Indonesia: इंडोनेशिया ने 'हराम शोर' पर पाबंदी लगा दी है. अब आप सोच रहे होंगे कि यह हराम शोर क्या होता है? दरअसल यहां पर ऊंचे-ऊंचा लाउडस्पीकर और डीजे बजाना बहुत आम है. ये स्पीकर इतनी तेज बजते हैं कि लोगों की खिड़कियां टूट जाती हैं और कुछ जगहों पर तो दीवारों में भी दरारें आ जाती हैं.
कई लोगों ने सोशल मीडिया पर भी वीडियोज डाले, जिनमें दीवारों में दरारें, छत की टाइलें गिरना और दुकानों का सामान टूटना साफ दिखा. इसे स्थानीय भाषा में 'साउंड होरेग' कहते हैं, यानी इतना शोर कि चीजे हिलने लगें. शादी-ब्याह और गली-मोहल्ले की पार्टियों में लगातार इस तरह के प्रोग्राम आयोजित होने के चलते अब प्रशासन परेशान हो गया है. परेशान होकर प्रशासन ने इन पर पाबंदी लगा दी. इस पाबंदी का धार्मिक संस्थाओं ने भी स्वागत किया और इन स्पीकरों से होने वाले शोर को भी 'हराम' करार दिया है.
आवाज को लेकर एक सीमा तय की गई
अब प्रशासन की तरफ से आवाज को लेकर एक सीमा तय की गई है और किस जगह, किस समय लाउडस्पीकर बज सकते हैं, इसकी भी गाइडलाइन दी गई. ईस्ट जावा की गवर्नर खाफीफ़ाह परावंसा ने कहा,'यह नियम लोगों की सेहत और सुरक्षा के लिए है. आवाज पर कंट्रोल जरूरी है ताकि शांति भंग न हो.'
स्पीकर टावर: 120 डेसिबल से ज्यादा नहीं हो.
मोबाइल यूनिट (जुलूस/प्रदर्शन): 85 डेसिबल तक तय की गई है.
स्कूल, अस्पताल, एम्बुलेंस और पूजा-स्थलों के पास इनका इस्तेमाल पूरी तरह बैन रहेगा.
सेहत पर असर: महिला की मौत
तेज शोर का असर दिल और कानों पर बुरा पड़ता है. हाल ही में एक महिला की मौत हो गई, जब वह तेज आवाज वाले स्पीकर के पास थी और उन्हें हार्ट अटैक आ गया. कई लोग कानों की समस्या की शिकायत कर रहे हैं. लोग आमतौर पर शादी, खतना और स्वतंत्रता दिवस के प्रोग्राम में रात भर इन स्पीकरों को किराये पर लेते हैं.
लाउडस्पीकर हराम: इस्लामी काउंसिल का फतवा
इससे पहले जुलाई में एक स्थानीय इस्लामी काउंसिल ने फतवा जारी किया. उन्होंने कहा,'शादी, जुलूस या किसी भी मौके पर अगर लाउडस्पीकर इतना तेज बजाया जाए कि नुकसान हो, लोगों की इबादत में रुकावट आए या सड़क पर परेशानी हो तो यह हराम है.'