-किताब

MBBS Education Loan: लोन लेने से पहले ब्याज दरें पता कर लें

हाइलाइट्स

MBBS की फीस ज्यादा होने की वजह से ज्यादातर स्टूडेंट्स लोन लेते हैं.एमबीबीएस के लिए लोन लेने से पहले ब्याज दर पता कर लें.विबिन्न बैंक्स और लोन कैलकुलेटर के जरिए तुलना करें.

नई दिल्ली (MBBS Education Loan). भारत में एमबीबीएस कोर्स की पढ़ाई बहुत महंगी है. आम घरों के बच्चों के लिए एमबीबीएस कर पाना आसान नहीं है. कुछ स्टूडेंट्स कम बजट में एमबीबीएस करने के लिए विदेश तक चले जाते हैं. वहीं, कुछ भारतीय मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए एजुकेशन लोन का सहारा लेते हैं. एमबीबीएस के लिए एजुकेशन लोन की राशि मेडिकल कॉलेज, लोकेशन और लोन देने वाले की नीतियों पर निर्भर करती है.

भारत में एमबीबीएस की औसत लागत सरकारी कॉलेजों में 5-10 लाख रुपये और निजी कॉलेजों में 30-60 लाख रुपये तक है. कुछ मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की फीस इससे ज्यादा भी है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) जैसे सरकारी बैंक भारत में 30 लाख रुपये तक और विदेश में 1.5 करोड़ रुपये तक का लोन प्रदान करते हैं. वहीं, आईसीआईसीआई बैंक निजी ऋणदाता भारत में 1 करोड़ और विदेश में 3 करोड़ तक लोन दे सकते हैं. इसके लिए पात्रता भी तय है.

Education Loan for MBBS: एमबीबीएस के लिए किसे लोन मिल सकता है?

एमबीबीएस कोर्स की पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन लेना है तो उसकी पात्रता जरूर पता कर लें. इसके लिए आवेदक का भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है. उसकी आयु 16-35 वर्ष के बीच होनी चाहिए और किसी मान्यता प्राप्त मेडिकल कॉलेज का एडमिशन लेटर होना भी जरूरी है. सह-आवेदक (माता-पिता/अभिभावक) और मजबूत शैक्षणिक रिकॉर्ड की आवश्यकता भी होती है. 7.5 लाख रुपये तक के लोन के लिए आमतौर पर कोलेटरल की जरूरत नहीं होती है, लेकिन इसके ऊपर कोलेटरल या गारंटर की मांग हो सकती है.

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एमबीबीएस के लिए एजुकेशन लोन कहां से लें?

एजुकेशन लोन के लिए एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा और पंजाब नेशनल बैंक जैसे सरकारी बैंक बेहतर ऑप्शन हैं, इनकी ब्याज दरें (8.20%-10.1%) निजी बैंकों (9.55%-16%) की तुलना में कम होती हैं. Propelld और Finnable जैसी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFCs) जल्दी लोन प्रदान करती हैं, लेकिन इनकी ब्याज दरें अधिक हो सकती हैं (16%-26%). विद्या लक्ष्मी पोर्टल (vidyalakshmi.co.in) के जरिए विभिन्न बैंकों की योजनाओं की तुलना कर सकते हैं.

सेंट्रल सेक्टर इंटरेस्ट सब्सिडी (CSIS) जैसी कुछ सरकारी योजनाएं आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (4.5 लाख तक वार्षिक आय) के एमबीबीएस उम्मीदवारों के लिए मोरेटोरियम अवधि में ब्याज सब्सिडी प्रदान करती हैं. लोन लेने से पहले ब्याज दर, उसे चुकाने की अवधि (15 वर्ष तक) और कोलेटरल आवश्यकताओं की तुलना जरूर करें. इससे आपको बेस्ट विकल्प चुनने में मदद मिलेगी. साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि कोर्स पूरा होने के बाद नौकरी की संभावनाएं हों और आपकी सैलरी लोन चुकाने के लिए काफी हो.

एजुकेशन लोन लेने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

एमबीबीएस एजुकेशन लोन लेने से पहले ब्याज दर, पुनर्भुगतान अवधि और कोलेटरल आवश्यकताओं की तुलना करें. सुनिश्चित करें कि लोन की EMI आपकी फ्यूचर सैलरी के अनुरूप हो. एमबीबीएस कोर्स पूरा करने के बाद डॉक्टर्स की एवरेज इनकम 6-15 लाख रुपये सालाना हो सकती है. सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं, जैसे CSIS या स्टेट-लेवल सब्सिडी. लोन डॉक्यूमेंट्स (आय प्रमाण, प्रवेश पत्र, कोलेटरल दस्तावेज) को पहले से तैयार रखें.

Deepali Porwal

Having an experience of 9 years, she loves to write on anything and everything related to lifestyle, entertainment and career. Currently, she is covering wide topics related to Education & Career but she also h...और पढ़ें

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