Last Updated:July 21, 2025, 22:27 IST
Jagdeep Dhankhar Health History: भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया. दिल की बीमारी और डॉक्टरों की सलाह के चलते उन्होंने संवैधानिक पद से खुद को अलग करने का फैसला किया. आइए...और पढ़ें

हाइलाइट्स
जगदीप धनखड़ ने संसद सत्र के बीच पद से इस्तीफा देकर सबको चौंकाया.डॉक्टरों की सलाह के बाद स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का फैसला लिया.दिल की बीमारी और लंबे समय से चल रहे इलाज के कारण ये फैसला.Jagdeep Dhankhar Health History: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को उस वक्त सबको चौंका दिया जब उन्होंने अपने पद से अचानक इस्तीफा दे दिया. उन्होंने संसद में चल रहे मॉनसून सत्र बीच यह निर्णय लिया और अपने इस्तीफे में इसका कारण स्वास्थ्य संबंधी बताया. अपने इस्तीफे में धनखड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए लिखा कि वे चिकित्सकों की सलाह पर यह कदम उठा रहे हैं और अब स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे.
धनखड़ के इस्तीफे के साथ ही इस संवैधानिक पद पर सियासी हलचल भी शुरू हो गई है. उन्होंने अपने पत्र में कहा कि यह निर्णय कठिन था, लेकिन जरूरी हो गया था क्योंकि उनका स्वास्थ्य उन्हें पूरी क्षमता से कार्य करने की अनुमति नहीं दे रहा था. इससे पहले भी वे बीते कुछ महीनों में कई बार अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं, और विशेषज्ञों ने उन्हें दिल संबंधी समस्याओं के चलते सतर्क रहने की सलाह दी थी.
किस बीमारी से जूझ रहे थे धनखड़?
इस साल 9 मार्च 2025 की रात को जगदीप धनखड़ को अचानक सीने में दर्द और बेचैनी की शिकायत के बाद दिल्ली स्थित AIIMS अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें वहां CCU (क्रिटिकल केयर यूनिट) में निगरानी में रखा गया और वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. राजीव नारंग की देखरेख में इलाज हुआ. डॉक्टरों के अनुसार उन्हें दिल से जुड़ी परेशानी थी जिसे तत्काल नियंत्रित कर लिया गया था. करीब तीन दिनों तक अस्पताल में रहने के बाद 12 मार्च को उन्हें छुट्टी दे दी गई थी, लेकिन कार्डियक मॉनिटरिंग जारी रखी गई.
डॉक्टरों की रिपोर्ट में बताया गया था कि उपराष्ट्रपति को हाई ब्लड प्रेशर, थकावट और कार्डियक स्ट्रेस जैसी समस्याएं हैं. उम्र के लिहाज से उन्हें गंभीर श्रेणी का मरीज माना गया और मेडिकल टीम ने उन्हें लंबे समय तक विश्राम और कार्यभार में कटौती की सिफारिश की थी. इसके बावजूद धनखड़ ने संवैधानिक जिम्मेदारियां निभाना जारी रखा लेकिन अंततः उन्हें इस्तीफा देना पड़ा.
इस्तीफे ने बढ़ाई चिंताएं
जब देश का उपराष्ट्रपति संसद सत्र के दौरान अचानक स्वास्थ्य का हवाला देकर पद से इस्तीफा देता है तो यह केवल व्यक्तिगत निर्णय नहीं रह जाता. यह सार्वजनिक जीवन और जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों की स्वास्थ्य स्थितियों पर भी सवाल उठाता है. यह स्पष्ट संकेत है कि गंभीर बीमारियां जैसे दिल की तकलीफें, काम के दबाव और उम्र बढ़ने के साथ गंभीर हो जाती हैं.
धनखड़ ने अपने पत्र में आग्रह किया कि उनके निर्णय को राजनीति से न जोड़ा जाए और इसे एक व्यक्तिगत स्वास्थ्य विषय के रूप में देखा जाए. हालांकि इस इस्तीफे के समय और परिस्थिति को देखते हुए राजनीतिक गलियारों में कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं.
अब आगे क्या?
संविधान के अनुच्छेद 67(a) के अनुसार, उपराष्ट्रपति का इस्तीफा राष्ट्रपति को भेजा जाता है, जिसे मंजूरी मिलते ही पद खाली हो जाता है. अब नए उपराष्ट्रपति चुनने की प्रक्रिया जल्द शुरू करनी होगी. यह पद संसद के दोनों सदनों में निष्पक्ष संचालन और महत्वपूर्ण विधायी कार्यों के लिए अत्यंत आवश्यक माना जाता है. इस्तीफा आने के साथ ही राजनीतिक दलों में हलचल तेज हो गई है. आगे यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्ष और सत्ता पक्ष इस संवैधानिक रिक्ति को कैसे भरते हैं.
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
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