Last Updated:December 01, 2025, 14:28 IST
Cyclone: चक्रवाती तूफान दितवाह भारतीय तट से नहीं टकराया, जिसकी उम्मीद की जा रही थी. हालांकि, इस तूफान ने श्रीलंका में 300 से अधिक लोगों की जान ली. मगर भारतीय तट से न टकराने असल वजह आईएमडी ने बताई है.
दितवाह भारत में लैंडफॉल क्यों नहीं किया?श्रीलंका और उसका उत्तरी हिस्सा जाफना भारत के तुरंत नीचे यानी कि दक्षिण हिस्से में स्थित है. यहां बीते तीन दिनों से चक्रवाती तूफान ‘दितवाह’ (Cyclone Ditwah) तबाही मचा रहा था. जिसकी वजह से 300 से अधिक लोगों की मौत हो गई. हालांकि, श्रीलंका के बाद भारत के दक्षिणी राज्यों में इसकी बारी थी. मौसम विभाग का तबाही वाला पूर्वानुमान भी था. पहले तामिलनाडु, फिर तामिलनाडु-पुडुचेरी के तट से टकराने का अनुमान था. मगर, ये तूफान भारतीय तट को छूने की बजाय उसके समानांतर (पैरलल) गुजरते हुए कमजोर हो गया. आईएमडी के अनुसार, तूफान का केंद्र तमिलनाडु-पुडुचेरी तट से न्यूनतम 25-80 किमी दूर रहा. उत्तर दिशा में बंगाल की खाड़ी में ही कमजोर हो गया. भारतीय तट पर लैंडफॉल न होने से बड़ी तबाही टल गई. मगर ये जानना जरूरी है कि आखिर तूफान क्यों नहीं टकराया? आइए जानें वैज्ञानिक कारण.
आईएमडी के डायरेक्टर जनरल एम मोहपात्रा ने बताया कि तूफान 29 नवंबर को श्रीलंका पार किया. इसके बाद उत्तरी दिशा में भारत की धीरे-धीरे बढ़ना शुरू किया था. हालांकि, मात्र 24 घंटों में बंगाल की खाड़ी में फिर से तेज हुआ, लेकिन फिर इसकी रफ्तार में कमी आई और यह उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में 5 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलना शुरू हुआ. ये चक्रवाती तूफान तट से नहीं टकराया और इसका केंद्र तमिलनाडु के उत्तरी तट (चेन्नई से 150 किमी दक्षिण-पूर्व) से 80 किमी दूर रहा. मुख्य वजहें-
बढ़ती विंड शीयर (Wind Shear): ऊपरी हवाओं की दिशा और गति में अंतर से तूफान का ऊपरी हिस्सा (क्लाउड सिस्टम) नीचे के हिस्से से अलग हो गया. इससे तूफान की संरचना बिखरने लगी और ताकत कम हुई. आईएमडी ने कहा कि विंड शीयर 20 नॉट्स से ऊपर पहुंच गया, जो तूफान को कमजोर करने का बड़ा कारण था. दरअसल, विंड शीयर का मुख्य काम ही चक्रवाती तूफान को कमजोर करना होता है. यह तूफान के ऊपरी हिस्सा को नीचे वाले हिस्से से अलग कर देता है. समुद्री सतह का ठंडा तापमान (Cooler Sea Surface Temperatures): बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में समुद्र का तापमान 28-29°C तक गिर गया, जबकि तूफान को मजबूत रहने के लिए 30°C से ऊपर की गर्मी चाहिए. ठंडे पानी ने तूफान को ऊर्जा न देकर कमजोर कर दिया. तूफान का ट्रैक और दिशा: तूफान का प्राकृति उत्तर की ओर था, जो तट के समानांतर रहा. IMD के पूर्वानुमान के मुताबिक, यह चेन्नई के पास से 50 किमी दूर गुजरा और पुडुचेरी से 25 किमी दूर होकर कमजोर डिप्रेशन बन गया. इससे तमिलनाडु में भारी बारिश (कुछ जगहों पर 100-150 मिमी) हुई, लेकिन लैंडफॉल न होने से जान-माल का नुकसान कम रहा. इसकी वजह से बारिश-संबंधी हादसों में तीन लोगों की मौत हुई.पहले भी कई तूफानों ने रास्ते बदल लिए थे
पिछले चक्रवातों (जैसे 2006 का ओग्नी या 1993 का डिप्रेशन) की तरह ‘दितवाह’ का ट्रैक भी तमिलनाडु तट के साथ समानांतर रहा. आईएमडी ने पूर्वानुमान जारी किया कि लैंडफॉल की संभावना कम है. इसलिए तटीय जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया. भारत ने श्रीलंका की मदद की, लेकिन अपनी तैयारी से तूफान को बिना ज्यादा नुकसान के गुजरने दिया.
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दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
December 01, 2025, 14:28 IST

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