डोनाल्ड ट्रंप की कमजोर 'नब्ज' पकड़ में आ गई! इस शख्स के इशारे पर नाचते हैं प्रेसिडेंट?

11 hours ago

Donald Trump: भारत पर मनमाना टैरिफ लगाने वाले ट्रंप अगर चाहकर भी चीन के खिलाफ एक्शन नहीं ले पा रहे तो क्या इसकी एक बड़ी वजह चीनी बिजनेसमैन है? ऐसी खबर सामने आ रही है कि चीनी मूल के एक बिजनेसमैन ने ट्रंप की कमजोर नब्ज पकड़ ली है. जस्टिन नाम का कारोबारी ट्रंप के सबसे करीबी लोगों में से है जिसे ट्रंप डिनर पर बुलाते हैं, जिसके साथ ट्रंप के बेटे मंच साझा करते हैं और ट्रंप के एक और बेटे जिसकी तारीफ करते नहीं थकते. यानी उस चीनी बिजनेसमैन में ऐसा क्या है कि पूरी ट्रंप फैमिली उसका मुरीद है.

ट्रंप के साथ आखिर जस्टिन सन का क्या कनेक्शन है, कैसे जस्टिन पर ट्रंप मेहरबान हैं और इसको लेकर अमेरिका में क्यों सवाल खड़े हो रहे हैं, ये बताने से पहले आपको ट्रंप के क्रिप्टो कारोबार के बारे में कुछ अहम जानकारी देना जरूरी है, क्योंकि ये बड़ा खुलासा क्रिप्टो से जुड़ा है. पिछले साल अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले सितंबर में वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल यानी WLF नाम की क्रिप्टोकरेंसी कंपनी की शुरु की गई थी. जिसका कनेक्शन ट्रंप और उनके परिवार से है. WLF में ट्रंप को चीफ क्रिप्टो एडवोकेट और को-फाउंडर एमेरिटस जैसी पदवी दी गई है. ट्रंप के बेटे एरिक ट्रंप और डॉनल्ड ट्रंप जूनियर सक्रिय रूप से इस कंपनी के मैनेजमेंट में शामिल हैं और वो कंपनी के एंबेसडर हैं. ट्रंप के करीबी स्टीव विटकॉफ के बेटे जैक विटकॉफ कंपनी के को-फाउंडर और CEO हैं. कई अलग-अलग कंपनियों के ज़रिए ट्रंप परिवार का WLF पर नियंत्रण है.

ट्रंप परिवार की पकड़ बरकरार

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शुरुआत में WLF में ट्रंप परिवार का हिस्सा 60% था. लेकिन माना जा रहा है कि पिछले कुछ महीनों में ट्रंप परिवार का हिस्सा घटकर 40% हो गया है लेकिन नियंत्रण अभी भी बना हुआ है. WLF के टोकन सेल्स से 75 प्रतिशत रेवेन्यू ट्रंप परिवार को मिलेगा जबकि भविष्य के ऑपरेशनल रेवेन्यू से 60 प्रतिशत हिस्सा भी ट्रंप परिवार को मिलेगा.  2024 के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप की जीत के बाद कंपनी की बिक्री में ज़ोरदार बढ़ोतरी हुई है. इसका कारण ये है कि ट्रंप जिस कारोबार में शामिल हैं, उसके लिए नीति निर्धारण की ज़िम्मेदारी भी अब उन्हीं के पास है. यानी ट्रंप ही क्रिप्टो कारोबार के लिए कानून तय करेंगे.

#DNAWithRahulSinha | ट्रंप की कमजोर 'नब्ज'..पकड़ में आ गई। चीनी बिजनेसमैन के इशारे पर नाचते हैं ट्रंप?

ट्रंप के क्रिप्टो कारोबार में चीनी कारोबारी का निवेश, जस्टिन सन ने 75 मिलियन डॉलर से ज्यादा लगाए। ट्रंप पर जस्टिन सन को फायदा पहुंचाने का आरोप #DNA #DonaldTrumppic.twitter.com/y2oeL96jKy

— Zee News (@ZeeNews) September 6, 2025

वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल

अब वापस लौटते हैं ट्रंप के क्रिप्टो कारोबार के चाइनीज कनेक्शन पर. ट्रंप से जुड़ी कंपनी वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल में निवेश करने वाले प्रमुख लोगों में से एक हैं चीनी मूल के अरबपति कारोबारी जस्टिन सन. जिन्होंने ट्रंप के क्रिप्टो कारोबार में पैसा लगाकर डोनाल्ड ट्रंप को अपने वश में कर लिया है. 35 साल के जस्टिन सन क्रिप्टो प्लैटफॉर्म ट्रॉन के फाउंडर हैं. जस्टिन को क्रिप्टो किंग भी कहा जाता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक जस्टिन सन ने वर्ल्ड लिबर्टी फाउंडेशन के टोकन में 75 मिलियन डॉलर यानी 661 करोड़ रुपये का निवेश किया है. जस्टिन सन ने पहली बार वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल की शुरुआत के समय 30 मिलियन डॉलर का निवेश किया था. दूसरी बार जस्टिन ने 45 मिलियन डॉलर ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के कुछ ही दिनों के बाद निवेश किया. 

इसके बदले में जस्टिन सन को वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल का एडवाइजर बनाया गया. लेकिन चीनी मूल के इस कारोबारी पर ट्रंप की कृपा यहीं तक सीमित नहीं रही. जनवरी में दूसरी बार अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के कुछ ही दिनों के बाद अमेरिका की स्वतंत्र एजेंसी सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन यानी SEC ने जस्टिन और उनकी कंपनियों के ख़िलाफ धोखाधड़ी के एक मामले में जांच रोक दी. जस्टिन के पैसा लगाने और उसके बाद SEC की तरफ़ से जांच रोकने के फैसले ने हितों के टकराव यानी Conflict of Interest को लेकर ट्रंप पर सवाल खड़े कर दिए. 

लेकिन सवालों के बावजूद जस्टिन सन पर ट्रंप की मेहरबानी बनी रही. इसी साल मई में जस्टिन को ट्रंप के साथ एक स्पेशल डिनर में बुलाया गया जहां उन्हें 1 लाख डॉलर की ट्रंप ब्रांडेड टूरबिलन घड़ी गिफ्ट के तौर पर दी गई. जस्टिन सन इस साल दुबई और हॉन्ग कॉन्ग में ट्रंप के दूसरे बेटे एरिक ट्रंप के साथ वर्ल्ड लिबर्टी के क्रिप्टो इवेंट में मंच भी साझा कर चुके हैं. 

लेकिन जिस ट्रंप ने अब क्रिप्टो करेंसी की कंपनी शुरू की है, जो क्रिप्टो करेंसी को प्रमोट करते हैं, वही ट्रंप 2024 से पहले इसकी ज़ोरदार आलोचना करते थे. वो क्रिप्टो करेंसी को ड्रग्स माफिया और घोटालेबाज़ों का पैसा बताते थे. लेकिन पिछले साल वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल की शुरुआत करने से ठीक पहले क्रिप्टो को लेकर उनकी सोच बदल गई. ये भी एक अजब संयोग था कि ट्रंप का ये हृदय परिवर्तन उनके कैंपेन के लिए क्रिप्टो इंडस्ट्री से लाखों डॉलर की फंडिंग के साथ-साथ हुआ. 

ट्रंप की क्रिप्टो डील चीनी मूल के बिज़नेसमैन के साथ-साथ पाकिस्तान से भी हुई. अप्रैल 2025 में वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल ने पाकिस्तान के साथ एक बड़ी क्रिप्टो डील साइन की. इस समझौते का मकसद पाकिस्तान को दक्षिण एशिया का क्रिप्टो सेंटर बनाना है. दोनों के बीच ये करार पहलगाम हमले के सिर्फ 4 दिन बाद यानी 26 अप्रैल को हुआ था. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस डील के बाद ट्रंप परिवार की अरबों डॉलर की संपत्ति बढ़ गई. 

पाकिस्तान कनेक्शन!

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन खुलेआम कह रहे हैं कि इसी समझौते की वजह से ट्रंप भारत के बदले पाकिस्तान का पक्ष ले रहे हैं. शायद इसी डील का असर है कि अमेरिकी सेना ने पाकिस्तान में बाढ़ राहत के काम में मदद के लिए फ्राइडे को अपना विमान भेजा है. अमेरिकी विमान पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस पर उतरा. ये वही नूर खान एयरबेस है जिस पर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने सटीक हमला किया था. सवाल ये भी उठ रहे हैं कि कहीं बाढ़ राहत के नाम पर अमेरिकी सेना पाकिस्तान की मदद के लिए तो नहीं पहुंची है.

WLF के टोकन की ट्रेडिंग

अब फिर से आते हैं क्रिप्टो करेंसी से ट्रंप परिवार के मुनाफ़े की तरफ तो 1 सितंबर से WLF के टोकन की ट्रेडिंग शुरू हुई है. ट्रेडिंग शुरू होते ही WLF में ट्रंप परिवार की हिस्सेदारी की वैल्यू 5 अरब डॉलर यानी लगभग 440 अरब रुपये हो गई है. ये स्थिति उस समय है जब लाखों अमेरिकी नागरिक खाने-पीने के सामान की महंगाई से जूझ रहे हैं. जब रेटिंग एजेंसी मूडीज़ ने इसी साल के अंत तक अमेरिका में मंदी आने की आशंका जताई है.

दिखावे की कार्रवाई

हितों के टकराव को लेकर अपनी इन्वेस्टिगेशन के दौरान अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने ट्रंप की आलोचना करते हुए लिखा, 'WLF ने प्राइवेट कारोबार और सरकारी नीतियों के बीच की सीमा को इस तरह खत्म किया जिसका आधुनिक अमेरिका के इतिहास में कोई उदाहरण नहीं है'. वैसे जस्टिन सन के साथ संबंधों को लेकर आलोचना के बाद अब ये खबर भी आ रही है कि वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल ने जस्टिन के टोकन को फ्रीज कर दिया है. लेकिन ट्रंप की कंपनी की ये कार्रवाई दिखाने के लिए भी हो सकती है. दुनिया से मुंह छिपाने के लिए भी हो सकती है ताकि लोग उन्हें चीन से नहीं जोड़ें.

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