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Last Updated:August 08, 2025, 08:29 IST
Trump Tariffs LIVE: डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर से पूरी दुनिया में उथल-पुथल मची हुई है. भारत पर भी कुल मिलाकर 50 फीसद तक टैरिफ लगाने का ऐलान किया जा चुका है. इंडियन प्रोडक्ट्स पर 25 फीसद टैरिफ लागू भी हो चुका ...और पढ़ें

डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ वॉर से पूरी दुनिया में उथल-पुथल मची हुई है. (फोटो: एपी)
Trump Tariffs LIVE: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ वॉर छेड़कर दुनिया की मौजूदा व्यवस्था में भूचाल ला दिया है. ट्रंप ने उसी व्यवस्था की नींव हिला रहे हैं, जिसका निर्माता अमेरिका खुद है. भारत और चीन समेत कई देशों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाकर उसकी इकोनोमी को हिलाने का प्रयास किया गया है. ट्रंप के इस कदम के चलते भारत, चीन, ब्राजील, रूस जैसे देश करीब आने लगे हैं. तकरीबन सात साल के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजिंग की यात्रा पर जा रहे हैं. वहीं, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा ने पीएम मोदी से इस मसले पर बात की है. अजित डोभाल इस वक्त मॉस्को में हैं.स्वाभाविक तौर पर ट्रंप टैरिफ का मुद्दा एजेंडे में टॉप पर रहा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 अगस्त 2025 को स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि भारत अपने किसानों के हितों के खिलाफ बिल्कुल नहीं जाएगा. भारत पर 50 फीसद तक टैरिफ लगाने पर चीन का रिएक्शन भी सामने आया है. भारत में चीनी राजदूत शू फेइहोंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना की है. शू ने X पर एक पोस्ट में टैरिफ को अन्य देशों को दबाने का हथियार बताया. उन्होंने लिखा, ‘दबंग को एक इंच दो, वह एक मील ले लेगा.’ चीनी राजदूत ने X पर आगे लिखा, ‘अन्य देशों को दबाने के लिए टैरिफ का उपयोग करना यूएन चार्टर का उल्लंघन करता है, WTO नियमों को कमजोर करता है और यह न तो लोकप्रिय है और न ही टिकाऊ.’
रूस से किसने कितना खरीदा तेल
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने भी ट्रंप की आलोचना की और उनके कदम को टैरिफ का दुरुपयोग बताया. गुओ जियाकुन ने कहा, ‘टैरिफ के दुरुपयोग के खिलाफ चीन का विरोध स्पष्ट और सुसंगत है.’ जून 2025 के लिए सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CERA) के डेटा के अनुसार, चीन ने रूस के कच्चे तेल के निर्यात का 47 प्रतिशत खरीदा, इसके बाद भारत ने 38 प्रतिशत, यूरोपीय संघ ने 6 प्रतिशत और तुर्की ने 6 प्रतिशत खरीदा. CERA एक स्वतंत्र अनुसंधान संगठन है जो फिनलैंड में पंजीकृत है. जबकि चीन और तुर्की रूस से काफी मात्रा में तेल खरीदते हैं, उनमें से किसी ने भी रूसी तेल या तेल उत्पादों से जुड़े अतिरिक्त अमेरिकी टैरिफ का सामना नहीं किया है.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 08, 2025, 08:29 IST