Israel Iran War: अमेरिकी हमले से गुस्से में दुनिया, इजरायल को छोड़कर सारे देशों ने की निंदा, क्या बोले UN, चीन, जापान, पाक और सऊदी अरब?

3 hours ago

ईरान और इजरायल की जंग में अब अमेरिकी भी कूद गया है. अमेरिका ने रविवार की सुबह ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करते हुए दुनिया की चिंता बढ़ा दी है. अमेरिका की तरफ से किए गए इस हमले को लेकर दुनिया भर के देश चिंता में हैं. इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने ट्रंप के इस कदम की तारीफ की और कहा कि इससे मध्य-पूर्व का भविष्य बदल जाएगा. कई देशों ने इस कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि इससे पूरे पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ेगा और जंग फैल सकती है.

यह पहली बार है जब अमेरिका ने सीधे ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की है, जो इजराइल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष में उसकी सीधी भागीदारी दर्शाता है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे एक शानदार कामयाबी बताया, लेकिन ईरान ने कहा कि फ़ोर्दो, नतांज और इस्फहान के परमाणु ठिकानों को कोई नुकसान नहीं हुआ है. इस हमले को लेकर ईरान के विदेश मंत्री ने अमेरिकी हमले को गैरकानूनी और आपराधिक बता दिया. साथ ही कहा कि यह लंबे समय तक और गंभीर नतीजे वाला हो सकता है. उन्होंने कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के मुताबिक आत्मरक्षा का पूरा अधिकार रखता है.

चीन ने क्या कहा?

अमेरिकी हमले की चीन ने भी निंदा और इसे क खतरनाक मोड़ करार दिया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका फिर वही रणनीतिक गलतियां दोहरा रहा है और जो उसने 2003 की इराक की जंग में की थी. चीन ने बातचीत और कूटनीति पर जोर देने की बात कही.

पाकिस्तान ने क्या कहा?

इसके अलावा पाकिस्तान ने भी अमेरिकी हमले की निंदा की और कहा कि यह अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि ईरान को आत्मरक्षा का पूरा हक है. हैरानी की बात है कि हाल ही में पाकिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति को नोबेल पीस प्राइज देने की वकालत की थी और उसके कुछ ही वक्त बाद पाकिस्तान को निंदा करने की जरूरत पड़ गई.

सऊदी, जापान क्या बोले?

वहीं हमास ने अमेरिकी हमले को ईरान की संप्रभुता पर हमला बताते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया. इसके अलावा सऊदी अरब, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसे देशों ने भी स्थिति पर चिंता जताई और सभी पक्षों से संयम और कूटनीतिक समाधान की अपील की.

UN ने भी चेताया

दूसरी तरफ ब्रिटेन ने ईरान से फिर से बातचीत की मेज पर लौटने को कहा और कहा कि उसका परमाणु कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी इसे बेहद खतरनाक करार दिया है और चेतावनी दी कि अगर संघर्ष और बढ़ा तो इसके भयानक नतीजे होंगे. उन्होंने कहा,'इसका कोई सैन्य समाधान नहीं है, सिर्फ कूटनीति ही रास्ता है.'

Read Full Article at Source