हाइलाइट्स
तिरुपति मंदिर के लड्डू में चर्बी और फिश ऑयल मिले होने पर मचा था बवालसुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है मामला, फिलहाल की जा रही है हाई-लेवल जांचनौ दिनों तक चलने वाले ब्रह्मोत्सवम में पिछले साल के टूटे कई रिकॉर्ड
तिरुपति (आंध्र प्रदेश). तिरुपति मंदिर देश-विदेश में बसे लाखों-करोड़ों हिन्दुओं के लिए आस्था का केंद्र है. तिरुपति तिरुमला देवस्थानम में प्रसाद के तौर पर मिलने वाले लड्डू का काफी महत्व होता है. इसके प्रति लोगों के मन में गहरी आस्था है. पिछले दिनों इसी लड्डू को लेकर विवाद छिड़ गया था. तिरुपति मंदिर में मिलने वाले पवित्र लड्डू में मिलावटी घी का इस्तेमाल करने का आरोप लगा था. जानवरों की चर्बी और यहां तक कि बीफ का प्रयोग करने की बात भी सामने आई थी. इससे करोड़ों भक्तों की आस्था को ठेस पहुंची थी. अब तिरुपति तिरुमला देवस्थानम (TTD) ने एक चौंकाने वाला आंकड़ा जारी किया है. तिरुपति मंदिर प्रशासन ने बताया कि सालाना ब्रह्मोत्सवम के पहले 8 दिन में 30 लाख लड्डू बेचे गए. इस दौरान लाखों की तादाद में श्रद्धालुओं ने भगवान वेंकेटेश्वर के दर्शन किए.
तिरुपति तिरुमला देवस्थानम ने एक बयान जारी कर बताया कि ब्रह्मोत्सवम के पहले 8 दिन के दौरान श्रद्धालुओं ने 30 लाख लड्डू खरीदे. बता दें कि ब्रह्मोत्सवम के दौरान भगवान वेंकेटेश्वर स्वामी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. TTD ने शनिवार को बताया कि ब्रह्मोत्सवम 9 दिनों तक चलता है, जिसका आखिरी दिन 12 अक्टूबर था. इस दौरान तकरीबन 15 लाख श्रद्धालुओं ने वाहन सेवा का दर्शन किया. TTD के अनुसार, इस साल ब्रह्मोत्सवम के मौके पर 30 लाख छोटे लड्डू भक्तों ने खरीदे. प्रत्येक लड्डू की कीमत 50 रुपये है. पिछले साल भी इस दौरान इतने ही लड्डू बिके थे.
करोड़ों की रुपये की कमाई
TTD ने तिरुपति तिरुमला मंदिर की सालाना कमाई के बारे में भी जानकारी दी है. देवस्थानम की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस साल 26 करोड़ रुपये का हुंडी कलेक्शन हुआ है. पिछले साल के मुकाबले यह 2 करोड़ ज्यादा है. मतलब यह हुआ कि तिरुपति मंदिर की कमाई में वृद्धि हुई है. साथ ही संस्था की ओर से जानकारी दी गई कि 26 लाख लोगों के बीच अन्नप्रसादम वितरित किया गया. पिछले साल के ब्रह्मोत्सवम के दौरान 16 लाख भक्तों को अन्नप्रसादम बांटा गया था. इस तरह इस वर्ष 10 लाख ज्यादा श्रद्धालुओं को अन्नप्रसादम मिला.
वॉलेंटियर की संख्या में भी वृद्धि
तिरुपति मंदिर में श्रद्धालुओं की निस्वार्थ सेवा करने वाले वॉलेंटियर की तादाद में भी वृद्धि दर्ज की गई है. पिछले साल 3300 श्रीवरि सेवक (वॉलेंटियर) ने श्रद्धालुओं की सेवा की थी. इस बार यह संख्या बढ़कर 4000 तक पहुंच गई. इसके अलावा 45 डॉक्टर, 60 परामेडिकल स्टाफ और 13 एंबुलेंस भी भक्तों की सेवा में लगे रहे. बता दें कि ब्रह्मोत्सवक की शुरुआत 4 अक्टूबर 2024 को हुई थी.
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FIRST PUBLISHED :
October 12, 2024, 20:53 IST