Last Updated:October 07, 2025, 17:55 IST
Bihar Chunav RJD Candidates List: बिहार चुनाव 2025 में आरजेडी तेजस्वी यादव के A टू Z फॉर्मूला के तहत 144 सीटों पर जातिगत संतुलन साधते हुए EBC और अगड़ी जातियों को टिकट देने जा रही है.खासकर इस बार भूमिहार, ब्राह्मण और कुछ कायस्थ उम्मीदवारों को भी टिकट मिल सकती है.

पटना. बिहार चुनाव 2025 की तारीखों के ऐलान के बाद अब राजनीतिक पार्टियां उम्मीदवारों के नाम फाइनल करने लगी हैं. बिहार चुनाव में अरविंद केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी पहली पार्टी बन गई, जिसने सबसे पहले अपने 11 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया. अब धीरे-धीरे बिहार की मुख्यधारा की पार्टियां और उनके नेता भी उम्मीदवारों के नामों पर अंतिम मुहर लगा रहे हैं. हालांकि, अभी तक न ही एनडीए और न ही महागठबंधन की तरफ से किसी उम्मीदवार का ऐलान हुआ है. अगर बात आरजेडी की करें तो लगभग तय हो गया है कि आरजेडी कहां-कहां और कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी. आरजेडी सूत्रों की मानें तो इस बार तेजस्वी यादव ने सीट चयन में कई पैरामीटर तय किए हैं. लगभग एक दर्जन मौजूदा विधायकों के टिकट कटने के भी कयास लगाए जा रहे हैं. लेकिन एक बात लगभग फाइनल हो गया है कि आरजेडी उतनी ही सीटों पर और उन्हीं-उन्हीं सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जिन-जिन सीटों पर उसने बिहार चुनाव 2020 में लड़ा था.
तेजस्वी यादव ने टिकटों के सेलेक्शन में इस बार A टू Z का फॉर्मूला अपनाया है. तेजस्वी यादव लगातार बोलते रहे हैं कि जितनी जिसकी हिस्सेदारी, उतरी भागीदारी. इस फॉर्मूला के तहत इस बार 30 से 35 सीट आरजेडी अपने कोटे से अति पिछड़ा वर्ग यानी ईबीसी को दे सकती है. तेजस्वी का यह फॉर्मूला अगड़ी जातियों पर भी लागू होता है. इस बार आरजेडी कम से कम एक से डेढ़ दर्जन अगड़ी जाति यानी भूमिहार, राजपूत, ब्राह्मण, कायस्थ उम्मीदवारों को मैदान में उतार सकती है.
RJD ने फाइनल की अपने उम्मीदवारों की लिस्ट…
2-3 सीट पर मंथन बाकी.. कई विधायकों का कट सकता है टिकट.. A टू Z के तहत हुआ है चयन..VIP अध्यक्ष मुकेश सहनी का बड़ा बयान.. महागठबंधन में हो गई सीट शेयरिंग.. सीटों का फॉर्मूला पहले ही तय- सहनी pic.twitter.com/jjlbGqp4u1
तेजस्वी का ए टू जेड फॉर्मूला
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. 6 नवंबर पहला चरण और 11 नवंबर को दूसरे चरण के लिए वोट डाले जाएंगे. 14 नवंबर को नतीजे आएंगे. आरजेडी सूत्रों की मानें तो तेजस्वी यादव ने अपनी उम्मीदवारों की पहली सूची लगभग तैयार कर ली है और इस बार का सीट चयन पूरी तरह से आरजेडी की छवि बदलने पर केंद्रित है. तकरीबन यह तय है कि आरजेडी 2020 के चुनाव में लड़ी गई 144 सीटों पर ही अपने उम्मीदवार उतारेगी. इन सीटों पर तेजस्वी यादव का सबसे बड़ा दांव ‘A टू Z’ फॉर्मूला है, जिसके तहत जातिगत समीकरण को साधने के लिए बड़े पैमाने पर टिकटों का बंटवारा किया गया है. आरजेडी ने अपनी पारंपरिक M-Y (मुस्लिम-यादव) समीकरण से बाहर निकलने की बड़ी रणनीति बनाई है, जो सीधे तौर पर एनडीए के वोट बैंक में सेंध लगा सकती है.
कितने भूमिहार, ब्राह्मण और ईबीसी लड़ेंगे चुनाव?
इस बार आरजेडी ने अपने कोटे की 144 सीटों में से 30 से 35 सीटें अति पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को देने का फैसला किया है. यह नीतीश कुमार के कोर वोट बैंक को तोड़ने की सीधी कोशिश है. आरजेडी यह संदेश देना चाहती है कि वह केवल यादवों की ही नहीं, बल्कि सबसे पिछड़े और वंचित वर्गों की भी पार्टी है. 30-35 सीटों पर EBC उम्मीदवारों को उतारना आरजेडी के इतिहास में एक बड़ा बदलाव है. अगड़ी जातियों (Upper Castes) को साधने की पहल की है. आरजेडी जातिगत राजनीति के अपने पुराने टैग को हटाने के लिए कम से कम 12 से 18 उम्मीदवार अगड़ी जातियों जैसे भूमिहार, राजपूत, ब्राह्मण, कायस्थ से उतार सकती है.
आरजेडी के 144 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला यह दर्शाता है कि पार्टी अपने पारंपरिक गढ़ों पर कब्जा बरकरार रखना चाहती है. हालांकि, उम्मीदवारों के चयन में तेजस्वी ने कठोरता बरती है. करीब एक दर्जन वर्तमान विधायकों का टिकट कटना लगभग तय है, जिनका प्रदर्शन खराब रहा है या जो स्थानीय स्तर पर जनता के बीच अलोकप्रिय हो चुके हैं या जिन्होंने पाला बदलकर दूसरी पार्टियों का रुख किया है. ऐसे में तेजस्वी यादव का A टू Z फॉर्मूला केवल एक सियासी बयानबाजी नहीं, बल्कि एक व्यवहारिक चुनावी रणनीति है.
रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...
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First Published :
October 07, 2025, 17:54 IST